भारत-पाकिस्तान मुक़ाबला, लेकिन वह उत्साह नहीं है
पहलगाम हमले और उसके बाद की सैन्य झड़प के बाद मौजूदा भू-राजनीतिक हालात को देखते हुए दुबई में होने वाले इस मैच का माहौल बहुत शांत है
शशांक किशोर
13-Sep-2025 • 2 hrs ago
सलमान आग़ा और सूर्यकुमार यादव एशिया कप में पहली बार कप्तानी कर रहे हैं • Asian Cricket Council
रविवार को दुबई में भारत बनाम पाकिस्तान मुक़ाबले से पहले का माहौल उतना सहज नहीं रहा। इस मैच को लेकर जो माहौल है, वह जितना दिखता है, उससे कहीं ज़्यादा जटिल है और खिलाड़ी भी इसे महसूस कर सकते हैं।
एशिया कप 2025 में भारत के अब तक चार प्रेस कॉन्फ़्रेंस हो चुके हैं। मोर्नी मॉर्केल के प्रेस कॉन्फ़्रेंस को छोड़कर लगभग हर प्रेस कॉन्फ़्रेंस में पहलगाम हमले और उसके बाद की सैन्य झड़प के बाद के "घरेलू सेंटिमेंट" के बारे में सवाल पूछे गए।
खिलाडियों और सपोर्ट स्टाफ़ की एक नैसर्गिक प्रतिक्रिया यह है कि वे सोशल मीडिया पर नहीं हैं। लेकिन क्या यह सही में संभव है कि उन्हें इस बारे में पता ही ना हो कि भारत के कुछ हिस्से द्वारा इस मैच के बॉयकाट की बात हो रही है?
BCCI ने इस बारे में वही रूख़ दोहराया है, जो भारत सरकार का है कि वे पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय सीरीज़ नहीं खेलेंगे, जबकि बहुदेशीय प्रतियोगिताओं में पहले की तरह मैच सामान्य रूप से चलते रहेंगे। यह तब है, जब भारत के कुछ हिस्सों का यह मानना है कि फ़िलहाल के वक़्त में जब दोनों देशों के बीच भू-राजनीतिक रिश्ते तनावपूर्ण हैं, तब तक दोनों देशों के बीच खेल प्रतिद्वंदिता भी नहीं होनी चाहिए।
और यही ग़ुस्सा अक्सर ऑनलाइन नफ़रत और विषैली टिप्पणियों में बदल जाता है, जैसे अभी हो रहा है। शायद इसी वजह से खिलाड़ी टूर्नामेंट के इस सबसे बड़े मैच की तैयारी में बेहद सतर्क रहे हैं।
उन्हें यह सुनिश्चित करना पड़ रहा है कि उनकी कोई भी बात या इशारा बड़ा ना बन जाए। खासकर तब, जब कप्तानों की प्रेस कॉन्फ्रेंस में सूर्यकुमार यादव और ACC व PCB अध्यक्ष मोहसिन नक़वी के बीच हुई एक हैंडशेक की क्लिप को बार-बार चलाया गया और उस पर चर्चा हुई। इसी तरह कोई भी साधारण पल अगली बार जांच का विषय बन सकता है। जैसे टॉस पर कप्तानों की हंसी का एक पल, जिसे सोशल मीडिया या न्यूज़ चैनलों पर स्लो मोशन में फ़्रेम दर फ़्रेम बार-बार दिखाया जा सकता है।
मुश्किल से दो महीने पहले, इंग्लैंड में एक लीजेंड्स मैच के दौरान पूर्व भारतीय खिलाड़ियों के एक समूह ने पाकिस्तान टीम के ख़िलाफ़ मैच के दिन ही नाम वापस ले लिया था। यह सोचना मुश्किल नहीं है कि टूर्नामेंट के लिए साइन करने के समय उन्हें पाकिस्तान टीम की भागीदारी की जानकारी नहीं रही होगी।
भारत बनाम पाकिस्तान मैच आमतौर पर किसी टूर्नामेंट की जान होती है। एशिया कप में भी इन मैचों को मज़ाक में दो या तीन मैचों की सीरीज़ कहा जा रहा है। यह एक ऐसा मुक़ाबला है जो प्रशंसकों के जोश के कारण बाक़ी सब चीज़ों को थाम देता है। लेकिन इस बार माहौल अलग है।
दोनों देशों की द्विपक्षीय क्रिकेट 13 साल से ठप है, इसलिए ICC टूर्नामेंट्स और एशिया कप में होने वाली ये दुर्लभ भिड़ंतें ख़ास महसूस होनी चाहिए। लेकिन इस बार यह खाली-सा लग रहा है, क्योंकि जब आपको दुबई में रविवार को होने वाले भारत पाकिस्तान मैच को प्रमोट करने के लिए मेहनत करनी पड़े। तब समझ आता है कि कुछ बदल गया है।
भारत-पाकिस्तान एशिया कप मुक़ाबले के टिकट पहले की तरह नहीं बिक रहे•Getty Images
इसके बावजूद आयोजक आशावादी बने हुए हैं। वे अपनी सारी तरक़ीबें आजमा रहे हैं- डिजिटल और सोशल मीडिया कैंपेन तेज करना और उन प्रीमियम सीटों को प्रमोट करना जो आमतौर पर तुरंत बिक जाती हैं। उन्हें अब भी यह भरोसा है कि रविवार को एक सम्मानजनक भीड़ आएगी। 'सम्मानजनक' ही इस समय का की-वर्ड है।
जब सचिन तेंदुलकर कहते हैं कि वह 2003 विश्व कप में सेंचुरियन वाले मशहूर मैच से पहले रात को सो नहीं पाए, तो आप उन्हें वसीम अकरम की गेंदबाज़ी का एंगल, वकार यूनुस की यॉर्कर और शोएब अख़्तर की बाउंसर्स को अपने दिमाग में रिप्ले करते हुए सोच सकते हैं।
इसी तरह 2011 विश्व कप सेमीफ़ाइनल मोहाली वाले दिन टीम पूरी तरह एड्रेलिन पर खेल रही थी। सचिन को टीम को यह कहकर जोश दिलाना पड़ा था कि खाने में देरी होने से अगर लंच नहीं मिला, तो मैदान पर और भूखे रहकर खेलो।
सूर्यकुमार एंड कंपनी में वैसी बिजली दौड़ रही है या नहीं, यह सिर्फ़ वे ही जानते हैं। लेकिन एक बात तय है कि माहौल को बारीकी से देखा जाएगा - हर हैंडशेक, हर हंसी, हर नजर, हर सेलिब्रेशन, हर सेंड-ऑफ़ ख़बर बन सकता है।
इन सबके बावजूद अब भी थोड़ी उम्मीद है कि चार घंटों के लिए पुराना जादू और रोमांच लौट आएगा और जब वे रविवार को मैदान पर उतरेंगे तो क्रिकेट ही असली कहानी बनेगा। समय ही बताएगा कि ऐसा होता है या नहीं।
शशांक किशोर ESPNcricinfo में वरिष्ठ संवाददाता हैं