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फ़ीचर्स

चेन्नई और कोलकाता की टीमों का लेखा-जोखा

कहां हुई चूक, क्या रहा इस सीज़न का सकारात्मक पक्ष

चेन्नई सुपर किंग्स
अंक तालिका
चेन्नई और मुंबई इंडियंस ने इस सीज़न में चार-चार मैच जीते लेकिन चेन्नई का नेट रनरेट बेहतर था, जिसके कारण वह नौवें स्थान पर रहे।
संक्षेप में सीज़न की कहानी
इस सीज़न की शुरुआत से पहले ही चेन्नई की टीम को सबसे बड़ा झटका तब लगा, जब दीपक चाहर चोटिल होकर पूरी प्रतियोगिता से बाहर हो गए। इसके बाद शुरुआती मैचों में एडम मिल्न भी चोटिल होकर टीम से बाहर हो गए। इन चोटों के बाद चेन्नई की टीम अपने एकादश को संतुलित करने में काफ़ी ज़्यादा संघर्ष करते हुए नज़र आई। चेन्नई को डेवन कॉन्वे की जगह किसी गेंदबाज़ को शामिल करना पड़ा और वह कई मैचों तक किसी भारतीय बल्लेबाज़ को टीम में शामिल करके एक विदेशी गेंदबाज़ को अपने प्लेयिंग 11 में शामिल करते रहे। बाद में रवींद्र जाडेजा भी चोटिल हो गए और टीम में किन 11 खिलाड़ियों को शामिल किया जाए - यह प्रश्न और भी ज़्यादा जटिल हो गया।
कुछ मैचों में जहां बल्लेबाज़ों ने बढ़िया प्रदर्शन किया, वहां गेंदबाज़ों का प्रदर्शन ख़राब रहा और फिर कुछ मैचों में मामला इसके बिल्कुल विपरीत भी रहा। कुल मिला कर चेन्नई के सभी खिलाड़ी एक टीम के रूप में कभी प्रदर्शन नहीं कर पाए। भविष्य में बेहतर परिणाम प्राप्त करने के लिए उन्हें फिर से अपनी टीम के रणनीति के बारे में सोचना होगा।
फ़ैसले जिस पर उठे सवाल
सीज़न शुरु होने से दो दिन पहले यह ख़बर आती है कि टीम की कमान जाडेजा को सौंप दी गई है। यह निर्णय बिल्कुल भी सही नहीं रहा और कुछ मैचों के बाद जाडेजा ने कप्तानी छोड़ दी। यह साफ देखा जा सकता था कि कप्तानी के दबाव में जाडेजा का निजी प्रदर्शन प्रभावित हो रहा था। यहां तक कि जाडेजा जैसे फील्डर कैच भी छोड़ रहे थे।
इसके अलावा ड्वेन प्रिटोरियस को टीम से बाहर बैठा कर क्रिस जॉर्डन को गुजरात के ख़िलाफ़ मौक़ा देना एक बहुत बड़ी चूक के समान थी। ख़ासकर के तब जब प्रिटोरियस ने कुछ ठीक-ठाक प्रदर्शन किए थे। शिवम दुबे ने शुरुआती मैचों में बल्ले के साथ बढ़िया प्रदर्शन किया था। उनको भी तीन मैचों के लिए टीम में शामिल नहीं किया गया।
इस सीज़न की खोज
मुकेश चौधरी ने इस सीज़न में पावरप्ले के दौरान 11 विकेट लिए। चौधरी पिछले साल चेन्नई के लिए नेट बोलर थे। उन्होंने एक गेंदबाज़ के रूप में अपने प्रदर्शन में काफ़ी सुधार किया। वह इस सीज़न में चेन्नई के लिए एक बढ़िया खिलाड़ी साबित हुए।
उल्लेखनीय खिलाड़ी
महीश थीक्षना और मथीशा पथिराना की श्रीलंकाई जोड़ी ने आईपीएल में अपने पहले कार्यकाल में शानदार प्रदर्शन किया। श्रीलंका क्रिकेट सर्कल में पोडी (छोटा) मलिंगा के रूप में जाने जाने वाले पथिराना ने अपने दो मैचों में देर से स्विंग करने वाली यॉर्कर से प्रभावित किया। धोनी और मुख्य कोच स्टीवन फ्लेमिंग दोनों ने उनकी तारीफ़ की। जहां तक ​​थीक्षना की बात है, तो उन्होंने इस आईपीएल में अपनी विविधताओं से सबको प्रभावित किया और विकेट लेने में भी सफल रहे।
कोलकाता नाइट राइडर्स
अंक तालिका
इस सीज़न कोलकाता की टीम ने कुल छह मैच जीते और वह अंक तालिका में सातवें स्थान पर थे।
संक्षेप में सीज़न की कहानी
21 खिलाड़ी। छह अलग-अलग सलामी जोड़ी। चोटिल खिलाड़ी, दो प्रमुख खिलाड़ियों की ख़राब फॉर्म, दोनों को नीलामी से पहले रिटेन किया गया - वेंकटेश अय्यर और वरुण चक्रवर्ती। कुला मिलाकर यह कहा जा सकता है कि कोलकाता की टीम, जो 2021 में उप विजेता थी, इस सीज़न की सबसे अस्थिर इकाइयों में से एक थी। इन सब के कारण आंद्रे रसल और सुनील नारायण के ऊपर बोझ काफ़ी बढ़ गया था।
फ़ैसले जिस पर उठे सवाल
कोलकाता की पूरी टीम शॉर्ट गेंदों के ख़िलाफ़ संघर्ष कर रही थी। ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या ऑक्शन में टीम के चयन के दौरान कोई चूक हुई थी? इसके अलावा उनकी टीम में अंतिम के ओवरों में गेंदबाज़ी करने के लिए कोई विशेषज्ञ गेंदबाज़ मौजूद नहीं था। कुल मिलाकर लॉकी फ़र्ग्‍युसन की जगह को वह भरने में नाकाम रहे।
सीज़न की खोज
पिछले कई सीज़न से रिंकू सिंह कोलकाता की टीम का हिस्सा रहे हैं। हालांकि इस साल उन्हें सबसे ज़्यादा मौक़ा दिया गया और इसका उन्होंने दोनों हाथों से लाभ उठाया। उन्होंने बीच के ओवरों में मुश्किल परिस्थितियों में कुछ अहम पारियां खेली। लखनऊ के ख़िलाफ़ रिंकू ने 15 गेंदों में 40 रनों की शानदार पारी खेली। उससे पहले उन्होंने राजस्थान के ख़िलाफ़ भी उन्होंने अच्छी पारी खेली थी।
उल्लेखनीय खिलाड़ी
हमेशा की तरह नारायण और रसल ने कोलकाता के लिए बढ़िया प्रदर्शन किया। नरायण ने 56 ओवरों में 5.57 का इकॉनमी रेट से रन ख़र्च किया था। आईपीएल के सभी गेंदबाज़ो यह में सर्वश्रेष्ठ था, जिन्होंने सीज़न में 10 से अधिक ओवर फेंके थे। इस बीच रसल ने 192 गेंदों में 32 छक्के जड़े। केवल बटलर ने उनसे (लीग फेज़ में) अधिक सिक्सर (37) लगाए हैं, लेकिन बटलर ने 428 गेंदों का सामना किया है।

देवरायण मुथु ESPNcricinfo के सब एडिटर हैं।