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कुलदीप : मुझे अब असफलता का भय नहीं है

स्पिनर ने कहा कि उन्हें नहीं पता था कि भारतीय टीम से बाहर होने का वे कैसे सामना करें

Kuldeep Yadav appeals, but it looks somewhat half-hearted, Zimbabwe vs India, 2nd ODI, Harare, August 20, 2022

कुलदीप पिछले कुछ समय में लगातार चोटिल रहे हैं  •  Getty Images

बाएं हाथ के रिस्ट स्पिनर कुलदीप यादव भले ही वह भारतीय टीम से बाहर होने की घटना का सामना कर पाने में अक्षम रहे हों लेकिन अब उनके भीतर असफलता का तनिक भर भी भय नहीं है। यह बात उन्होंने रविवार को चेन्नई में न्यूज़ीलैंड ए के विरुद्ध अपनी हैट्रिक लेने के बाद कही।
कुलदीप को पिछले साल बड़े झटके का सामना करना पड़ा। आईपीएल के दौरान उन्हें घुटने में चोट लगी और सितंबर में उन्हें सर्जरी से गुज़रना पड़ा। इस वजह से उन्हें काफ़ी महीनों तक क्रिकेट से दूरी बनानी पड़ी। इस साल भी उन्हें कलाई में हेयरलाइन फ्ऱैक्चर हो गया, जिसके बाद उन्हें साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ टी20 सीरीज़ और इंग्लैंड-आयरलैंड दौरे से बाहर होना पड़ा। हालांकि इस दौरान उन्हें अपनी लय पर काम करने पर भरपूर समय मिला। ख़ुद कुलदीप के शब्दों में, इससे उन्हें मज़बूत वापसी करने में मदद मिला।
न्यूज़ीलैंड ए के विरुद्ध दूसरे मैच के बाद उन्होंने कहा, "मुझे नहीं पता था कि खेल के लिए पर्याप्त समय ना मिलने से कैसे निपटना है। घुटने में चोट लगने के बाद बीते चार महीनों में मुझे इस बात का अहसास हुआ कि मुझे तेज़ गेंद करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और मैंने इस पर काम करना शुरू कर दिया। जब आप असफल होते हैं, तब आप सीखते हैं। जनवरी में जब मैंने भारतीय टीम में वापसी की, तब मेरे भीतर से असफलता का भय निकल चुका था। मेरा ध्यान सही लेंथ पर गेंदबाज़ी करने पर केंद्रित है। विकेट मिलना मेरे हाथ में नहीं है, मैं सिर्फ सही ठिकानों पर गेंद करना चाहता हूं। सच कहूं तो चोट के बाद मैंने यह बात महसूस की कि गेंदबाज़ी में लय बेहद ज़रूरी है। मैं हल्का धीमा हो गया था। हालांकि सर्जरी के बाद मैंने इस पर काम किया और अधिक प्रयास और अधिक नियंत्रण के साथ गेंदबाज़ी करने लगा।"
सर्जरी से गुज़रने के बाद कुलदीप को जनवरी में वेस्टइंडीज़ के विरुद्ध तीन वनडे की सीरीज़ में भारतीय दल में शामिल किया गया और इसके बाद उन्हें फ़रवरी में श्रीलंका के विरुद्ध तीन टी20 मैचों की सीरीज़ में चोटिल वॉशिंगटन की जगह पर खेलने का मौका मिला। कलाई की समस्या से जूझने से पहले कुलदीप को वेस्टइंडीज़ के विरुद्ध एक वनडे और श्रीलंका के विरुद्ध एक टी20 खेलने का अवसर मिला। न्यूज़ीलैंड ए के विरुद्ध खेलने से पहले कुलदीप ने अगस्त में वेस्टइंडीज़ और ज़िम्बाब्वे सीरीज़ में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया।
कुलदीप ने अपनी गेंदबाज़ी को लेकर कहा, "मैं एक बार फिर चोटिल होने से पहले आईपीएल के दौरान अच्छी गेंदबाज़ी कर रहा था। वेस्ट इंडीज़ और ज़िम्बाब्वे के विरुद्ध भी मैंने अच्छी गेंदबाज़ी की। मैं सटीक और तेज़ गेंदें डाल रहा था। इसके बाद मैंने न्यूज़ीलैंड ए के ख़िलाफ़ लाल गेंद से खेला और मैंने यहां सफ़ेद गेंद के साथ भी दो मुक़ाबले खेले। पहले मुक़ाबले में भी मुझे गेंद पर अच्छा नियंत्रण हासिल था, मैं काफ़ी खुश हूं।"
कुलदीप ने कहा कि चोटिल होने और उससे उबरने की प्रक्रिया, उन्हें ख़ुद को और अपने शरीर के प्रति बेहतर समझ विकसित में मददगार साबित हुई। उन्होंने कहा, "लगातार खेलते रहने के कारण आप काफ़ी कुछ सीखते हैं, आप ज़्यादा से ज़्यादा खेलना चाहते हैं लेकिन ऐसा संभव नहीं हो पाता। मुझे वाकई नहीं पता था कि इसका सामना कैसे करना है। हालांकि चोट मेरे लिए भाग्यशाली साबित हुई। मैं अपने शरीर को समझ सका और वापसी करने के लिए अपनी लय को लेकर सोचने लगा। यह चुनौतीपूर्ण ज़रूर है लेकिन आपको इसका दूसरा हिस्सा भी देखना होगा। भारत के लिए खेलना हमेशा कठिन होता है।"