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भारत की संभावित विश्व कप टीम: शेफ़ाली, अमनजोत और रेणुका की वापसी पर नज़र

वनडे विश्व कप से पहले भारतीय महिला टीम के चयनकर्ताओं के सामने कई मुश्किल सवाल हैं, जिनका जवाब उन्हें जल्द ही ढूंढना होगा

Shashank Kishore
शशांक किशोर
18-Aug-2025 • 2 hrs ago
Shafali Verma struck a brisk half-century, Australia A vs India A, 3rd one-day game, Ian Healy Oval, August 17, 2025

Shafali Verma को वनडे विश्व कप टीम में शामिल करने या न करने का फ़ैसला काफ़ी अहम होगा  •  Getty Images

भारतीय महिला टीम ने वनडे विश्व कप से पहले श्रीलंका में त्रिकोणीय सीरीज़ (जिसमें साउथ अफ़्रीका भी शामिल था) में जीत हासिल की और फिर इसके बाद इंग्लैंड में भी उन्होंने एक बेहतरीन जीत हासिल की। विश्व कप की तैयारियों की दृष्टिकोण से यह दोनों सीरीज़ हरमनप्रीत कौर की अगुवाई वाली भारतीय टीम के लिए काफ़ी महत्वपूर्ण थी। अब इस बड़े टूर्नामेंट की तैयारी अंतिम चरण में प्रवेश कर रही है। कौर के मुताबिक़ पिछली तैयारियों की तुलना में इस बार सबसे बड़ा फ़र्क़ यह है कि टीम पहले से ही काफ़ी संतुलित है और लगभग तय है।
मंगलवार को जब नीतू डेविड की अगुवाई वाली चयन समिति 30 सितंबर से शुरू हो रहे वर्ल्ड कप के लिए भारत की 15 सदस्यीय टीम चुनेगी, तो उनकी सबसे मुश्किल चुनौतियों में से एक शेफ़ाली वर्मा का चयन हो सकता है।
यह इस बात का संकेत भी हो सकता है कि भारतीय टीम में स्थिरता और आक्रामक शैली के क्रिकेट के बीच किस तरह संतुलन बनाना चाहता है। इसके अलावा दो अहम खिलाड़ी भी चोट के बाद वापसी कर रहे हैं। कुल मिला कर चयन समिति का काम काफ़ी मुश्किल भी हो सकता है। आइए उन सवालों पर नज़र डालते हैं, जो चयन समिति के सामने होंगे।

शेफ़ाली वर्मा का चयन

अगल हालिया प्रदर्शन के आधार पर भारतीय टीम पर नज़र डालें तो टॉप छह में से चार बल्लेबाज़ों की जगह बिल्कुल पक्की है। इस सूची में स्मृति मांधना, हरमनप्रीत कौर, जेमिमाह रॉड्रिग्स और ऋचा घोष का नाम शामिल है। पिछले कुछ सीरीज़ से प्रतिका रावल ने मांधना के साथ भारतीय टीम को काफ़ी अच्छी शुरुआत दिलाई है। उन्होंने 14 पारियों में 703 रन बनाए हैं और औसत 54.07 का रहा है। यह रन उन्होंने 88 के स्ट्राइक रेट से बनाए हैं।
इसी तरह पिछले साल चोट से वापसी करने के बाद हरलीन देओल ने भी अपने खेल में निरंतरता दिखाई है। उन्होंने दिसंबर में वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ अपना पहले वनडे शतक भी लगाया था। उसके बाद वह वह वनडे टीम की नियमित सदस्य हैं। हालांकि कभी-कभी वह काफ़ी धीमी शुरुआत करती हैं और इस पर कई बार सवाल भी उठाए गए हैं। हालांकि टीम में उनकी जगह को लेकर कोई ख़ास ख़तरा नहीं है।
यास्तिका भाटिया की स्थान की बात करें तो ऋचा घोष के बाद वह भारत की दूसरी विकेटकीपर विकल्प हो सकती हैं। यास्तिका की बल्लेबाज़ी क्षमता के कारण उनका चयन और भी आसान बन जाता है।
यही वजह है कि भारतीय चयन समिति के लिए शेफ़ाली को टीम में सेट करना थोड़ा मुश्किल है। इसमें कोई दो मत नहीं है कि उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख़ुद को कई बार साबित किया है। इंग्लैंड में उनका प्रदर्शन भी अच्छा था।
हालांकि इंग्लैंड सीरीज़ के बाद इंडिया ए टीम की तरफ़ खेलते हुए उनका प्रदर्शन कुछ ख़ास नहीं था। तीन वनडे मैचों में उन्होंने 52, 4 और 36 स्कोर बनाया। और उससे पहले खेले गए तीन T20 मैचों में उनका स्कोर 41, 3 और 3 रहा।

ऑलराउंडर अमनजोत हैं तो संतुलन है, लेकिन क्या वह पूरी तरह से फ़िट हैं?

जब से पूजा वस्त्रकर चोटिल हुई हैं, तब से अमनजोत कौर भारतीय टीम के लिए अच्छी ऑलराउंडर के रूप में उभरी हैं। इंग्लैंड में जब भारतीय टीम ने T20 सीरीज़ जीता तो अमनजोत को इस्तेमाल दूसरे सीम गेंदबाज़ के रूप में किया गया। उस सीरीज़ में उन्होंने 13 ओवर में तीन विकेट लिए और साथ ही 63* रनों की शानदार मैच जिताने वाली पारी खेलकर अपनी बल्लेबाज़ी क्षमता का भी प्रदर्शन किया।
हालांकि जब वनडे सीरीज़ शुरू हुआ तो इस बात की आशंका बढ़ गई कि उनके कमर की चोट एकबार फिर से उभर सकती है। उस समय हरमनप्रीत ने टीम में न होने के कारण के रूप में यह बताया था कि उन्हें आराम दिया है। हालांकि इस बात की बहुत संभावना है कि टीम प्रबंधन उनकी चोट को लेकर सतर्क था और पूरी सावधानी बरत रहा था।
इसके बाद उनका स्कैन कराया गया था, जिसमें कोई बड़ी समस्या नहीं थी। लेकिन चयनकर्ताओं को यह सुनिश्चित करना होगा कि क्या अमनजोत अपने ऑलराउंड ज़िम्मेदारियां निभाने के लिए तैयार हैं। ख़ासकर के तब जब भारत ने हालिया दिनों में मज़बूत स्पिन अटैक के साथ मैदान पर उतरने की मंशा को काफ़ी हद तक साफ़ कर दिया था।
अगर अमनजोत को जगह मिलती है, तो संभव है कि भारत को तीसरे स्पेशलिस्ट सीमर की ज़रूरत न पड़े। उस स्थिति में, अरुंधति रेड्डी जैसी खिलाड़ी का चयन शायद न हो। उनके बजाय चयनकर्ता शेफ़ाली या एक रिस्ट स्पिनर को टीम में शामिल करने के बारे में सोच सकता है। प्रेमा रावत का नाम इस लिस्ट में काफ़ी आगे हैं, क्योंकि इंडिया ए की तरफ़ से उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ अच्छा प्रदर्शन किया था।
इसके अलावा यह तय है कि टीम में दो और आलराउंड के रूप में दीप्ति शर्मा और राधा यादव का नाम आएगा। दोनों खिलाड़ियों ने इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया-ए टूर पर (जहां राधा कप्तान थीं) अच्छा प्रदर्शन किया था।

क्या चयनकर्ता रेणुका पर भरोसा जताएंगे?

इस मामले में काफ़ी कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि क्या रेणुका सिंह अपनी स्ट्रेस फ़्रेक्चर से पूरी तरह से उबर गई हैं। अगर वह फ़िट नहीं है तो अरुंधति का चयन लगभग तय है। फ़िलहाल देखा जाए तो इस बात के साफ़ संकेत हैं कि रेणुका को टीम में शामिल किया जा सकता है। लेकिन उनके साथ यह जोख़िम बना हुआ है कि वह पूरी तरह से तैयार नहीं हैं। उन्होंने WPL के बाद से कोई क्रिकेट नहीं खेला है। ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ वनडे सीरीज़ शायद उनकी लय हासिल करने का आख़िरी मौक़ा होगा।
दूसरी ओर मध्यप्रदेश की तेज़ क्रांति गौड़ ने भी इंग्लैंड में अच्छा प्रदर्शन किया था। उन्होंने यह साफ़ तौर पर यह प्रदर्शित कर दिया था कि वह अपने आक्रामक तेवर से बल्लेबाज़ों को अच्छा-ख़ासा परेशान कर सकती हैं। उन्होंने इंग्लैंड के ख़िलाफ़ तीसरे वनडे में 52 रन देकर छह विकेट हासिल किया था। उसके बाद से ही उनके नाम पर काफ़ी चर्चा हो रही है। उनकी इस बेहतरीन शुरुआत के कारण अगर अमनजोत कौर फ़िट रहीं तो वह अरुंधित से आगे निकल सकती हैं।
अगर विशेषज्ञ स्पिनरों की बात की जाए तो श्रीलंका त्रिकोणीय सीरीज़ में शानदार वापसी करने वाली स्नेह राणा और एन श्री चरणी का नाम शामिल है। इनके साथ दीप्ति शर्मा और राधा यादव भी हैं। वहीं श्रेयंका पाटिल और मिन्नू मणि ऐसे ऑफ़स्पिन ऑलराउंडर हैं जिन पर चर्चा की जा सकती है।

भारत (संभावित स्क्वॉड):

हरमनप्रीत कौर (कप्तान), स्मृति मांधना (उप-कप्तान), प्रतीका रावल, हरलीन देओल, जेमिमाह रॉड्रिग्स , ऋचा घोष (विकेटकीपर), यस्तिका भाटिया (विकेटकीपर), दीप्ति शर्मा, अमनजोत कौर, राधा यादव, स्नेह राणा, एन श्री चरणी, रेणुका सिंह/अरुंधति रेड्डी, क्रांति गौड़, शेफ़ाली वर्मा/प्रेमा रावत