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स्टोक्स: 'हम रोमांचक क्रिकेट खेलना चाहते हैं, लेकिन असल मक़सद जीतना है'

इंग्लैंड के कप्तान चाहते हैं कि उनके खिलाड़ी दबाव वाले क्षणों में बेहतर फ़ैसला लेने में सक्षम हो सकें

बेन स्टोक्स ने हेडिंग्ले में इंग्लैंड की टीम को एक सीधी बात कही: "हमारा मक़सद है जीतना।" शुक्रवार से भारत के ख़िलाफ़ शुरू हो रही पहली टेस्ट से पहले उन्होंने खिलाड़ियों से दबाव में बेहतर ढंग से ढलने और यह साबित करने को कहा कि वे अपनी आक्रामक शैली के पीछे ठोस सोच और क्षमता रखते हैं - क्योंकि वह इंग्लैंड को "अगले स्तर" तक ले जाना चाहते हैं।
स्टोक्स के जो रूट से कप्तानी संभालने के बाद से इंग्लैंड ने 23 टेस्ट जीते हैं और 12 हारे हैं। अब उनके सामने सात महीने में भारत और ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ पांच-पांच टेस्ट की दो बड़ी सीरीज़ खेलने की चुनौती है। इंग्लैंड दुनिया की सबसे तेज़ रन बनाने वाली टेस्ट टीम बन चुकी है और कई ऐतिहासिक जीतें दर्ज की हैं, लेकिन स्टोक्स अब चाहते हैं कि उनकी टीम तब भी टिके जब मैच उनके नियंत्रण से बाहर हो। स्टोक्स ने BBC से कहा, "हमारी एक अलग पहचान है। सभी को पता है कि हम किस तरह खेलना चाहते हैं। हमने एक साथ बैठकर यह पहचाना है कि हम किन पहलुओं में बेहद मज़बूत हैं और किन क्षेत्रों में हमें बेहतर होना है। इन्हीं में से एक पहलू है - जब हम मुश्किल में हों तो बेहतर तरीक़े से ढलना।"
"हमें पता है कि जब हम विपक्षी टीम पर हावी होते हैं, तब हम काफ़ी अच्छा प्रदर्शन करते हैं। लेकिन बीते तीन वर्षों में जब हम पिछड़ते हैं, तब हमने ख़ुद को वापसी का सर्वश्रेष्ठ मौक़ा नहीं दिया। यह एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें सुधार ज़रूरी है। अगर हम उस मुक़ाम पर पहुंचना चाहते हैं, जहां हम एक टीम के रूप में जाना चाहते हैं, तो इस पर काम करना ज़रूरी है।"
स्टोक्स ने आगे कहा, "हम अब भी एक रोमांचक क्रिकेट खेलने वाली टीम के रूप में पहचाने जाना चाहते हैं। ऐसा नहीं है कि हमने पहले कभी हर मैच जीतने की कोशिश नहीं की, लेकिन अब बात यह है कि हम क्या कहते हैं और कैसे कहते हैं। हम रोमांचक क्रिकेट खेलना चाहते हैं क्योंकि हमें पता है कि इससे व्यक्तिगत खिलाड़ियों और पूरी टीम का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन निकलता है। लेकिन अंत में बात है जीतने की।"
हाल के टेस्ट में इंग्लैंड की हारें अक्सर करारी रही हैं - जैसे पिछले साल हैमिल्टन में 423 रन से हार, या फिर भारत के ख़िलाफ़ पिछली सीरीज़ में 434 रन और एक पारी और 64 रन की हारें। ऐसे में स्टोक्स ने अपने खिलाड़ियों से "ज़्यादा चतुराई" से खेलने और "दबाव को झेलने" की कला सीखने को कहा है।
उन्होंने कहा, "जब साफ़ तौर पर विपक्षी टीम हम पर हावी हो रही हो, तब हमें और स्मार्ट होना होगा। बतौर टीम हम मानते हैं कि सुधार का क्षेत्र यह है कि हम उस दबाव को झेलें। ताकि हमें भी उन्हें उसी अंदाज़ में जवाब देने का मौक़ा मिले, जैसे हम देना जानते हैं।"
"जब हम हारे हैं, तो पीछे मुड़कर देखने पर लगता है कि क्या हम उस वक़्त खेल की गति को धीमा कर सकते थे? क्या हम यह समझ सकते थे कि मैच किस स्थिति में है? ताकि हम अपने स्वाभाविक तरीक़े से खेल सकें। टीम के अंदर ऐसे आत्ममंथन और ईमानदार बातचीत ही किसी टीम को अगले स्तर तक ले जाती हैं।"
स्टोक्स ने आने वाली ऐशेज़ सीरीज़ पर उठे सवालों को टालते हुए साफ़ कहा कि फ़िलहाल टीम का पूरा ध्यान भारत पर है। साथ ही उन्होंने इंग्लैंड को "महान टीम" बनाने की इच्छा भी जताई। उन्होंने टॉक स्पोर्ट्स से कहा, "हम पिछले तीन सालों में अच्छे रहे हैं। हमारे नतीजे यही दिखाते हैं। लेकिन हम सिर्फ़ अच्छे नहीं, बहुत अच्छे बनना चाहते हैं।"
उन्होंने रोहित शर्मा, विराट कोहली और आर अश्विन के संन्यास के बावजूद भारत से कड़ी चुनौती की उम्मीद जताई। स्टोक्स ने कहा, "भारतीय क्रिकेट का टैलेंट पूल बहुत विशाल है। उन तीनों खिलाड़ियों ने अपने देश के लिए अद्भुत काम किए हैं। लेकिन उनका न होना हमारे लिए किसी तरह से आसान नहीं होने वाला।"
इंग्लैंड ने बुधवार को अपनी टीम का एलान कर दिया, जिसमें ओली पोप ने जैकब बेटेल को पछाड़कर नंबर 3 स्थान हासिल किया। स्टोक्स ने कहा, "कप्तान बनने के बाद से पोप हमारे नंबर 3 बल्लेबाज़ हैं, और उन्होंने इस दौरान 40 से ज़्यादा की औसत से रन बनाए हैं, जो अपने आप में बहुत कुछ कहता है। पिछली टेस्ट में 170 रन बनाकर उन्होंने यह दिखा दिया कि वह अतिरिक्त दबाव से कैसे निपट सकते हैं।"