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राशिद की गेंद को पिच से पढ़ने जाओगे तो बहुत देर हो जाएगी : मुरलीधरन

श्रीलंकाई दिग्गज के अनुसार राशिद की तेज़ गति उन्हें एक सफल गेंदबाज़ बनाती हैं

श्रीलंका के महान ऑफ़ स्पिनर मुथैया मुरलीधरन का मानना है कि राशिद ख़ान बल्लेबाज़ों को खेलने के लिए ज़्यादा समय नहीं देते हैं जो उन्हें खेल के सबसे छोटे प्रारूप में इतना सफल गेंदबाज़ बनाता है। मुरलीधरन इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में राशिद की टीम सनराइज़र्स हैदराबाद (एसआरएच) के स्पिन गेंदबाज़ी सलाहकार हैं और उन्होंने उनके साथ काफ़ी काम किया है।
ईएसपीएनक्रिकइंफो के ऑन द बॉल कार्यक्रम में अपनी टीम के सबसे ख़तरनाक गेंदबाज़ राशिद के बारे में पूछे जाने पर मुरलीधरन ने कहा, "राशिद तेज़ गति से गेंदबाज़ी करते हैं। बहुत कम बार आपको उनके ख़िलाफ़ आसानी से खेलने का मौक़ा मिलता है। अगर वह छोटी गेंद भी डाले तो आप उस पर प्रहार नहीं कर सकते। अगर आप उनकी गुगली को हाथों से पढ़ने में चूके तो आप फंस जाओगे और यह उनकी ख़ासियत है।"
टेस्ट क्रिकेट में रिकॉर्ड 800 विकेट चटकाने वाले मुरलीधरन के विचार में राशिद को टेस्ट के मुक़ाबले टी20 क्रिकेट ज़्यादा रास आएगा। वह इसलिए कि राशिद लगातार लाइन और लेंथ पर गेंदबाज़ी नहीं करते। साथ ही वह अपनी लेग ब्रेक को ज़्यादा स्पिन नहीं करवाते। इसके अलावा वह मुरलीधरन या रविचंद्रन अश्विन की तरह लगातार एक टप्पे पर निरंतर गेंदबाज़ी नहीं करते जो टेस्ट क्रिकेट में बेहद ज़रूरी है।
यह पूछे जाने पर कि क्या मुरलीधरन नेट्स में पीछे खड़े रहकर राशिद की गेंदों को पढ़ पाते हैं, उन्होंने हंसते हुए कहा, "मैं अपनी पूरी ज़िंदगी में नंबर 10 और 11 का बल्लेबाज़ रहा हूं। मैं दूसरे गेंदबाज़ों को नहीं पढ़ पाता था तो मैं राशिद जैसे बढ़िया गेंदबाज़ को कैसे पढ़ पाऊंगा। उन्हें हाथ से पढ़ पाना बहुत कठिन है। कभी-कभी अच्छे भारतीय बल्लेबाज़ उनकी गेंदों को पढ़ लेते हैं लेकिन ऐसा हर बार नहीं होता। और तो और विदेशी बल्लेबाज़ उनके सामने चकमा खा जाते हैं। अगर आप उनकी गेंद को पिच से पढ़ने की कोशिश करोगे तो बहुत देर हो जाएगी।"
मुरलीधरन ने आगे बताया कि कैसे सटीक लाइन और लेंथ पर गेंदबाज़ी करना टी20 क्रिकेट में उनके लिए मददगार साबित नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि वह बचपन से ऐसे लाइन-लेंथ गेंदबाज़ी करते आ रहे थे जिसने उन्हें टी20 क्रिकेट में अधिक विकेट नहीं दिलाए। टेस्ट और टी20 क्रिकेट की लेंथ में बहुत बड़ा अंतर है। साथ ही टी20 में आपको लगातार अपनी लेंथ में बदलाव करना पड़ता है और यह समझने में मुझे छह-सात साल लग गए।
वर्तमान में मुरलीधरन एसआरएच के स्पिन गेंदबाज़ों के साथ काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने स्पिन गेंदबाज़ों के लिए टीम में एक नई प्रक्रिया शुरू की। उन्होंने कहा, "यहां मैं गेंदबाज़ों को बल्लेबाज़ों को गेंदबाज़ी करना शुरू करने से पहले हर रोज़ पांच मिनट के लिए स्पॉट बोलिंग (एक टप्पे पर गेंदबाज़ी) करने के लिए कहता हूं। आपको अपनी मसल-मेमोरी को प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है। लसिथ मलिंगा हमेशा सामने एक जूता रखकर यॉर्कर डालने का अभ्यास करते थे इसलिए वह अपनी कला में माहिर थे।"

अफ़्ज़ल जिवानी (@ jiwani_afzal) ESPNcricinfo हिंदी में सब एडिटर हैं।