इस सप्ताह सुपर संडे के पहले डबल-हेडर
मुक़ाबले में मेज़बान गुजरात टाइटंस का सामना लखनऊ सुपर जायंट्स से होगा। इस सीज़न हुए इन दोनों टीमों के बीच
पहले मुक़ाबले में गुजरात की टीम ने बाज़ी मारी थी और सात रन से आख़िरी ओवर में एक रोमांचक मैच जीता था। देखा जाए तो पलड़ा हमेशा से गुजरात का ही भारी रहा है और इन दोनों टीमों के बीच हुए अब तक तीन आईपीएल मुक़ाबलों में वह 3-0 से आगे है। अब देखना होगा कि लखनऊ, गुजरात के ख़िलाफ़ अपना ख़ाता खोल पाती है या नहीं। आइए डालते हैं इस मैच से जुड़े कुछ प्रमुख आंकड़ों और मैच-अप्स पर नज़र।
साहा को रोकने के लिए लखनऊ को स्पिनरों को बुलाना होगा
पिछले सीज़न की तरह इस सीज़न भी वेटरन विकेटकीपर
ऋद्धिमान साहा बेहतरीन फ़ॉर्म में हैं और हर दूसरे-तीसरे मैच में तेज़ 30-40 रन की पारी खेल रहे हैं। राजस्थान रॉयल्स के ख़िलाफ़ पिछले मैच में उन्होंने एक छोटे स्कोर का पीछा करते हुए 121 के स्ट्राइक रेट से नाबाद 41 रन बनाए। अगर लखनऊ को साहा को रोकना है तो उन्हें अपने स्पिनरों को जल्द से जल्द आक्रमण पर लाना होगा। वह अमित मिश्रा के ख़िलाफ़ सिर्फ़ 107 के स्ट्राइक रेट से रन बनाते हैं, जबकि मिश्रा उन्हें टी20 मैचों में दो बार आउट कर चुके हैं।
बाएं हाथ के स्पिनर
क्रुणाल पंड्या भी साहा को दो बार आउट कर चुके हैं, जबकि साहा उनके ख़िलाफ़ भी सिर्फ़ 109 के स्ट्राइक रेट से रन बनाते हैं। रवि बिश्नोई ने साहा को दो पारियों में कभी आउट तो नहीं किया है, लेकिन उनके ख़िलाफ़ भी साहा सिर्फ़ 100 के स्ट्राइक रेट से रन बनाते हैं। तो, अगर पावरप्ले में आपको लखनऊ की तरफ़ से स्पिनर गेंदबाज़ी करते हुए दिखें, तो आश्चर्यचकित मत होइएगा।
लखनऊ को इस मैच में आवेश को खिलाना चाहिए
पिछले सीज़न में जबरदस्त प्रदर्शन कर टीम इंडिया में जगह पाने वाले लखनऊ के तेज़ गेंदबाज़
आवेश ख़ान का प्रदर्शन इस सीज़न मिला-जुला रहा है। उन्होंने सात मैचों में सिर्फ़ छह विकेट लिए हैं और पिछले दो मैच से टीम से बाहर हैं। इस सीज़न सात में से चार मैच ऐसा रहा है, जब उनके नाम कोई विकेट नहीं है जबकि उन्होंने लगभग 9.50 की इकॉनमी से रन दिए हैं। यही कारण है कि वह टीम से बाहर भी हैं। हालांकि लखनऊ इस मैच में उन्हें खिलाने पर विचार कर सकता है, क्योंकि गुजरात के प्रमुख बल्लेबाज़ों के ख़िलाफ़ उनका रिकॉर्ड अच्छा रहा है। वह गुजरात के सबसे प्रमुख बल्लेबाज़ शुभमन गिल को पांच पारियों में दो बार आउट कर चुके हैं, जबकि गिल का स्ट्राइक रेट उनके ख़िलाफ़ सिर्फ़ 105 का रहा है।
वहीं गुजरात के कप्तान
हार्दिक पंड्या तो उनके ख़िलाफ़ सिर्फ़ 5.5 की औसत और 50 के स्ट्राइक रेट से रन बना पाते हैं, जबकि आवेश ने विपक्षी कप्तान को चार पारियों में दो बार आउट किया है। आवेश गुजरात के फ़िनिशर डेविड मिलर को भी दो बार टी20 में आउट कर चुके हैं, हालांकि मिलर उनके ख़िलाफ़ 30 की औसत और 145 के स्ट्राइक रेट से रन बनाते हैं। आवेश ने राहुल तेवतिया को टी20 मैचों में कभी पवेलियन नहीं भेजा है, लेकिन तेवतिया उनके ख़िलाफ़ सिर्फ़ 108 के स्ट्राइक रेट से रन बना पाते हैं। ऐसे में डेथ ओवर में अगर मिलर और तेवतिया हावी होते हैं तो आवेश भी कमाल कर सकते हैं।
राशिद ख़ान तो सदाबहार नाम हैं
गुजरात का मैच हो और आंकड़ों में राशिद ख़ान का नाम नहीं आए, यह तो हो ही नहीं सकता। 'आंकड़े झूठ नहीं बोलते' में वह एक सदाबहार नाम हैं। लखनऊ के उनके सबसे पसंदीदा शिकार ऑस्ट्रेलियाई मार्कस स्टॉयनिस हैं, जिनको उन्होंने अपनी फिरकी के जाल में चार बार फंसाया है। स्टॉयनिस उनके ख़िलाफ़ सिर्फ़ 13 की औसत और 117 के स्ट्राइक रेट से रन बना पाते हैं। उन्होंने दीपक हुड्डा और विपक्षी कप्तान क्रुणाल पंड्या को भी टी20 मैचों में तीन-तीन बार पवेलियन भेजा है, जबकि राशिद के ख़िलाफ़ दोनों का स्ट्राइक रेट और औसत क्रमशः 100 और 10 से कम है। लखनऊ के विकेटकीपर बल्लेबाज़ निकोलस पूरन को भी राशिद अपने स्पिन के लपेटे में दो बार ले चुके हैं, इस दौरान आठ पारियों में पूरन उनके ख़िलाफ़ सिर्फ़ 13 की औसत और 63 के स्ट्राइक रेट से रन बना पाते हैं।
मिश्रा जी की भी हो सकती है बल्ले-बल्ले
अनुभवी और दिग्गज लेग स्पिनर
अमित मिश्रा ने इस सीज़न वापसी करके कमाल ही कर दिया है। लखनऊ के लिए वह एक इंपैक्ट प्लेयर के रूप में आते हैं और मैच पर अपना इंपैक्ट दिखाते हैं। इस मैच में भी उनका इंपैक्ट देखने को मिल सकता है। गुजरात के बल्लेबाज़ों के ख़िलाफ़ टी20 मैचों में वह ख़ासा प्रभावी रहे हैं। साहा के ख़िलाफ़ तो उनका रिकॉर्ड आप ऊपर जान ही चुके हैं, लेकिन वह विपक्षी कप्तान हार्दिक और उनके सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ गिल को भी परेशान करने की क्षमता रखते हैं। मिश्रा ने हार्दिक को चार पारियों में दो बार आउट किया है, जबकि हार्दिक उनके ख़िलाफ़ 14 गेंदों में 64 की स्ट्राइक रेट और 4.5 की औसत से सिर्फ़ 9 रन बना पाए हैं। मिश्रा ने गिल को तीन पारियों में सिर्फ़ एक बार आउट किया है, लेकिन गिल उनके ख़िलाफ़ सिर्फ़ 112 के स्ट्राइक रेट और 19 की औसत से रन बना पाते हैं। हालांकि किलर मिलर, मिश्रा जी को पानी पिला सकते हैं, जो उनके ख़िलाफ़ 68 की शानदार औसत और 133 के स्ट्राइक रेट से रन बनाते हैं, जबकि मिश्रा उन्हें नौ पारियों में सिर्फ़ एक ही बार आउट कर पाए हैं।