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गिल और बुमराह में कप्तान कौन? नंबर चार पर कोहली की जगह कौन भरेगा?

क्या नंबर तीन पर साई सुदर्शन खेलेंगे? क्या कुलदीप को मिलेगा इंग्लैंड दौरे पर मौक़ा?

रोहित शर्मा और विराट कोहली के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने से न केवल भारतीय टीम की बल्लेबाज़ी में जगह खाली हुई है, बल्कि भारतीय क्रिकेट को कप्तानी सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार करने का मौक़ा भी मिला है। 20 जून से 4 अगस्त तक इंग्लैंड के ख़िलाफ़ होने वाली पांच मैचों की टेस्ट सीरीज़ बेहद महत्वपूर्ण है। ESPNcricinfo ने अजीत अगरकर की अगुवाई वाली चयन समिति के उन सवालों पर नज़र डाली है, जिसके लिए 19 मई को बैठक होने की उम्मीद है। इस बैठक में भारतीय क्रिकेट के नए दौर में प्रवेश करने पर चर्चा होगी।

कप्तान कौन होगा?

शुभमन गिल सबसे आगे हैं, लेकिन जसप्रीत बुमराह भी इस दौड़ में हैं। कुछ लोगों का तो यह भी मानना है कि के एल राहुल वाइल्डकार्ड हैं। 25 वर्षीय गिल को उनके साथियों, चयनकर्ताओं और भारत के कोचिंग स्टाफ़ से समर्थन मिला है जो कि सामूहिक रूप से मानते हैं कि वह एक शांत और विश्वसनीय खिलाड़ी के रूप में विकसित हो रहे हैं। भले ही विदेशों में उनकी बल्लेबाज़ी अभी भी अपने विकास के चरण में है, लेकिन सभी इस बात से सहमत हैं कि गिल में आगे बढ़ने और एक दीर्घकालिक कप्तान बनने के सभी गुण हैं।

दूसरी ओर, बुमराह ने साबित कर दिया है कि वह नेतृत्व कर सकते हैं। उन्होंने सबसे पहले 2022 में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ पांचवें टेस्ट में भारत की कप्तानी की और फिर 2024-25 बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी के पहले और पांचवें टेस्ट में। हालांकि, बुमराह के साथ फ़िटनेस एक बड़ी समस्या रही है। पीठ के निचले हिस्से में तनाव से संबंधित समस्याओं के कारण उन्हें दो साल पहले सर्जरी करवानी पड़ी और जनवरी में सिडनी टेस्ट के दूसरे दिन ही उन्होंने अपना ऑस्ट्रेलिया दौरा जल्दी खत्म करने पर मजबूर होना पड़ा। चैंपियंस ट्रॉफ़ी से बाहर रहने के बाद वह IPL में वापसी कर रहे हैं और बुमराह के लिए चिकित्सकीय सलाह भी ली गई है और बुमराह के लिए चिकित्सीय परामर्श यही है कि वह एक लंबी टेस्ट सीरीज़ में हर मैच ना खेलें जैसा कि इंग्लैंड में भी खेला जाना है।

हालांकि चयनकर्ताओं के पास एक विकल्प यह भी है कि वह बुमराह को कप्तानी दें और गिल को उपकप्तान बनाएं और फिर जिस मैच में बुमराह ना खेलें उस मैच में टीम की अगुवाई गिल करें।

जायसवाल का जोड़ीदार कौन होगा?

ऑस्ट्रेलिया में राहुल की सफलता, जिसने रोहित को मध्य क्रम में बल्लेबाज़ी करने के लिए मजबूर किया, इसका मतलब है कि वह यशस्वी जायसवाल के साथ ओपनिंग करने की दौड़ में सबसे आगे हैं। ऑस्ट्रेलिया में राहुल को मूल रूप से मध्य-क्रम की भूमिका के लिए एक अतिरिक्त बल्लेबाज़ के रूप में चुना गया था।

हालांकि यह संभावना है कि वह फिर से ओपनिंग और मध्य-क्रम दोनों भूमिकाओं के लिए एक विकल्प बने रहेंगे, राहुल ने इंग्लैंड में ओपनर के रूप में अच्छे नंबर हासिल किए हैं। इंग्लैंड का दौरा करने वाले बल्लेबाज़ों में राहुल सबसे अनुभवी हैं। उन्होंने वहां दो सीरीज़ में नौ टेस्ट खेले हैं - पहली बार 2018 में और फिर 2021-22 में - और उनमें से एक को छोड़कर सभी में ओपनिंग की है, जिसमें 37.31 की औसत से दो शतकों सहित कुल 597 रन बनाए हैं।

अभिमन्यु ईश्वरन और बी साई सुदर्शन ओपनिंग स्लॉट के लिए अन्य विकल्प हो सकते हैं या रिज़र्व ओपनर के तौर पर दौरे पर जा सकते हैं। घरेलू स्तर पर काफ़ी अनुभवी और सफल, 100 से अधिक प्रथम श्रेणी मैचों का अनुभव रखने वाले 29 वर्षीय ईश्वरन बंगाल के लिए खेलते हैं, और अतीत में कई टेस्ट दौरों पर रिज़र्व ओपनर के तौर पर यात्रा कर चुके हैं। इसमें 2021 के इंग्लैंड दौरे पर मयंक अग्रवाल की जगह लेना भी शामिल है। हालांकि उन्होंने अभी तक टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण नहीं किया है।

तमिलनाडु के बाएं हाथ के बल्लेबाज़ साई सुदर्शन ने भी 2022 में प्रथम श्रेणी पदार्पण पर शतक बनाने के बाद से चयनकर्ताओं को प्रभावित किया है और एक सलामी बल्लेबाज़ के तौर पर लगातार आगे बढ़ रहे हैं। साई सुदर्शन IPL में सर्वश्रेष्ठ युवा शीर्ष क्रम के बल्लेबाज़ों में से एक रहे हैं, जहां वे गुजरात टाइटंस के लिए खेलते हैं। उन्होंने काउंटी क्रिकेट में सरी का भी प्रतिनिधित्व किया है और उनके लिए शतक बनाया है, हालांकि तब उन्होंने मध्य क्रम में बल्लेबाज़ी की थी। कुल मिलाकर प्रथम श्रेणी क्रिकेट में सलामी बल्लेबाज़ के रूप में साई सुदर्शन ने 33 पारियों में 42.33 की औसत से 1397 रन बनाए हैं, जिसमें चार शतक शामिल हैं।

ईश्वरन और साई सुदर्शन दोनों ही इंडिया ए टीम का हिस्सा हैं, जो टेस्ट सीरीज़ से पहले दो प्रथम श्रेणी मैचों के लिए इंग्लैंड का दौरा करेगी, जिसमें ईश्वरन को कप्तान बनाया गया है।

नंबर चार पर कोहली की जगह कौन?

जैसा कि चेतेश्वर पुजारा ने ESPNcricinfo से कहा कि नंबर चार के स्लॉट के लिए भारत के पास इस समय कोई उपयुक्त विकल्प नहीं है, इस स्थान को कोहली ने 2013 में सचिन तेंदुलकर के बाद हासिल किया था। कोहली ने इससे पहले टेस्ट मैचों में कभी भी नंबर 4 पर बल्लेबाज़ी नहीं की थी, लेकिन उन्होंने इस स्लॉट को अपना बना लिया। कोहली ने अपनी प्रतिभा से तब साबित कर दिया कि उस स्थान पर बल्लेबाज़ी करने का अनुभव वास्तव में मायने नहीं रखता है ।वर्तमान में राहुल और गिल उस स्थान के लिए शीर्ष दावेदार हो सकते हैं।

कोहली द्वारा पिछले साल इंग्लैंड के ख़िलाफ़ घरेलू श्रृंखला से बाहर होने के बाद, राहुल ने हैदराबाद में पहले टेस्ट में नंबर 4 पर बल्लेबाज़ी की, और चोट के कारण सीरीज़ के शेष भाग को छोड़ने से पहले 86 और 22 रन बनाए थे।

गिल की बात करें तो उन्होंने टेस्ट मैचों में कभी भी नंबर 4 पर बल्लेबाज़ी नहीं की है, लेकिन इंडिया ए के लिए उन्होंने इस क्रम पर प्रभावशाली प्रदर्शन किया है। तीन पारियों में उन्होंने 143.50 की औसत से 287 रन बनाए हैं, जिसमें 204* रन भी शामिल हैं। हालांकि अगर राहुल ओपनिंग करते हैं और गिल अपने सामान्य नंबर 3 स्लॉट से नंबर 4 पर चले जाते हैं, तो साई सुदर्शन को नंबर 3 के रूप में देखा जा सकता है।

क्या रेड्डी को मिलेगी जगह

नीतीश कुमार रेड्डी 2024-25 बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी में चौथे सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ थे और उन्होंने लगभग पूरी तरह से भरे MCG के सामने यादगार पहला टेस्ट शतक बनाया था। रेड्डी, ईश्वरन और हर्षित राणा उस दौरे पर तीन अनकैप्ड पिक थे।

ऑलराउंडर के तौर पर चुने गए रेड्डी ने अपनी आक्रामक बल्लेबाज़ी के लिए सुर्खियां बटोरीं, उन्होंने स्वीकार किया कि गेंदबाज़ के तौर पर वह तैयार नहीं थे। इंग्लैंड में अगर रेड्डी सीमिंग कंडीशन में कुछ पकड़ बना पाते हैं, तो वे निचले क्रम में बल्लेबाज़ी करने के लिए एक आकर्षक विकल्प बन सकते हैं और पाँचवें गेंदबाज़ी विकल्प के तौर पर भी खेल सकते हैं।

इस बीच, शार्दुल ठाकुर ने IPL की शुरुआत से ठीक पहले रणजी ट्रॉफ़ी में शानदार प्रदर्शन करते हुए गेंद और बल्ले दोनों से अपना हुनर दिखाया था। वह एक और विकल्प हो सकते हैं जिस पर चयनकर्ता बॉलिंग ऑलराउंडर या ट्रैवलिंग रिज़र्व के तौर पर विचार कर सकते हैं। 33 वर्षीय ठाकुर ने अपने 11 टेस्ट मैचों में से चार इंग्लैंड में खेले हैं, जिसमें 2023 में द ओवल में ऑस्ट्रेलिया से विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का फ़ाइनल हारना भी शामिल है। हालांकि ठाकुर 2021 में भारत की जीत के दौरान इस मैदान की बेहतर यादें बनाए रखेंगे, जहां दोनों पारियों में उनके अर्धशतक महत्वपूर्ण साबित हुए थे। रेड्डी और ठाकुर दोनों को इंग्लैंड दौरे पर जाने वाली इंडिया ए टीम में जगह मिली है।

तेज़ गेंदबाज़ी आक्रमण कैसा हो सकता है?

पांच मैचों की टेस्ट सीरीज़ के लिए तेज गेंदबाज़ों का बड़ा पूल होना ज़रूरी है। बुमराह और मोहम्मद शमी की फ़िटनेस समस्याओं के कारण यह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है, जिससे यह संभावना कम है कि दोनों में से कोई भी पांचों टेस्ट खेलेगा। इन दोनों और मोहम्मद सिराज के अलावा तेज़ गेंदबाज़ों में प्रसिद्ध कृष्णा, आकाश दीप, मुकेश कुमार, राणा और बाएं हाथ की तिकड़ी ख़लील अहमद, अर्शदीप सिंह और यश दयाल भी दावेदार हैं।

क्या कुलदीप को मौक़ा मिलेगा?

आर अश्विन के ऑस्ट्रेलिया दौरे के बीच में ही संन्यास लेने के बाद इंग्लैंड दौरा भारत की पहली पूर्ण टेस्ट सीरीज़ होगी। चयनकर्ताओं द्वारा टीम में रवींद्र जाडेजा के अलावा कम से कम एक स्पिनर को शामिल करने की संभावना के साथ, उनके पास एक दिलचस्प विकल्प हो सकता है। एक विकल्प वॉशिंगटन सुंदर है, जिन्हें पिछले साल न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ घरेलू सीरीज़ के बीच में वापस बुलाया गया था, और जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया में पांच में से तीन टेस्ट में हिस्सा लिया था, हालांकि वहां उन्होंने बल्लेबाज़ी ऑलराउंडर के रूप में अधिक खेला था।

क्या चयनकर्ता कुलदीप यादव पर विचार करेंगे, जो हर्निया की सर्जरी के बाद ऑस्ट्रेलिया दौरे से चूक गए थे? कुलदीप ने 2023-24 में घरेलू मैदान पर इंग्लैंड के ख़िलाफ़ भारत की 4-1 की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी और 36.05 के स्ट्राइक रेट से 19 विकेट लेकर वह संयुक्त रूप से तीसरे सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज़ थे।

यह अश्विन (36.11) से थोड़ा ही बेहतर था, लेकिन जाडेजा (46.26) से काफ़ी बेहतर था। हालांकि कुलदीप 2018 में लॉर्ड्स टेस्ट की यादों को कुलदीप भुलाना चाहेंगे जो उनका केवल दूसरा विदेशी टेस्ट था। उन्होंने दिखाया है कि वे सभी परिस्थितियों में मैच विजेता हो सकते हैं। कुलदीप ने 13 टेस्ट मैचों में 22.16 की औसत से 56 विकेट लिए हैं और सबसे प्रभावशाली स्ट्राइक रेट 37.3 है - जो टेस्ट इतिहास में कम से कम 50 विकेट लेने वाले सभी स्पिनरों में सर्वश्रेष्ठ है।

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नागराज गोलापुड़ी ESPNcricinfo के न्यूज़ एडिटर हैं।

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