पाकिस्तान और न्यूज़ीलैंड दोनों को सही करने होंगे समीकरण • AFP/Getty Images
इंग्लैंड सेमीफ़ाइनल की रेस से बाहर हो चुकी है तो वहीं साउथ अफ़्रीका ने अपनी जगह पक्की कर ली है। आख़िरी दो स्थानों के लिए चार टीमों के बीच लड़ाई हो रही है। आइए जानते हैं टीमों के लिए सेमीफ़ाइनल में जाने के क्या विकल्प हैं।
ऑस्ट्रेलिया
मैच: 7, अंक: 10, नेट रन-रेट: 0.924
बचे हुए मैच: बनाम अफ़ग़ानिस्तान, बांग्लादेश
इंग्लैंड के ख़िलाफ़ जीत से दो अंक मिलने का मतलब है कि ऑस्ट्रेलिया के सेमीफ़ाइनल का तीसरा स्थान हासिल करने का मौक़ा है। अगर उन्होंने मंगलवार को मुंबई में अफ़ग़ानिस्तान को हरा दिया तो उनका टॉप-3 में फ़िनिश करना पक्का हो जाएगा। अफ़ग़ानिस्तान के ख़िलाफ़ हार के बावजूद ऑस्ट्रेलिया टॉप-3 में फ़िनिश कर सकता है, लेकिन उसके लिए उन्हें बांग्लादेश के ख़िलाफ़ आखिरी मैच जीतना होगा। अफ़ग़ानिस्तान को अगर ऑस्ट्रेलिया से आगे जाना है तो उन्हें केवल अपने दोनों मैच जीतने ही नहीं होंगे बल्कि रन-रेट में भी सुधार लाना होगा। फ़िलहाल अंतर काफ़ी बड़ा है क्योंकि ऑस्ट्रेलिया का रन-रेट 0.924 है तो वहीं अफ़ग़ानिस्तान का रन-रेट -0.330 है।
अगर ऑस्ट्रेलिया ने अफ़ग़ानिस्तान और बांग्लादेश दोनों के ख़िलाफ़ मैच गंवाए तो मामला रन-रेट पर आ जाएगा। अगर अफ़ग़ानिस्तान ने साउथ अफ़्रीका को हराया और न्यूज़ीलैंड
तथा पाकिस्तान ने अपने आखिरी मैच जीते तो फिर ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड और पाकिस्तान के बीच एक ही स्थान के लिए लड़ाई होगी। अगर अफ़ग़ानिस्तान हारती है तो चार टीमों के 10 अंक होंगे और उनके बीच दो स्थानों की लड़ाई होगी। इस स्थिति में भी ऑस्ट्रेलिया का रन-रेट उनका मज़बूत पक्ष होगा। अगर न्यूज़ीलैंड और पाकिस्तान ने अपने आखिरी मैच गंवाए तो ऑस्ट्रेलिया आखिरी दो मैच हारने के बावजूद 10 अंक पर ही क्वालीफ़ाई कर जाएगी।
पिछले चार मैचों में लगातार हार ने न्यूज़ीलैंड के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। अपना आखिरी मैच जीतकर भी वे सेमीफ़ाइनल में जाने से वंचित हो सकते हैं अगर ऑस्ट्रेलिया ने बांग्लादेश को हराया और अफ़ग़ानिस्तान ने अपने दोनों मैच जीते तो चार टीमें 12 या उससे अधिक अंकों पर फ़िनिश करेंगी। न्यूज़ीलैंड के लिए उचित होगा कि वे श्रीलंका को हराएं और उम्मीद करें कि अफ़ग़ानिस्तान अपने दोनों मैच हार तथा इंग्लैंड भी पाकिस्तान को हरा दे। इस स्थिति में 10 अंकों पर वे बिना रन-रेट के दखल के ही क्वालिफ़ाई कर जाएंगे।
अगर न्यूज़ीलैंड, पाकिस्तान ने अपने आख़िरी मैच जीते और अफ़ग़ानिस्तान ने भी एक और मैच जीत लिया तो इन तीनों टीमों के बीच मामला रन-रेट पर आएगा। फ़िलहाल न्यूज़ीलैंड का रन-रेट अच्छा है। अगर न्यूज़ीलैंड ने 300 रन बनाने के बाद श्रीलंका को एक रन से भी हराया तो पाकिस्तान को उनसे आगे जाने के लिए इसी टोटल पर इंग्लैंड को 130 रनों से हराना होगा। बेंगलुरु में पूरे हफ्ते बारिश की संभावना है को इस स्थिति में न्यूज़ीलैंड का आखिरी मैच बारिश की भेंट भी चढ़ सकता है। अगर ऐसा हुआ तो वे नौ अंकों पर फ़िनिश करेंगे और फिर उम्मीद करेंगे कि अफ़ग़ानिस्तान और पाकिस्तान अपने बचे हुए मैच हार जाएं।
अगर अफ़ग़ानिस्तान ने बचे हुए दोनों मैच जीते तो पक्का क्वालीफ़ाई कर जाएंगे क्योंकि वे उन चार टीमों में से एक हैं जो 12 या उससे अधिक अंक हासिल कर सकते हैं। हालांकि, उनके लिए समस्या ये है कि उनके बचे हुए मैच ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ़्रीका जैसी टूर्नामेंट की सबसे मजबूत टीमों के ख़िलाफ़ हैं। इसके अलावा उनका रन-रेट भी अच्छा नहीं है जो एक और मुसीबत का कारण है। अगर पाकिस्तान और न्यूज़ीलैंड दोनों ने अपने आखिरी मैच गंवाए तो अफ़ग़ानिस्तान को फायदा हो सकता है। इस स्थिति में एक जीत भी अफ़ग़ानिस्तान को सेमीफ़ाइनल में पहुंचा देगी।
एक समय लगा था कि पाकिस्तान सेमीफ़ाइनल की रेस से बाहर है, लेकिन बांग्लादेश और न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ जीत ने उनकी उम्मीदों को जिंदा रखा है। हालांकि, आख़िरी मैच में इंग्लैंड को हराने के बावजूद पाकिस्तान को दूसरी टीमों पर निर्भर रहना होगा। अगर न्यूज़ीलैंड ने श्रीलंका को हराया और उनका रन-रेट अच्छा रहा और साथ ही ऑस्ट्रेलिया ने अपने आखिरी दो में से एक भी मैच जीत लिया तो पाकिस्तान बाहर हो जाएगी। अफ़ग़ानिस्तान ने अगर अपने आख़िरी दो मैच जीत लिए तो वे भी पाकिस्तान का काम बिगाड़ देंगे।
पाकिस्तान के लिए सबसे बढ़िया होगा कि वे इंग्लैंड को हराएं, श्रीलंका के ख़िलाफ़ न्यूज़ीलैंड हार जाए और अफ़ग़ानिस्तान भी अपने दोनों मैच गंवा दे। इस स्थिति में बिना रन-रेट के ही वे क्वालीफ़ाई कर जाएंगे।
श्रीलंका और नीदरलैंड्स बराबर की स्थिति में हैं। दोनों के रन-रेट काफ़ी खराब हैं और वे अधिकतम आठ अंकों तक ही पहुंच सकते हैं। तीन टीमें पहले ही आठ से अधिक अंक हासिल कर चुकी हैं तो उनकी संभावनायें दूसरी टीमों पर होंगी। न्यूज़ीलैंड, पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान अपने सभी मैच गंवा दें और आठ अंकों पर ही रह जाएं। ये दोनों टीमें भी फिर अपने बचे हुए मैचों को जीतकर आठ अंकों पर फ़िनिश कर सकती हैं। ऐसे में रन-रेट ही सब कुछ तय करेगा।