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ICC के सलाना मीटिंग में अफ़ग़ानिस्तान के महिला खिलाड़ियों के लिए हो सकती है विशेष चर्चा

कोलंबो में ICC की वार्षिक बैठक में इस प्रस्ताव पर चर्चा करने के इच्छुक बोर्डों में CA और NZC शामिल हैं

The Afghanistan women players take a break during a practice game, Kabul, October 31, 2020

हाल ही में अफ़ग़ानिस्तान के महिला खिलाड़ियों ने ICC को पत्र लिखा था  •  Afghanistan Cricket Board

इस सप्ताह के अंत में कोलंबो में ICC की वार्षिक बैठक होने जा रही है। इस बात की पूरी संभावना जताई जा रही है कि इस बैठक में अफ़ग़ानिस्तान महिला टीम को फंड जारी करने के विषय में चर्चा हो सकती है। अफ़ग़ानिस्तान क्रिकेट बोर्ड फ़िलहाल महिला टीम को फंड करने या उनकी मदद करने की स्थिति में नहीं है और ICC पर इस बात को लेकर लगातार दबाव बन रहा है कि वे अफ़ग़ानिस्ता की महिला टीम की मदद करे।
ऐसे कई क्रिकेट बोर्ड हैं, जो इस मामले में अफ़ग़ानिस्तान की महिला टीम को मदद करने को लेकर सहमत है, जिसमें क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (CA) और न्यूजीलैंड क्रिकेट (NZC) शामिल हैं। माना जाता है कि ये दोनों क्रिकेट बोर्ड रविवार को ICC बोर्ड की बैठक में इस विषय को उठा सकते हैं। इस संदर्भ में यह सुझाव दिया जा सकता है कि ICC द्वारा पूर्ण सदस्य के रूप में अफ़ग़ानिस्तान को वितरित किए जाने वाले वार्षिक राजस्व का कुछ हिस्सा महिला टीम के लिए अलग रखा जाए। साथ ही इसका उपयोग विशेष रूप से अफ़ग़ानिस्तान महिला क्रिकेट के लिए किया जाए या बचाया जाए।
अफ़ग़ानिस्तान एकमात्र पूर्ण सदस्यीय टीम है, जिसके पास महिला टीम नहीं है। अगर किसी देश को पूर्ण सदस्य होने का दर्जा मिलता है तो महिला टीम की मौजूदगी एक प्रमुख मानदंड है। अफ़ग़ानिस्तान की महिला खिलाड़ियों ने ICC अध्यक्ष ग्रेग बार्कले को ऑस्ट्रेलिया में उनके लिए एक शरणार्थी टीम स्थापित करने के लिए मदद भी मांगी थी। अफ़ग़ानिस्तान पर तालिबान के अधिग्रहण से पहले ACB ने कुछ महिला खिलाड़ियों को अनुबंध में शामिल किया था। पत्र लिखने वाली महिलाओं में ये खिलाड़ी भी शामिल थीं।
यह पत्र अफगानिस्तान की पुरुष टीम द्वारा टी20 विश्व कप 2024 में सेमीफ़ाइनल तक पहुंचने के बाद भेजा गया था। इस पत्र में पुरुष टीम के उपलब्धियों को स्वीकारते हुए, इस तथ्य को भी स्वीकार किया गया था कि ACB तालिबान की प्रतिबंधात्मक नीतियों के कारण एक महिला टीम को मान्यता नहीं दे सकता है। अगस्त 2021 में तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद से, देश में महिलाओं के अधिकार विशेष रूप से प्रभावित हुए हैं। इन प्रतिबंधों में शिक्षा और काम के साथ-साथ खेल भी शामिल था।
17 महिला क्रिकेटरों ने ICC से उन्हें क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया में स्थित ईस्ट एशियन क्रिकेट कार्यालय द्वारा प्रशासित एक शरणार्थी टीम के रूप में मान्यता देने का अनुरोध किया है।
हाल ही में क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (CA) ने अपनी उस बात को दोहराया था कि तालिबान सरकार के महिलाओं के अधिकारों के प्रति रुख़ के कारण ऑस्ट्रेलिया अफ़ग़ानिस्तान के साथ द्विपक्षीय क्रिकेट नहीं खेलेगा। हालांकि ICC टूर्नामेंट में वह अफ़ग़ानिस्तान के साथ मैच खेलना जारी रखेगा।
हालांकि ICC के बोर्डरूम में इस तरह की किसी भी चर्चा के साथ जटिलताएं आएंगी। इसका एक बड़ा कारण यह है कि आज तक काफ़ी कम ऐसे उदाहरण हैं, जब किसी टीम की इस तरह से मदद की गई हो। ICC अपने सदस्यों को वार्षिक राजस्व वितरण करने के दौरान या उसके बाद यह नहीं बताता है कि उन्हें महिला क्रिकेट पर कितना पैसा ख़र्च करना है। इसी कारण से महिला क्रिकेट के लिए कितना राजस्व बचा कर या अलग रखा जाए, यह तय करना एक मुश्किल काम होगा।
ACB को राजस्व वितरण मॉडल के हिस्से के रूप में ICC से सालाना लगभग 17 मिलियन अमेरिकी डॉलर मिलते हैं। इसमें यह सुझाव दिया जा सकता है कि महिला टीम के लिए अलग से एस्क्रो अकाउंट (थर्ड पार्टी अकाउंट) बना कर रखा जाए।
लेकिन इस संदर्भ में पैसा किसे और कितना दिया जाए, यह एक और सवाल होगा। हालांकि माना जाता है कि ICC को पत्र लिखने वाली 17 महिलाएं ACB द्वारा अनुबंधित खिलाड़ी हैं। उन्हें नवंबर 2020 में अनुबंध दिया गया था। लेकिन ICC ने उन्हें आधिकारिक तौर पर इस तरह से मान्यता नहीं दी है। और वे उन्हें आधिकारिक दर्जा देने में असमर्थ हैं, क्योंकि एक सदस्य संगठन के रूप में, ICC टीमों को संकलित और मान्यता देने के लिए व्यक्तिगत बोर्डों पर निर्भर करता है।