रवींद्र जाडेजा ने पिछले कुछ समय से अपने बल्लेबाज़ी में जो मज़बूती दिखाई है वह तारीफ़ योग्य है। जाडेजा ऐसे समय में रन बना रहे हैं, जब भारतीय टीम का मध्य क्रम रन बटोरने में क़ामयाब नहीं हो पा रहा हैं।
हालांकि मोहाली में जाडेजा की 175* रनों की पारी तब आई जब टीम एक ठीक-ठाक स्थिति में थी। जाडेजा ने हालिया समय में भारतीय टीम के मध्य क्रम को काफ़ी मज़बूती दी है। साथ ही हाल में जो घरेलू धरती पर टेस्ट मैच खेले गए उसमें भी जाडेजा ने काफ़ी रन बटोरे हैं।
जाडेजा पिछले पांच वर्षों में भारत के लिए प्रमुख बल्लेबाज़ों में से एक रहे हैं, उन्होंने 46.48 की औसत से 1441 रन बनाए हैं। इस अवधि में जिस भी बल्लेबाज़ ने 300 से अधिक रन बनाया है, उसमें जाडेजा का औसत सिर्फ़ रोहित शर्मा और विराट कोहली से कम है। स्वाभाविक रूप से नंबर 6 और 7 पर बल्लेबाज़ी करने वाले किसी व्यक्ति के लिए नाबाद पारियों की अधिक संख्या के कारण औसत को बढ़ावा मिलने की उम्मीद रहती है। जाडेजा के मामले में जो बात सबसे अलग है, वह यह है कि उन्होंने निचले क्रम के साथ बल्लेबाजी करते हुए कई बार पचास से अधिक स्कोर बनाए हैं। 43 पारियों में, उन्होंने 14 मौकों पर 50 को पार किया है। औसतन हर 3.07 पारियों में वह एक बार 50 के आंकड़े को पार करते हैं। यह पिछले पांच वर्षों में रोहित (39 पारियों में 13) और कोहली (75 पारियों में 25) की तुलना में केवल थोड़ा सा कम है।
इसके अलावा जाडेजा के 1441 रनों में से 551 रन तब आए, जब भारत आने छः विकेट खो चुका था। यानी उनके 38.2% रन निचले क्रम के बल्लेबाज़ों के साथ बल्लेबाज़ी करते हुए आए हैं। पिछले पांच वर्षों में कम से कम 1000 रनों के कट-ऑफ़ वाले बल्लेबाज़ों की सूची में से कोई भी इतना सफल नहीं रहा है। यहां तक कि जेसन होल्डर, जो इस सूची में अगले बल्लेबाज़ हैं, उनका औसत 29.3% पर हैं- जाडेजा से लगभग 9% कम।
मोहाली एक उदाहरण था कि कैसे जाडेजा भारत को एक बढ़िया स्कोर तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ऑलराउंडर ने छठे विकेट के पतन के बाद अपनी टीम द्वारा बनाए गए 223 रनों में से 140 रन बनाए और अंत में भारतीय पारी 574 पर समाप्त हुई।
पिछले पांच वर्षों में टेस्ट टीमों द्वारा औसत कुल लगभग 300 है। जब भारत ने 300 या अधिक रन बनाए हैं, जाडेजा ने 63.2 के औसत से 1074 रन बनाए हैं। उन्होंने इन पारियों में 11 पचास से अधिक का स्कोर बनाया है। पिछले तीन वर्षों में, भारत में इस तरह के बड़े बनाने में जाडेजा की भूमिका और भी बड़ी हो गई है। जब भी भारतीय टीम 300 से ज़्यादा बनाती है। 49.2 रन का योगदान दिया है जो पिछले तीन वर्षों में कोहली के योगदान से अधिक है।
भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में ज़्यादा से ज़्यादा रन जुगाड़ने के अलावा जाडेजा गेंद के साथ भी बढ़िया प्रदर्शन करते हैं। ख़ास कर के तब जब पिच स्पिन गेंदबाज़ों की मदद करती है। ऐसे में भारतीय टीम के पास शायद उस स्तर का ऑलराउंडर है,
जिसका रिकॉर्ड आज जाडेजा ने 175 रन बना कर तोड़ा।
शिवा जयरामन ESPNcricinfo में सीनियर स्टैटिशियन हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर राजन राज ने किया है।