ऐशेज़ में शानदार प्रदर्शन के बावजूद भारतीय दौरे से बाहर होने पर चिंतित नहीं हैं क्रिस वोक्स
ऑलराउंडर ने स्वीकार किया कि उनके विदेशी रिकॉर्ड को देखते हुए पांच टेस्ट के दौरे के लिए उनको निकालना सही निर्णय
कैमरन पोसोनबे
12-Dec-2023
भारत के ख़िलाफ़ टेस्ट सीरीज़ में नहीं चुने जाने पर चिंतित नहीं वोक्स • AFP/Getty Images
इंग्लैंड के भारत दौरे पर पांच टेस्ट मैचों की टीम से बाहर होने के बावजूद क्रिस वोक्स चिंतित नहीं हैं। इंग्लैंड के ऑलराउंडर ने इसको सही फ़ैसला बताया है।
एक दशक तक घरेलू धरती पर विशेषज्ञ गेंदबाज़ के तौर पर वोक्स ने अपनी पहचान बनाई है। ऐसे में उनके लिए ऐसी धारणा बनी कि वोक्स सिर्फ़ घरेलू पिचों में ही बढ़िया प्रदर्शन करते हैं।
चार ही महीने बीते हैं जब वोक्स को ऐशेज़ में प्लेयर ऑफ़ द सीरीज़ के लिए कॉम्प्टन मिलर मेडल से नवाज़ा गया था, लेकिन भारत में पांच टेस्ट मैचों के लिए टीम में नहीं होना 34 वर्षीय तेज़ गेंदबाज़ को परेशान करेगा। इसके बजाय कि उन्हें घरेलू परिस्थितियों में इंग्लैंड के लिए उनके महत्व का आश्वासन दिया है और तथ्य यह है कि जब वेस्टइंडीज़ और श्रीलंका 2024 में टेस्ट क्रिकेट के लिए इंग्लैंड आएंगे, तो उनके नाम पर सबसे पहले विचार जाएगा।
वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ पांच टी20आई मैचों की सीरीज़ शुरू होने से पहले वोक्स ने कहा, "यह मिश्रित भावनाएं हैं। जब भी टेस्ट टीम का चयन होता है तो आप हमेशा उसमें रहना चाहते हो, लेकिन इसी समय मेरी उम्र और बाहर के रिकॉर्ड ख़ासतौर पर एशिया के रिकॉर्ड को देखते हुए मुझे लगता है कि यह सही फ़ैसला है।"
वोक्स के घर बनाम बाहर के प्रदर्शन का अच्छी तरह से आंकलन किया गया है। घर में उनकी गेंदबाज़ी औसत 21.88 है, जबकि घर के बाहर यह औसत 51.88 की हो जाती है। कई बार ऐसे मौक़े आए हैं जब इस ट्रेंड को तोड़ने की कोशिश हुई है, जैसे 2019 में न्यूज़ीलैंड में और 2020 में साउथ अफ़्रीका में, लेकिन इसके अलावा कुछ ख़ास नहीं हो पाया है।
उनका ख़राब दौर 18 महीने पहले वेस्टइंडीज़ में शुरू हुआ था, जब जेम्स एंडरसन और स्टुअर्ट ब्रॉड के नहीं रहने से वोक्स को गेंद से ओपन करने का मौक़ा मिला। तब वह तीन टेस्ट मैच में वह 48.80 की औसत से पांच ही विकेट ले पाए थे।
उस दौरे पर चर्चा करते हुए और इस उम्मीद के साथ कि इंग्लैंड के इन दौरों से बाहर रहने की वजह से उनका करियर कुछ और साल आगे बढ़ सकता है। वोक्स ने कहा, "मैंने पूरी मेहनत के साथ गेंदबाज़ी की थी और मैं अपने शरीर के साथ संघर्ष कर रहा था। मेरा घुटना एक समय सूज गया था, मेरी सर्जरी हुई जिसकी वजह से मैं छह महीनों तक क्रिकेट से दूर रहा।"
"मैं ऐसा भारत में नहीं होने देना चाहता, जहां मेरी गेंदबाज़ी को मदद नहीं मिलती है, जहां 34 साल की उम्र में मुझे अपने अगले घुटने पर ज़्यादा ज़ोर देना होगा, जबकि मैं सफ़ेद गेंद क्रिकेट को ज़्यादा खेलना चाहता हूं। यह तब अलग होता है जब आपका एक प्रारूप पर ध्यान होता है लेकिन जब आप सभी प्रारूपों में खेलना चाहते हैं तो यह एक बुद्धिमान निर्णय होता है।"
वोक्स को यह स्वीकार करने में कोई दिक्कत नहीं है कि उन्हें घर का विशेषज्ञ कहा जाए। उन्हें अभी भी उम्मीद है कि न्यूज़ीलैंड जैसे सीम को मदद करने वाले इंग्लैंड के दौरों पर मुझे शामिल किया जाएगा लेकिन ऐसे आधुनिक समय में जब कार्य प्रबंधन पर ज़ोर दिया जाता है और हर साल आपको सफ़ेद गेंद के विश्व कप खेलने हैं तो इससे वोक्स की ज़िंंदगी अच्छी नहीं तो आसान जरूर हुई है।
"मैंने ऐसा पहले भी कहा है और यह प्रयास की कमी के कारण नहीं है, क्योंकि सफ़ेद गेंद के खेल में मेरा घर से बाहर का रिकॉर्ड संभवतः मेरे घरेलू रिकॉर्ड से बेहतर है। तो यह केवल उन परिस्थितियों का मामला नहीं है, बल्कि लाल गेंद के साथ मुझे यह थोड़ा मुश्किल लगा है। बहुत निराशा तो होती है, लेकिन साथ ही यह प्रयास की कमी के कारण नहीं है।"
जनवरी में भारत के दौरे की जगह वह शारजाह वॉरियर्स के लिए आईएलटी20 में खेलेंगे, जहां इंग्लैंड के खिलाड़ियों को का बड़ा करार मिला है।
वोक्स ने कहा, "हमारे बीच चर्चा हुई थी कि कहां पर मेरा सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट निकलकर आता है, यह घर में है। इसका मतलब यह नहीं है कि जब एशिया के दौरे होंगे तो मैं उपलब्ध नहीं हूं, लेकिन मैं अपने निर्णय पर शांति रखता हूं। बातचीत बेहतर थी तो मैं जानता हूं कि मैं कहां खड़ा हूं तो इसीलिए यह सही है।"
वोक्स का फ़ोकस इस समय वेस्टइंडीज़ और अमेरिका में इस साल होने वाले टी20 विश्व कप से पहले वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ होने वाली पांच मैचों की टी20 सीरीज़ पर है। 2024 विश्व कप वोक्स का इंग्लैंड के लिए सातवां होगा लेकिन 34 साल के वोक्स का यह मानने का कोई इरादा नहीं है कि यह उनका आख़िरी होगा या नहीं।
"मुझे लगता है कि मेरे लिए इस सीरीज़ से आगे के बारे में सोचना बेवकूफ़ी होगी, मैंने हमेशा विश्व कप की तैयारी के बारे में इसी तरह सोचने की कोशिश की है। जैसा कि हमने पहले भी देखा है खिलाड़ी अंतिम समय में बाहर हो सकते हैं।"
कैमरन पोसोनबे एक फ़्रीलैंस जर्नलिस्ट हैं।