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धोनी का अंत में तूफ़ान, फ़्रेज़र-मक्‍गर्क की आक्रामकता और नारायण का पहला टी20 शतक

ESPNcricinfo के लेखकों ने चुनी IPL 2024 की पसंदीदा पारियां

MS Dhoni got off the mark with a first-ball boundary, Delhi Capitals vs Chennai Super Kings, IPL 2024, Visakhapatnam, March 31, 2024

दिल्‍ली के ख़‍िलाफ़ जमकर बरसे एमएस धोनी  •  BCCI

कार्तिक कृष्‍णास्‍वामी
इनके IPL 2023 फ़ाइनल में पहली गेंद पर शून्‍य पर आउट हुए क़रीब एक साल बीत गया था। IPL 2024 में चेन्‍नई सुपर किंग्‍स के पहले दो मैचों इनको बल्‍लेबाज़ी पर आने की ज़रूरत नहीं पड़ी और फ‍िर 31 मार्च को रात 11 बजे विशाखापट्टनम एमएस धोनी के आने से गूंज उठा। दर्शक दीर्घा में खुशी के साथ कुछ घबराहट भी रही होगी, क्‍योंकि कौन जानता था क्‍या होगा? लेकिन यह बहुत ही अच्‍छे में बदल गया। यह मायने नहीं रखता कि टीम पहले ही मैच हार गई थी। लेकिन यह देखकर अच्‍छा लगा कि धोनी अभी भी बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ पर एक्‍स्‍ट्रा कवर के ऊपर से छक्‍का मार सकते हैं, और उन्‍होंने दुनिया के सबसे तेज़ गेंदबाज़ों में से एक अनरिख़ नॉर्खिये पर आख़‍िरी ओवर में 4, 6, 0, 6 मार देते हैं। वह अभी भी कर सकते थे, और सीज़न के अंत में कम से कम 100 रन बनाने वाले बल्‍लेबाज़ों में उनका दूसरा सर्वश्रेष्‍ठ स्‍ट्राइक रेट (220.54) रहा।
सिद्धार्थ मोंगा
जैक फ़्रेज़र-मक्‍गर्क का गेम प्‍लान साफ़ था। अगला पैर आगे निकालो और गेंद अगर आपके पाले में है तो जोर से बल्‍ला घुमाओ। अगर गेंद ऐसी लंथ पर है जिससे आपको टेढ़े बल्‍ले से ताक़त के साथ मारना हो तो मारो। अगर अच्‍छी लेंथ पर गेंद है तो इनफ़ील्‍ड के ऊपर से चिप कर दो क्‍योंकि दो ही खिलाड़ी 30 गज के घेरे में हैं। अगर कुछ काम नहीं आया तो बस बाउंड्री मारने का प्रयास मत करो।
इस पारी में जसप्रीत बुमराह पर लगाया गया छक्‍का उनकी पूरी कहानी बयां कर देता है। उन्होंने स्विंग होकर अंदर आती गेंद पर ऑन ड्राइव लगाई, धीमी छोटी गेंद पर उन्‍होंने बैकफु़ट से मिडऑफ़ के सिर के ऊपर से इन साइड आउट छक्‍का लगाया और स्‍ट्राइक रेट रहा 311.11 का। फ़्रेज़र-मक्‍गर्क एक बेहतरीन टी20 बल्‍लेबाज़ हैं। वह शीर्ष क्रम पर बल्‍लेबाज़ी करते है, जिससे उनको क्षेत्ररक्षण की पाबंदियों का खुलकर फ़ायदा उठाने का मौक़ा मिलता है। उनमें लेंथ और गति के अनुसार सामंजस्‍य बैठाने का कौशल है और उन्‍होंने अपने पहले ही सीज़न में प्रति बॉल तीन रन बनाए। उन्‍होंने 141 में से 106 गेंदों पर प्रहार किया। ऐसे बल्‍लेबाज़ सफल होने योग्‍य हैं।
अलगप्‍पन मुथु
सुनील नारायण बतौर टी20 बल्‍लेबाज़ अपने प्‍लान पर बात कर रहे थे। वह अधिक नहीं सोचते हैं। बस टीम को एक अच्‍छी शुरुआत दिलाओ। और तब उन्‍होंने कहा था, "मैं देखता हूं कि इसे कितना लंबा कर सकता हूं और अगर यह बढ़ता है तो पावरप्‍ले के बाद भी इसको जारी रखता हूं।" बतौर बल्‍लेबाज़, आप लंबे समय तक पिच पर टिके रहना चाहते हो, आप अधिक गेंद खेलना चाहते हो, आप बड़ा स्‍कोर बनाना चाहते हो। लेकिन नारायण को देखकर लगता है कि वह लंबे समय तक बल्‍लेबाज़ी करने का कभी प्‍लान नहीं करते हैं। वह उतरते हैं और बस हर गेंद को मारते हैं। वह ऐसे रिस्‍क लेते हैं जो अन्‍य नहीं ले सकते हैं। बस अपनी टीम को आगे रखने के लिए, फ‍िर भी चाहे टीम के कम स्‍कोर तक पहुंचने का ख़तरा हो। इन्‍हीं सब बातों का तोहफ़ा उन्‍हें उनके पहले टी20 शतक के तौर पर मिला। जहां वह हर दो गेंद पर एक बाउंड्री को देख रहे थे। उन्‍होंने 56 गेंद में से 33 पर आक्रामक शॉट लगाए।