हर्षित राणा का लक्ष्य: तीनों फ़ॉर्मेट में ख़ुद को गेंदबाज़ी ऑलराउंडर के रूप में स्थापित करना
जब पहली बार राणा का भारतीय टीम में चयन हुआ तो वह अपने पिता के साथ रो पड़े थे
नागराज गोलापुड़ी
10-Sep-2025 • 3 hrs ago

जब मैं अपने रनअप पर खड़ा होता हूं तो मैं सोचता हूं कि कर लूंगा • Getty Images
पिछले एक साल में दिल्ली के तेज़ गेंदबाज़ हर्षित राणा ने भारत के लिए तीनों प्रारूपों में पदार्पण किया है। IPL में वह कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के लिए खेलते हैं। 23 वर्षीय इस खिलाड़ी को एशिया कप 2025 के लिए भी चुना गया है, जहां वह भारतीय टीम में नंबर आठ के स्थान के लिए अपनी दावेदारी पेश कर सकते हैं। इस साक्षात्कार में उन्होंने पिछले दो सालों में अपनी प्रगति के बारे में बात किया है। साथ ही उन्होंने बताया कि कैसे वह सभी प्रारूपों में एक नियमित गेंदबाज़ी ऑलराउंडर बनने के अपने सपने को पूरा करने की उम्मीद कर रहे हैं।
2024 के IPL में कोलकाता नाइट राइडर्स के के लिए आप अपना पहला मैच खेल रहे थे। उस मैच में आपकी टीम ने सनराइजर्स हैदराबाद को 209 रनों का लक्ष्य दिया था और अंतिम ओवर में 13 रन की ज़रूरत थी। आपने उस मैच में अंतिम ओवर डाला था और वह भी तब जब हाइनरिक क्लासन 26 गेंदों में 56 रन बना कर खेल रहे थे। तब तक आपने सिर्फ़ 12 T20 मैच खेले थे और अपने करियर में दूसरी बार आख़िरी ओवर डाल रहे थे। क्या आप उस ओवर के बारे में बता सकते हैं?
यह मेरे करियर का एक बहुत ही महत्वपूर्ण ओवर था। श्रेयस भाई (श्रेयस अय्यर, KKR के कप्तान) ने मुझे आख़िरी ओवर डालने के लिए गेंद देते हुए कहा, "यह तुम्हारा हीरो बनने का वक़्त है, लेकिन अगर तुम डिफ़ेंड नहीं भी कर पाते हो तो भी कोई दिक़्क़त नहीं है। उस ओवर में पहली गेंद पर क्लासन ने मुझे छक्का मारा। अब पांच गेंदों में सात रन चाहिए थे। श्रेयस भाई ने मुझसे "चिल" करने और वही गेंद डालने को कहा, जहां मैं डालना चाहता था।
धीमी गेंद डालने का विचार मेरे दिमाग़ में पहले से ही चल रहा था। मैं यहां नायर भाई [KKR के सहायक कोच अभिषेक नायर] की भूमिका को श्रेय देना चाहूंगा। उन्होंने डगआउट से वही संदेश दिया। उन्होंने कहा कि धीमी गेंद डालना मेरे लिए फ़ायदेमंद होगा, क्योंकि ईडन [गार्डेंस] में धीमी गेंद कभी-कभी ग्रिप करती है। मैंने उसी साल बेंगलुरु में NCA [नेशनल क्रिकेट एकेडमी] में चोट से उबरते हुए धीमी गेंद पर काफ़ी काम किया था। मैंने उस IPL से पहले धीमी गेंद नहीं डाली थी, इसलिए यह एक ऐसा पल था जहां मुझे पूरी तरह से सही गेंद डालनी थी। एक छोटी सी भूल करने पर छक्का पड़ सकता था और मैच वहीं ख़त्म हो जाता।
लेकिन जब उन्होंने [अय्यर और नायर ने] मुझे आत्मविश्वास दिया और धीमी गेंद बिंदास डालने को कहा, तो मैंने अगली गेंद डाली और वह एक अच्छी धीमी गेंद थी। उस पर सिर्फ़ एक रन आया। तो मैंने फ़ैसला किया कि मैं बाक़ी ओवर में सिर्फ़ धीमी गेंदें डालूंगा। यहां तक कि (पांचवी) गेंद पर, जब उन्हें (दो गेंदों में पांच रन) चाहिए थे, मैंने सोचा कि क्या मुझे यॉर्कर डालनी चाहिए। लेकिन श्रेयस भाई ने मुझसे धीमी गेंद पर टिके रहने को कहा और कहा कि अगर उस पर बड़ा शॉट भी लग जाए तो परेशान मत होना। दरअसल, मैं उनसे कह रहा था कि वह (क्लासन) धीमी गेंद पर बल्ला घुमाएंगे और छक्का लग सकता है। लेकिन सबकुछ मेरे हक़ में गया।
आपने उस ओवर में पहली चार गेंदें धीमी डाली थीं। क्लासन ने यह अंदाज़ा लगा लिया होगा कि आप फिर से वही गेंद डालेंगे और उन्होंने इसके लिए योजना बनाई होगी, है ना?
क्लासन के लिए हमारी योजना थी कि गेंद को ऑफ़ स्टंप के बाहर डाला जाए क्योंकि वह अपने पैरों का ज़्यादा इस्तेमाल नहीं करते और छक्के मारने के लिए ज़्यादातर अपने हाथों का उपयोग करते हैं। तो योजना गेंद को उनकी पहुंच से दूर रखने की थी और ठीक वैसा ही हुआ और वह शॉर्ट थर्डमैन पर लपके गए।
राणा ने IPL 2024 के अपने पहले मैच में क्लासन जैसे बल्लेबाज़ के सामने 12 रन डिफ़ेंड किए थे•BCCI
ऐसी गेंदें डालने के लिए किस तरह की तैयारी करनी पड़ती है?
मैच में अगर आप किसी विशेष चीज़ को अंज़ाम देना चाहते हैं तो उसका काफ़ी बार अभ्यास करना पड़ता है। इसलिए मैं एक सिंगल स्टंप के ख़िलाफ़ एक ही जगह पर बहुत ज़्यादा गेंदबाज़ी करता था और अभी भी वैसा ही करता हूं। मैंने ख़ास तौर पर धीमी गेंद को वाइड लाइन या वाइड यॉर्कर के क़रीब डालने का बहुत अभ्यास किया है।
कटर गेंद फेंकना कभी भी आसान नहीं होता। क्लासन को आउट करने के लिए आपने उसी गेंद का इस्तेमाल किया था। क्या यह भी एक डर रहता है कि हाथ से गेंद फिसल जाएगी या ग़लती हो जाएगी?
कभी-कभी ऐसा होता है। जब गेंद गीली होती है, तब ऑफ़-कटर डालना मुश्किल हो जाता है क्योंकि कटर ऐसी गेंद होती है कि अगर वह थोड़ी ऊपर या थोड़ी नीचे गिर जाए तो छक्का लग जाता है। अगर वह फ़ुल होती है तो वह बल्लेबाज़ के दायरे में आती है और अगर वह शॉर्ट होती है तो बल्लेबाज़ को उसे मारने के लिए ज़्यादा समय मिल जाता है। इसलिए एक तेज़ गेंदबाज़ के लिए कटर के लिए पांच से छह मीटर की लेंथ पर गेंद फेंकना ज़रूरी हो जाता है। अंतिम के ओवरों के दौरान ओस के कारण गेंद आमतौर पर गीली हो जाती है। इसलिए हम ऐसी स्थिति के लिए गीली गेंद से अभ्यास करते हैं। अभ्यास के दौरान मैं पांच से छह मीटर की लेंथ वाले क्षेत्र में एक मार्क बनाता हूं, जिसका लक्ष्य यह होता है कि 12 में से कम से कम दस गेंदों पर उस लेंथ को हिट करना है।
शाहरुख़ ख़ान वह मैच देख रहे थे। लेकिन दो और ख़ास लोग भी वह मैच देख रहे थे। क्या आप उनके बारे में बता सकते हैं?
मम्मी और पापा मुझे स्टेडियम में लाइव देखने आए थे। मैंने उन्हें ज़बरदस्ती बुलाया था। पापा हमेशा मुझसे कहते थे कि वह मुझे मैदान पर लाइव नहीं देखना चाहते, क्योंकि वह बहुत जल्द घबरा जाते हैं। उस दिन भी जब क्लासन ने मुझे छक्का मारा, तो पापा ने हमारी जीत के बाद मुझे बताया कि वह तुरंत वॉशरूम की तरफ़ अंदर चले गए थे। बाद में जब उन्होंने KKR के फ़ैंस की शोर और ख़ुशी की आवाज़ें सुनीं, तो वह बाहर आ गए।
अपने बचपन के बारे में कुछ बताएं और आप क्रिकेट से कैसे जुड़े।
मेरे पापा प्रॉपर्टी डीलर हैं और मम्मी एक गृहणी हैं। मेरा जन्म और पालन-पोषण घेवरा में हुआ है, जो दिल्ली और हरियाणा की सीमा पर आख़िरी गांव है। मेरे माता-पिता अभी भी वहीं रहते हैं। जब मैं छोटा था, तो घेवरा में कोई मैदान नहीं था और हमें खेलने के लिए पड़ोसी गांव की तरफ़ कुछ दूर जाना पड़ता था। लेकिन जब मैं हाल ही में वहां गया था, तो मैंने देखा कि हर दूसरे कोने में एक बड़ा मैदान है जिसमें टर्फ़ पिचें और अच्छी सुविधाएं हैं।
मैंने बी.ए. की पढ़ाई की है, जो क्रिकेटरों के लिए सबसे आसान मानी जाती है। मेरी बहन, जो मुझसे छह साल बड़ी हैं, ने ज़ोर देकर कहा कि मैं अपनी ग्रेजुएशन पूरी करूं और उन्होंने इसके लिए काफ़ी प्रयास भी किया।
IPL 2024 में ईडन गार्डेंस में एक और महत्वपूर्ण मैच था। मुंबई इंडियंस को आख़िरी ओवर में 22 रन चाहिए थे। जीतने पर KKR प्लेऑफ़ में क्वालिफ़ाई करने वाली पहली टीम बन जाती। पावरप्ले के दौरान इशान किशन ने आपके ख़िलाफ़ काफ़ी रन बनाए थे, लेकिन आपने उस आख़िरी ओवर में सिर्फ़ तीन रन दिए और दो विकेट लिए। वहां आप किस योजन के साथ गेंदबाज़ी कर रहे थे?
उससे पहले मेरे पहले तीन ओवर कुछ ख़ास नहीं थे। आख़िरी ओवर के लिए मैं और मिचेल स्टार्क आमने-सामने थे। श्रेयस भाई ने गेंद मुझे सौंपी। उस ओवर के लिए योजना थोड़ी अलग थी, क्योंकि उस दिन पिच पर कोई ग्रिप नहीं थी।
मैच से एक दिन पहले हम गौतम भाई (गौतम गंभीर, 2024 IPL में KKR के मेंटॉर) से बातचीत कर रहे थे कि हम डेथ ओवरों में क्या अलग कर सकते हैं। जो बल्लेबाज़ जानते हैं कि हम सिर्फ़ धीमी गेंद या यॉर्कर ही डालेंगे, उनके लिए हम प्रीडिक्टेबल हो जाएंगे। उन्होंने मुझे बताया कि बल्लेबाज़ आमतौर पर यह अनुमान लगा लेंगे कि मैं धीमी बाउंसर या यॉर्कर या धीमी गेंद डाल सकता हूं, लेकिन वे आम तौर पर हार्ड लेंथ पर एक तेज़ गेंद की उम्मीद नहीं करते। अपने पिछले ओवर में मैंने कुछ धीमी गेंदें डाली थीं, लेकिन उनमें से एक पर तिलक (वर्मा) ने चौका मारा और एक टॉप एज़ लग कर थर्ड मैन के ऊपर से चला गया था। इसलिए मुझे एहसास हुआ कि मुझे कुछ बदलाव करने होंगे।
"मुझे बल्लेबाज़ी करना बहुत पसंद है। दिल्ली के लिए घरेलू क्रिकेट में मुझे अक्सर लगा है कि हम मेरी बल्लेबाज़ी की वजह से जीते हैं, और वहीं से मुझे यह आत्मविश्वास मिला कि हां, मैं बल्लेबाज़ी कर सकता हूं।"•BCCI
उस आख़िरी ओवर की पहली गेंद मैंने तेज़ और हार्ड लेंथ पर डाली और नमन धीर डीप मिडविकेट की तरफ़ हवा में शॉट मारते हुए लपके गए। अगली गेंद पर अंशुल (कंबोज) के ख़िलाफ़ मैंने धीमी डालने का फ़ैसला किया क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि वह तेज़ गेंद को मिसटाइम करें और उस पर किनारा लगकर चौका चला जाए। उन्होंने सिंगल लिया और तिलक स्ट्राइक पर आ गए। मैंने हार्ड लेंथ की योजना पर टिके रहने का फ़ैसला किया और धीमी गेंद के हिसाब से फ़ील्डिंग सेट की। वह भी कैच देकर आउट हो गए।
गंभीर काफ़ी कम मुस्कुराते हैं, वह उस KKR की जीत के बाद ख़ुशी से मुस्कुरा रहे थे। उनके साथ आपके रिश्ते कैसे रहे हैं ?
उन्होंने मेरी मानसिकता बदल दी है। गौतम भैया के KKR में शामिल होने से पहले मैं उनसे कभी नहीं मिला था। IPL 2024 शुरू होने से पहले हमारी पहली बातचीत में उन्होंने कहा, "तुम सीज़न में 14 मैच खेलोगे, भले ही तुम कितने भी रन दे दो। मैं बस यह चाहता हूं कि तुम हमेशा की तरह उसी आक्रामक अंदाज़ में क्रिकेट खेलते रहो। चाहे तुम चार ओवरों में 70 या 80 रन दे दो, तुम्हारा सिर नीचे नहीं होना चाहिए। और अगर तुम ऐसा कर पाते हो, तो मैं तुम्हें बता रहा हूं, 100% तुम कुछ कर दिखाओगे।"
एक खिलाड़ी के रूप में यह सुनना कि जाओ और खुलकर खेलो, ज़्यादा मत सोचो, मुझे लगता है कि यही मेरे लिए टर्निंग प्वाइंट था। मेरा आत्मविश्वास बढ़ गया और मैं ख़ुद को पूरी तरह से व्यक्त करने में सफल रहा, जिसमें मेरे जश्न भी शामिल हैं, जो आपने शायद देखे होंगे, जहां मैं कभी-कभी आक्रामक हो जाता था।
गंभीर साफ़-साफ़ बात करने वाले इंसानों में से एक हैं। क्या कभी कोई ऐसी घटना हुई है जब उन्होंने आपको डांटा हो?
जब भी मैं GG भाई के आस-पास होता हूं, तो मैं हमेशा सतर्क रहता हूं (हंसते हुए)। मैं उम्मीद करता हूं कि मैं कुछ ऐसा न करूं, जिससे भैया को मुझे डांटना पड़े। क्योंकि वह हमेशा मुझसे कहते हैं कि मेरे करियर की अभी शुरुआत ही हुई है और अगर मैं क्रिकेट को उतना ही समय और ऊर्जा दे सकूं, तो मैं इस खेल में और ज़्यादा आगे बढूंगा।
आप दबाव वाली परिस्थितियों से कैसे निपटते हैं? आपकी ताक़त क्या है?
कौशल से ज़्यादा, यह मेरी मानसिकता है। जब मैं अपने रन-अप की शुरुआत में खड़ा होता हूं तो सोचता हूं, हां, मैं यह करूंगा। मैं अच्छी गेंद डालूंगा।। मेरी यह मानसिकता शुरुआत से ही रही है। और यह मेरे पापा की वजह से है। क्रिकेट खेलना शुरू करने के बाद पहले दस सालों में, मुझे कभी कोई सफलता नहीं मिली। मैं कभी कहीं नहीं खेला। मैं जहां भी गया, मुझे सिर्फ़ अस्वीकृति मिली। मैंने सिर्फ़ 'ना', 'ना', 'ना' सुना। मैं रोता था, यह सोचकर कि मैं जीवन में क्या करूंगा। पापा हमेशा कहते थे - बस, कड़ी मेहनत करो और जो तुम्हारे हाथ में है वह करो, तुम्हें जीवन में कुछ न कुछ ज़रूर मिलेगा।
उन्होंने मुझे कभी भी ख़ुद पर शक नहीं करने दिया। मैं उनके सामने रोते हुए कहता था, मेरा नाम कहीं नहीं आ रहा है, कोई मुझे नहीं खिला रहा है, मैं जीवन में कुछ नहीं कर पाऊंगा, अगर मैं क्रिकेट में सफल नहीं हुआ तो क्या होगा? वह हमेशा मुझे प्रेरित करते थे और कहते थे, 'जब तक मैं हूं, तुम चिंता क्यों कर रहे हो? तुम बस आज़ादी से खेलो।" जब भी मैं मैच खेलने जाता था, वह हमेशा कहते थे, 'एक गेंदबाज़ के तौर पर, यह सोचो कि तुम बल्लेबाज़ से एक क़दम आगे कैसे हो सकते हो।' मुझे लगता है कि यह दिमाग़ का खेल है। अगर आपका दिमाग़ बल्लेबाज़ से तेज़ी से काम कर रहा है और आप ज़्यादा सक्रिय हैं, तो आप बेहतर हैं।
नागपुर ODI में राणा ने हैरी ब्रूक को शून्य पर आउट किया था•AFP/Getty Images
यह अस्वीकृति वाला दौर कब का है?
मैंने अंडर-14 नहीं खेला, अंडर-16 नहीं खेला, अंडर-19 में दिल्ली के लिए सिर्फ़ तीन मैच खेले और वह भी सिर्फ़ एक साल। फिर अंडर-25 में भी मुझे रिजेक्ट कर दिया गया, यह सब IPL खेलने से पहले की बात है। मैं हर ट्रायल में जाता था, लेकिन कभी मेरा नाम शॉर्टलिस्ट नहीं होता था। मुझे कभी यह कारण नहीं मिला कि मुझे क्यों नहीं चुना जा रहा है।
इंग्लैंड सीरीज़ के दौरान आपके व्हाइट-बॉल डेब्यू पर बात करते हैं। नागपुर में ODI डेब्यू में आपने तीन विकेट लिए। वह तो यादग़ार रहा होगा?
डेब्यू काफ़ी मज़ेदार रहा। [फ़िल] सॉल्ट ने मुझे एक ओवर में 26 रन मारे। पहले तीन ओवर में मैंने काफ़ी रन लुटा दिए थे (0/37)। उसके तुरंत बाद श्रेयस भाई ने शानदार रन-आउट कर सॉल्ट को पवेलियन भेजा। सब लोग सेलिब्रेट करने के लिए इकट्ठा हुए, मैं चुपचाप खड़ा था। रोहित भाई (रोहित शर्मा, भारत कप्तान) मेरे पास आए और बोले, "उधर से बॉल डालियो"।
गौतम भाई हमेशा कहते हैं कि तुम्हारी ताक़त तेज़ रफ़्तार है, उसी पर ध्यान दो। जब (हैरी) ब्रूक आए, तो मैंने सोचा नया बल्लेबाज़ आया है, क्यों न एक बाउंसर डाल दूं। मैंने रोहित भाई से पूछा, "भैया, सर पे मारूं?" उन्होंने कहा, "मार।" मैंने शॉर्ट-पिच गेंद फेंकी। ब्रूक ने बचने की कोशिश की, लेकिन विकेट के पीछे KL भाई [केएल राहुल] ने शानदार कैच पकड़ा।
आपने लियम लिविंगस्टन को भी उनके आक्रामक खेल का फ़ायदा उठाते हुए आउट किया।
लिविंगस्टन मेरी हर गेंद पर बल्ला घुमा रहे थे। कभी क्रीज़ से बाहर निकलकर, कभी क्रीज़ में खड़े-खड़े। मैं सोच रहा था, यार, तुम नए बल्लेबाज़ हो और हर गेंद पर शॉट खेल रहे हो। थोड़ा इंतज़ार क्यों नहीं करते, अभी तो बहुत ओवर बचे हैं। जब वह फिर क्रीज़ से बाहर निकलकर बड़ा शॉट खेलने गए, मैंने शॉर्ट बॉल फेंकी और उन्होंने किनारा दे दिया।
आपने पुणे में T20I डेब्यू दिलचस्प हालातों में किया। भारत के बॉलिंग कोच मोर्नी मॉर्कल ने कहा था कि आपको बीच मैच में डिनर करते समय बुलाया गया था।
हंसते हुए - पहली पारी के बाद रिज़र्व गेंदबाज़ों ने सिंगल स्टंप पर थोड़ी गेंदबाज़ी की और फिर हम डिनर करने ऊपर चले गए। जैसे ही नीचे आया, गौतम भाई ने कहा, "तैयार रहो, तुम्हें जाना पड़ सकता है।" पहले तो मुझे समझ नहीं आया यह कैसे संभव है। फिर बताया गया कि [शिवम] दुबे को सिर पर चोट लगी है और चक्कर आ रहे हैं और मैं कंकशन सब्स्टीट्यूट रहूंगा। मैं बिना वार्म-अप किए मैदान पर गया। थर्ड मैन पर खड़ा था और तुरंत [रवि] बिश्नोई की गेंद पर कैच आया। शुक्र है मैंने उस कैच को पकड़ लिया। लेकिन उस दिन मैंने अपनी T20I की सबसे तेज़ गेंद फेंकी - 151 किमी/घंटा। मैं भले ही बिना वॉर्म-अप के उतरा था, लेकिन धीरे-धीरे एहसास हुआ कि मैं डेब्यू कर रहा हूं।
पुणे T20I में दुबे की जगह राणा के आने पर विवाद हुआ, इंग्लैंड ने कहा यह समान तरह का सब्स्टीट्यूशन नहीं था•Associated Press
आपने 33 रन देकर तीन विकेट लिए और मैच जिताया। क्या दुबे से आपने इस 'like-for-like' सब्स्टीट्यूशन पर मज़ाक किया?
मैंने कहा, "भैया, आपको थोड़ी पेस बढ़ानी पड़ेगी। अब मैं आपकाlike-for-likeहूं और मुझे अपनी बल्लेबाज़ी पर काम करना पड़ेगा।"
मैंने कहा, "भैया, आपको थोड़ी पेस बढ़ानी पड़ेगी। अब मैं आपकाlike-for-likeहूं और मुझे अपनी बल्लेबाज़ी पर काम करना पड़ेगा।"
आपको एशिया कप के लिए चुना गया है, जहां आप नंबर 8 पर खेल सकते हैं। ऐसा क्या है जो आपको आत्मविश्वास देता है?
मुझे बल्लेबाज़ी पसंद है। घरेलू क्रिकेट में दिल्ली के लिए मेरी बल्लेबाज़ी से हम मैच जीते हैं और वहीं से मुझे आत्मविश्वास मिला कि हां, मैं बल्लेबाज़ी कर सकता हूं।
क्या रोहित ने आपको बल्लेबाज़ी सुधारने के लिए कोई सलाह दी?
2025 चैंपियंस ट्रॉफ़ी की एक ट्रेनिंग सेशन में मैं नेट्स से खेलकर बाहर आया ही था कि रोहित मेरे पास आए और बोले: "भाई, हम सबको पता है तू छक्के मार सकता है। तू पहले नीचे खेला कर, आराम से।" उन्होंने समझाया कि निचले क्रम की बल्लेबाज़ी कितनी अहम होती है और जो रन मैं बनाऊंगा, वह टीम के लिए फ़ायदेमंद होंगे।
फ़िटनेस के लिहाज़ से क्या आपको लगता है कि कुछ सुधार करना होगा?
बहुत सारी चीज़ों पर मुझे लगातार काम करना होगा। लंबे समय तक क्रिकेट खेलने के लिए मुझे अपनी ताक़त पर और ज़्यादा ध्यान देना होगा।
2024 IPL में KKR के दौरान स्टार्क के साथ एक दिलचस्प वाक़या हुआ था। उसके बारे में बताइए।
हम मुंबई में थे। हम दोनों ग्राउंड के चारों ओर दौड़ना शुरू किए। लेकिन वह बहुत लंबे हैं और तेज़ी से आगे बढ़ जाते थे। एक दौड़ के बाद मैंने कहा, "स्टार्की, अगली बार मैं तुम्हें हराऊंगा।" मुझे पता था मैं नहीं हरा सकता, वह आसानी से जीतेंगे। उन्होंने कहा, "मुझे मत हराओ, बस मेरे साथ दौड़ो।" उनका मतलब था मेरी रफ़्तार से दौड़ो और उतनी दूरी दौड़ो, जितना मैं दौड़ता हूं। अंत में मैं घास पर लेट गया। तभी स्टार्की बोले, "चलो, एक और बार दौड़ते हैं।"
गेंदबाज़ी के लिहाज़ से आपने उनसे क्या सीखा?
सोच और शांति। वह एक अलग स्तर पर हैं। उनकी 2024 IPL की शुरुआत अच्छी नहीं रही थी, लेकिन मैंने उन्हें कभी परेशान नहीं देखा। वह हमेशा मुस्कुराते थे, चाहे चार ओवर में 80 रन क्यों न खा गए हों। पहले चार-पांच मैच में उन्हें ज़्यादा विकेट भी नहीं मिले, लेकिन लोग बातें करते रहे और वह मुस्कुराते रहे। मुझे यह चीज़ बहुत पसंद आई। मैंने सोचा कि जब दुनिया का नंबर 1 गेंदबाज़ ऐसा है, तो हम जैसे नए खिलाड़ी किस बात का तनाव लें? जो चाहते हैं वह मिल रहा है, तो खेल का आनंद लो।
2024 बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी के दौरान स्टार्क और राणा की KKR दोस्ती थोड़ी स्लेजिंग में भी बदल गई थी•AFP/Getty Images
आपको KKR में पिछले IPL में ड्वेन ब्रावो जैसे लेजेंड के साथ काम करने का मौक़ा भी मिला। क्या उन्होंने आपके खेल में कोई बदलाव कराया?
ब्रावो ने कहा, "जो मन करता है करो, मैं तुम्हें तकनीक नहीं सिखाऊंगा, मैं माइंडसेट पर ध्यान दूंगा।" वह हमेशा कहते हैं कि अगर पहली ही ओवर में तुम्हें लगे कि विकेट अच्छा है और गेंदबाज़ों को मार पड़ी है, तो सीधे डेथ-ओवर का फ़ील्ड लगा दो। मैं पावरप्ले में गेंदबाज़ी करता हूं, तो कई बार मैंने यह प्लान अपनाया। जैसे स्लोअर बॉल वाइड ऑफ़ स्टंप या वाइड यॉर्कर या यॉर्कर।
आपका बॉडी लैंग्वेज हमेशा पॉज़िटिव रहता है। 2024 IPL के ओपनिंग मैच के बाद आंद्रे रसेल ने कहा था कि आपका बॉडी लैंग्वेज "बिलकुल सही" था। उन्होंने कहा, "पहली गेंद छक्के के लिए गई, थोड़ी शंका हुई, लेकिन उसने अच्छी वापसी की और काम पूरा किया।" क्या आप मानते हैं कि यह आपकी ताक़त है?
क्रिकेट मैदान पर आप जैसे नज़र आते हैं, वही आपकी पहचान बनाता है। अगर मेरा दिन अच्छा नहीं जा रहा, रन पड़ रहे हैं और मैं सिर झुकाकर घूमूं, तो मज़ा नहीं आएगा। मैं क्रिकेट मज़े के लिए खेलता हूं। मुझे मैदान पर रहना अच्छा लगता है। अगर वहां भी मैं खु़श नहीं रहूं और कमज़ोर बॉडी लैंग्वेज दिखाऊं तो खेल का आनंद नहीं मिलेगा। तो अगर गेंदबाज़ी ठीक नहीं जा रही हो, तो मैं सोचता हूं कि फ़ील्डिंग में अच्छा करूंगा, डाइव मारूंगा, कुछ न कुछ करूंगा ताकि मैच पर उसका असर पड़े।
क्या आपका जज़्बाती रवैया आपको मानसिक तौर पर मदद करता है?
हाँ, बिल्कुल। लोग आप पर शक़ कर सकते हैं, लेकिन अगर आप ख़ुद पर शक़ करेंगे तो कुछ नहीं कर पाएंगे। इसलिए मैं ख़ुद से कहता हूं, कभी भी अपने ऊपर शक़ मत करो।
तीनों फ़ॉर्मैट में भारत के लिए खेलने के बाद अपने खेल में अगले क़दम के तौर पर आप क्या सोचते हैं?
मुझे अपनी बल्लेबाज़ी पर और काम करना होगा ताकि मैं तीनों फ़ॉर्मैट का खिलाड़ी बन सकूं। अगर मैं रन ज़्यादा बनाऊंगा तो यह मेरे और मेरी टीम दोनों के लिए फ़ायदेमंद होगा।
हाल ही में किसी ने आपको सबसे अच्छी कौन-सी बात कही?
पिछले साल IPL के बाद जब मुझे ज़िम्बाब्वे सीरीज़ के लिए चुना गया, तो मैंने पापा को बताया। उन्होंने कहा, "तुमने मेरा 35 साल पुराना सपना पूरा कर दिया। शुक्रिया।" यह शब्द मेरे लिए सबसे बड़ी चीज़ थी। हम दोनों रो पड़े।
नागराज गोलापुड़ी ESPNcricinfo में न्यूज़ ए़डिटर हैं