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घर और बाहर के मैच ही आईपीएल को ख़ास बनाते हैं

पिछले चार सीज़नों में पहली बार टूर्नामेंट के पुराने रंग में लौटने पर खिलाड़ी और स्‍टॉफ़ खु़श हैं

शशांक किशोर और नागराज गोलापुड़ी
29-Mar-2023
Virat Kohli with his fans during an RCB training session in Chennai ahead of the IPL 2019 opener

आरसीबी प्रशंसकों के साथ विराट कोहली  •  PTI

"मेरे रोंगटे खड़े हो गए थे।"
तिलक वर्मा तब आठ साल के थे जब उन्‍होंने टीवी पर 2011 में एम एस धोनी के छक्‍का लगाने के बाद ए आर रहमान के मां तुझे सलाम गाने पर पूरे भरे वानखेड़े स्‍टेडियम के नज़ारों को संजोया था।
11 साल बाद तिलक मुंबई इंडियंस के मध्‍य क्रम में वानखेड़े में प्रशंसकों के सामने खेलने का लुत्‍फ़ ले रहे थे। वह ऐसा दोबारा करने का इंतज़ार नहीं कर सकते।
रजत पाटीदार ने चिन्‍नास्‍वामी के मैदान पर उतरते हुए अक्‍सर कल्‍पना की है कि आरसीबी, आरसीबी और एबीडी, एबीडी के नारों के क्‍या मायने हैं। पिछले साल जब वह यहां पर रणजी ट्रॉफ़ी जीते तो उन्‍होंने इसकी एक झलकी देखी थी। वह अभी चोटिल हैं, लेकिन उन्हें बेसब्री से इंतज़ार है कि कब वह पहली बार इस आरसीबी के जोशीले दर्शकों के सामने उतरेंगे।
डेवन कॉन्‍वे को चेन्‍नई के अपने थाला के लिए सोशल मीडिया पर प्‍यार ही यहां खींच लाया। भारत की अपनी तीसरी यात्रा में आख़‍िरकार वह इसको सामने से देखेंगे।
2018 में अंडर-19 विश्‍व कप जीत के बाद अवस्‍यक शिवम मावी ईडन गार्डंस में 60,0000 प्रशंसकों से रूबरू हुए, जब उन्‍होंने कोलकाता नाइट राइडर्स की ओर से दिल्‍ली कैपिटल्‍स से खेल रहे गौतम गंभीर के रूप में अपना पहला आईपीएल विकेट लिया था। अब वह गुजरात टाइटंस के साथ हैं और वह ये शोर दोगुना होने की उम्‍मीद कर सकते हैं, क्‍योंकि अहमदाबाद के इस नरेंद्र मोदी स्‍टेडियम में 120,000 लोग बैठ सकते हैं।
यह खिलाड़‍ियों के उत्‍साह की कुछ झलकियां भर हैं और हां प्रशंसकों में भी, क्‍योंकि चार सालों में पहली बार आईपीएल अपने परंपरागत घर और बाहर के अवतार में वापस लौट रहा है।
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चेन्‍नई सुपर किंग्‍स ने टीम ट्रेनिंग के समय प्रशंसकों के लिए स्‍टेडियम के दरवाजे खोले हैं। यह एक भावुक वापसी है क्‍योंकि 2019 के बाद यह पहला पूरा सीज़न घर में है।
याद है सीएसके के फ़ाइनल मैच के पुरस्‍कार समारोह में जब हर्षा भोगले ने धोनी से उनके पीछे छोड़ी गई विरासत के बारे में पूछा तो उन्होंने जवाब दिया, "अभी भी मैंने इसे पीछे नहीं छोड़ा है"? प्रशंसक उनके हर एक शब्‍द पर रूक से गए थे। अभी भी यह माना जा रहा है कि यह धोनी का आख़‍िरी आईपील सीज़न हो सकता है, जिससे चेपॉक के चारो ओर एक अलग सा माहौल है। सोमवार को सुरक्षा गार्ड मैदान पर कंट्रोल नहीं कर पा रहे थे क्‍योंकि स्‍टेडियम के गेट पर प्रशंसकों को रोकना मुश्किल हो रहा था।
यही धोनी का जलवा है। वह अभी भी स्‍टेडियमों में घूमकर कुछ नहीं करते हुए भी कई किलोवाट की एनर्जी उत्‍पन्‍न कर सकते हैं।
पिछले सप्‍ताह के अंत में बेंगलुरु में आरसीबी के दिग्‍गजों की महफ़‍िल देखने के लिए 30,000 प्रशंसक मैदान पर थे। क्रिस गेल और एबी डीविलियर्स इस आयोजन में आरसीबी के हॉल ऑफ़ फ़ेम में शामिल हुए। इस तिकड़ी में तीसरे सदस्‍य विराट कोहली थे।
केकेआर भी इस तरह के प्रमोशन में बड़ा करता है क्‍योंकि उनके सह मालिक शाहरुख़ ख़ान एक बड़े सिलेब्रिटी हैं और सब के चहेते सुपरस्‍टार हीरो भी। ईडन में हर सीज़न की शुरुआत अपने प्रशंसकों को जश्‍न मनाने के लिए एक विशेष ओपनिंग नाइट के साथ हुई है और यह साल भी कुछ अलग नहीं था।
केकेआर के सीईओ वेंकी मैसूर ने ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो को बताया, "यही घर में खेलने की ख़ूबसूरती है, प्रशंसक 12वें खिलाड़ी होते हैं। लेकिन उससे भी अधिक ज़रूरी वह अनुभूति है जो कोलकाता पहुंचते ही मिलती है, जहां एयरपोर्ट से ईडन तक आपको केकेआर ब्रांड दिखता है और आप इसको छुपा नहीं सकते हैं।"
"जब मैं यहां उतरा तो लोगों ने मुझसे कहा, 'वेंकी सर, इस बार जीतना है और आप अच्‍छा महसूस करते हो। इसी तरह की भावनाएं लोगों की हमारे साथ हैं और कैसे वह हमसे जुड़ा महसूस करते हैं।"
गुजरात ने पिछले साल अपने घर में खेलने का पहला यादगार लम्‍हा जिया है। यह ख़‍िताबी जीत के साथ समाप्‍त हुआ जहां पर 1,00,000 दर्शकों के सामने उन्होंने राजस्‍थान रॉयल्‍स को हराया था।
टिकटों की डिमांड भी बहुत बढ़ गई है। तीन दिनों के अंदर शुक्रवार को हार्दिक पंड्या की गुजरात और धोनी की सीएसके के मैच के लिए 70,000 टिकट बिक चुके हैं।
गुजरात के सीओओ अरविंद सिंह अहमदाबाद लौटकर उत्‍साहित हैं, जो दर्शक क्षमता के हिसाब से दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेट स्‍टेडियम है। उन्‍होंने कहा, "जो कुछ हमने पिछले साल हासिल किया, उसको देखते हुए हमसे उम्‍मीदें हैं और हमारा फ़ैन बेस भी लगातार बढ़ रहा है।"
अरविंद सोशल मीडिया पर मिल रही एंगेजमेंट को लेकर भी खु़श हैं। पहले किंग्‍स इलेवन पंजाब और गुजरात लायंस के सीईओ रह चुके अरविंद चाहते हैं कि गुजरात के प्रशंसकों को अच्‍छा अनुभव मिले और इससे टीम में सकारात्‍मक ऊर्जा आए। इसको देखते हुए गुजरात ने लोकल ट्रांंसपोर्ट के साथ टाइअप करते हुए यह सुनिश्चित किया है कि प्रशंसक बिना किसी दिक्‍कत के स्‍टेडियम से और स्‍टेडियम तक यात्रा कर सकें। साथ ही मैट्रो ट्रे‍न के समय में भी बदलाव कराया गया है।
अरविंद ने कहा, "आमतौर पर स्‍टेडियम के पास बने मैट्रो स्‍टेडियम से आख़ि‍री ट्रेन रात आठ बजे निकल जाती है, लेकिन उन्‍होंने मैचों के दिन आख़‍िरी ट्रेन के समय को रात 1.30 बजे किया है।"
मैदान के अंदर प्री-मैच एंटरटेनमेंट के लिए फ़ैन जोन बनाए गए हें, जहां लोग जल्‍दी पहुंचकर शुरू से लाइव मैच का अनुभव कर सकते हैं।
उन्‍होंने कहा, "हम यह सुनिश्‍चित करने को देख रहे हैं कि बिना किसी दिक़्क़त के प्रशंंसकों को उनकी सीट मिल जाएं, उन्‍हें पानी जैसी साधारण सी चीज़ें आसानी से मिल जाएंगे, बाथरूम साफ़ सुथरे हों, क्‍योंकि यह चीज़ें अहम हैं।"
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जितना महत्वपूर्ण यह ऑफ़-फ़ील्ड चर्चा बनाने के लिए है, इसका अधिकांश हिस्सा तभी क़ायम रह सकता है जब टीमें मैदान में जाएं और वास्तव में मैच जीतें। और यह आसान से बहुत दूर है, ख़ासकर आईपीएल में।
उदाहरण के तौर पर आरसीबी के हर्षल पटेल, जो जानते हैं कि उनको ग्राउंड रनिंग करनी होगी। उनका ब्‍लॉकबस्‍टर सीज़न तब आया था जब दुबई और आबू धाबी में हुए 2021 सीज़न में उन्‍होंने सबसे अधिक 32 विकेट लिए थे, जिसके बाद उन्‍हें भारतीय टीम की कैप मिली थी। लेकिन वह समझते हैं कि चिन्नास्वामी में ग़लती की गुंजाइश होने पर बख़्शे नहीं जाएंगे। 30 या उससे अधिक आईपीएल मैचों की मेज़बानी करने वाले स्टेडियमों में, गेंदबाज़ों की औसत इकॉनमी दर चिन्नास्वामी में ही सबसे अधिक है।
हर्षल ने मंद मुस्‍कान में कहा, "कई तरीक़े हैं जहां पर मदद मिल सकती हैं, क्‍योंकि मैंने यहां पर सात मैच खेले हैं। अगर मैं यहां अच्‍छा करता हूं तो मैं आत्‍मविश्‍वास से भर जाऊंगा कि मैं किसी भी पिच, किसी भी मैदान पर अच्‍छी गेंदबाज़ी कर सकता हूं।"
उन्‍होंने कहा, "गेंदबाज़ी के नज़‍र‍िये से यह बहुत मुश्किल मैदान है, तो जब भी आप बाहर खेलने जाते हो तो आप जानते हो कि बाउंड्री च‍िन्‍नास्‍वामी से तो बड़ी हैं, आप जानते हो कि इस विकेट की क़ीमत चिन्‍नास्‍वामी में विकेट से बड़ी नहीं है। शायद वानख़ेडे़ दूसरा विकेट है जहां पर बल्‍लेबाज़ों को अधिक मदद मिलती है।"
रणनीति पिच पर भी निर्भर करेंगी। हर्षल, बेंगलुरु में बल्‍लेबाज़ी पिच पर चुनौती देते नज़र आएंगे, ख़ासतौर पर पहले हाफ़ में जहां आरसीबी को अपने घर पर सात में से छह मैच खेलने हैं।
सीएसके के केस में यह उल्‍टा है। वे अपने पहले आठ में से पांच मैच चेपॉक के बाहर खेलेंगे, जिससे जब वह वापस लौटेंगे तो प्‍लेऑफ़ में जाने के लिए स्पिन टू विन की रणनीति के साथ जा सकते हैं।
पंजाब किंग्‍स की यात्रा कार्यक्रम अन्‍य टीमों से सबसे ख़राब है। 17 और 19 मई को धर्मशाला में आख़‍िरी लीग मैचों से पहले वह लगातार यात्रा करेंगे और खिलाड़‍ियों की यात्रा थकान आईपीएल में एक बड़ा फ़ैक्‍टर हो सकती है।
टीमों को अलग परिस्थितियों में खेलना होगा। लखनऊ सुपर जायंट्स से जुड़े जयदेव उनादकट को विश्‍वास है कि रणनीति को बदलना होगा और यह एक नया तत्‍व होगा जो पिछले तीन सीज़न में देखने को नहीं मिला था।
उन्‍होंने कहा, "यह इसको रोमांचक बनाएगा क्‍योंकि अगर आप वही पिच, वही परिस्थिति में खेलते हो जैसा पिछले तीन सीज़न हुआ तो टीम अपना संयोजन आसानी से बना लेती हैं। पिछले तीन सीज़न में सामान्य काट-छांट और बदलाव नहीं था जो पहले घर और बाहर के प्रारूप में होता था, क्‍योंकि स्थितियां अलग होती हैं। सभी टीमों को एक संतुलित टीम बनाने के लिए स्‍मार्ट बनना होगा। घर और बाहर का प्रारूप ही है जो आईपीएल को ख़ास बनाता है।"
2023 सीज़न को मजे़दार बनाने के लिए 10 टीमें अब तैयार हैं।

शशांक किशोर ESPNcricinfo में सीनियर सब एडिटर हैं और नागराज गोलापुड़ी ESPNcricinfo में न्‍यूज एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।