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रणनीति : विराट कोहली पर दबाव डालने के लिए न्यूज़ीलैंड के सामने रोहित शर्मा को जल्दी आउट करने की चुनौती

भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में पहला सेमीफ़ाइनल खेला जाएगा

Rohit Sharma and Virat Kohli added 70 for the second wicket, India vs Australia, 3rd ODI, Rajkot, September 27, 2023

रोहित ने इस टूर्नामेंट में जिस शैली में बल्लेबाज़ी की है उससे कोहली को क्रीज़ पर समय बिताने में सुविधा हुई है  •  AFP/Getty Images

भारत ने न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ क्रिकेट के तमाम प्रारूपों में अपने पिछले चार नॉकआउट मैच हारे हैं जबकि पिछले तीन विश्व कप में न्यूज़ीलैंड को मेज़बान में से ही किसी एक देश ने टूर्नामेंट से बाहर का रास्ता दिखाया है। मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में इन दोनों में से किसी एक रिकॉर्ड का टूटना तय है।
पहले 15 ओवर में ना हारें मैच
टॉस जितना ज़रूरी है। मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम की पिच टॉस हारने वाली टीम के लिए मुश्किल खड़ी कर सकती है। वानखेड़े में इस विश्व कप में पहले बल्लेबाज़ी करने वाली टीम का औसत स्कोर 357 पर 6 है जबकि चेज़ करते समय यहां का औसत स्कोर 188 पर 9 है। चेज़ के दौरान यह आंकड़े इतने अच्छे इसलिए भी हैं क्योंकि इसमें ग्लेन मैक्सवेल की खेली गई नाबाद 201 रनों की पारी भी है जो कि क्रिकेट इतिहास में विरलय ही खेली जाती हैं।
वानखेड़े के इस रिकॉर्ड के पीछे बड़ी वजह यह है कि अंडर लाइट्स यहां नई गेंद को स्विंग और सीम दोनों ही प्राप्त हो रही है और यह काफ़ी लंबे समय तक प्रभावी रहती है। पहली पारी में पावरप्ले का औसत स्कोर 52 पर 1 जबकि दूसरी पारी में यह 42 पर 4 पहुंच जाता है।
टॉस हारने वाली टीम को यह सुनिश्चित करना होगा कि वह विपक्षी टीम को कम से कम स्कोर तक सीमित करे और पहले 15 ओवर में टेस्ट क्रिकेट के अनुरूप बल्लेबाज़ी करे। रात में वानखेड़े में बल्लेबाज़ी करना आसान हो जाता है लेकिन बाद में बल्लेबाज़ी करने वाली टीम को यह सुनिश्चित करना होगा कि वह रात होने से पहले दो विकेट से ज़्यादा ना गंवाए।
हॉकआई डेटा के अनुसार पहले 10 ओवर के बाद स्विंग बल्लेबाज़ को परेशान करना बंद कर देती है लेकिन सीम 15 ओवर तक बल्लेबाज़ों के लिए चुनौती का सबब बनी रहती है। हालांकि दिन की तुलना में 20 ओवर के बाद यहां बल्लेबाज़ी आसान हो जाती है। ऐसे में अगर भारत टॉस हार जाता है तो आप रोहित शर्मा से उनकी शैली के अनुरूप बल्लेबाज़ी करने की उम्मीद बिलकुल भी ना करें और यही बात टॉस हारने की स्थिति में न्यूज़ीलैंड के टॉप ऑर्डर के लिए भी लागू होती है।
जाडेजा पर डालें दबाव
2019 में न्यूज़ीलैंड ने भारत को भले ही मात दे दी थी लेकिन मौजूदा भारतीय टीम पहले की तुलना में अधिक मज़बूत और लय में नज़र आ रही है। भारतीय टीम की गेंदबाज़ी लाइन अप को भी अब तक का सबसे बेहतरीन गेंदबाज़ी अटैक बताया जा रहा है।
ऐसी परिस्थिति में न्यूज़ीलैंड रवींद्र जाडेजा पर आक्रमण करने की रणनीति अपना सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस विश्व कप में जाडेजा को 10 ओवर डालने पर सिर्फ़ न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ ही एक भी विकेट प्राप्त नहीं हुआ था। न्यूज़ीलैंड के बैटिंग लाइन अप के टॉप 6 में तीन बाएं हाथ के बल्लेबाज़ हैं और निचले क्रम में मिचेल सैंटनर भी मौजूद हैं।
अगर हार्दिक पंड्या टीम में मौजूद होते तो बाएं हाथ के बल्लेबाज़ों की भरमार को देखते हुए भारत रविचंद्रन अश्विन को खिलाने पर भी विचार कर सकता था।
रवींद्र को ना करने दें गेंदबाज़ी
इस विश्व कप में न्यूज़ीलैंड की सफलता का बहुत हद तक उसके पार्ट टाइम स्पिनर्स कारण रहे हैं। रचिन रवींद्र और ग्लेन फ़िलिप्स ने अहम भूमिका निभाई है। न्यूज़ीलैंड सेमीफ़ाइनल में फ़िलिप्स के बजाय रवींद्र पर अधिक भरोसा इसलिए जता सकता है क्योंकि भारत के टॉप 6 में एक भी बाएं हाथ का बल्लेबाज़ नहीं है। न्यूज़ीलैंड के पास भारत की तुलना में गेंदबाज़ी के ज़्यादा विकल्प ज़रूर हैं लेकिन उनके पास सिर्फ़ चार विशेषज्ञ गेंदबाज़ ही हैं। ऐसे में भारत की कोशिश यही होगी कि वह पार्ट टाइम गेंदबाज़ों पर दबाव बनाए ताकि न्यूज़ीलैंड को अपने प्रमुख गेंदबाज़ों के पास वापस जाने के लिए मजबूर होना पड़े।
सैंटनर को दें सम्मान
पिछले विश्व कप सेमीफ़ाइनल में सैंटनर ने 10 ओवर में 34 रन देकर दो विकेट झटके थे जबकि इस विश्व कप के लीग मैच में उन्होंने 37 रन देकर एक विकेट अपने नाम किया था। सैंटनर को भारत के ख़िलाफ़ गेंदबाज़ी करने में आनंद आता है तो इस विश्व कप में भी सैंटनर के 16 शिकारों में 15 बार दाएं हाथ के बल्लेबाज़ ही उनका शिकार हुए हैं। भारत के पास नंबर सात से पहले कोई बाएं हाथ का बल्लेबाज़ नहीं है लेकिन अगर वह पांचवें गेंदबाज़ के ख़िलाफ़ अच्छे रन स्कोर कर देते हैं तब उन्हें सैंटनर के ख़िलाफ़ सिर्फ़ अपने विकेट को बचाने की ही चुनौती होगी।
रोहित का ख़तरा
इस विश्व कप में रोहित शर्मा की तेज़ शुरुआत ने विराट कोहली को आराम से बल्लेबाज़ी करने का अवसर दिया है। ऐसा नहीं है कि कोहली तेज़ी से रन नहीं बटोर सकते लेकिन अगर उन्हें क्रीज़ पर अपना समय बिताने का अवसर मिलता तो उन्हें वनडे में आउट करना बेहद मुश्किल हो जाता है।
ज़ाहिर तौर पर न्यूज़ीलैंड शाम के समय गेंदबाज़ी करना पसंद करेगा लेकिन उन्हें दोपहर की तैयारी करनी होगी। कोहली के ऊपर दबाव डालने के लिए उन्हें नई गेंद से रोहित का विकेट निकालना होगा। रोहित इस समय शानदार लय में हैं और पावरप्ले में ही खेल को विपक्षी टीम के हाथों से दूर ले जा रहे हैं।
अगर न्यूज़ीलैंड रोहित को जल्दी आउट करने में सफल हो जाता है तब वह मिडिल ओवर्स में बाएं हाथ की स्पिन गेंदबाज़ी और हार्ड लेंथ हिट करने के माध्यम से भारत के बल्लेबाज़ों पर दबाव बना सकता है।

सिद्धार्थ मोंगा ESPNcricinfo में सहायक एडिटर हैं।