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गावस्कर: हार्दिक की गेंदबाज़ी और कप्तानी दोनों साधारण रही

हार्दिक ने अपनी रणनीतियों का बचाव किया

मुंबई इंडियंस (MI) की चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) पर 20 रनों की बड़ी हार के बाद विशेषज्ञों ने हार्दिक पंड्या की कप्तानी पर सवाल उठाए हैं। यह छह मैचों में MI की चौथी हार है और वे अंक तालिका के अंतिम तीन पायदानों में पहुंच गए हैं।
इस मैच के दौरान हार्दिक, CSK की पारी का अंतिम ओवर लेकर आए और 26 रन लुटा दिए, जिसमें महेंद्र सिंह धोनी द्वारा लगाए गए लगातार तीन छक्के भी शामिल थे। इसके कारण CSK का स्कोर 200 के पार पहुंच गया, जो बाद में 20 रनों की उनकी जीत में काफ़ी महत्वपूर्ण भी साबित हुआ।
भारत के पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने हमारे सहयोगी ब्रॉडकास्ट स्टार स्पोर्ट्स पर हार्दिक की कप्तानी की कठोर शब्दों में आलोचना की। उन्होंने कहा, "उनकी कप्तानी और गेंदबाज़ी दोनों साधारण रही। उन्होंने अंतिम ओवर में धोनी की स्लॉट में कमज़ोर फ़ुलटॉस और लेंथ गेंदें की, जिसके कारण गेंद बाउंड्री पार छक्के के लिए गई। MI की टीम आराम से CSK को 185-190 पर रोक सकती थी, लेकिन अंतिम ओवर प्रमुख अंतर साबित हुआ।"
हार्दिक अंतिम ओवर तब लेकर आए, जब MI के डेथ ओवर और यॉर्कर विशेषज्ञ आकाश मधवाल का एक ओवर बचा हुआ था। हालांकि वह भी इस मैच में तीन ओवर में 37 रन देकर संघर्ष कर रहे थे, इसलिए हार्दिक ने ख़ुद पर दांव लगाना उचित समझा।
इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर केविन पीटरसन में भी हार्दिक की कप्तानी और रवैये पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, "उनके पास प्लान बी की कमी दिखी या तो उन्होंने इसे अमल में नहीं लाया। जब तेज़ गेंदबाज़ लगातार 20-20 रन दे रहे थे, तो उन्हें स्पिनर लाकर गेंद की गति को कम करना था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।"
ग़ौरतलब है कि इस मैच में MI के पास दो स्पिनर्स थे। ऑफ़ स्पिनर मोहम्मद नबी नई गेंद से पहला ओवर लेकर आए और उन्होंने सात ओवर के भीतर ही अपने तीन ओवर फेंक लिए, जिसमें उन्होंने सिर्फ़ 17 रन दिए। हालांकि नबी को बाद में उनके कोटे का चौथा और अंतिम ओवर नहीं दिया गया। इसी तरह लेग स्पिनर श्रेयस गोपाल को भी सिर्फ़ एक ओवर दिया गया, जबकि उन्होंने इस ओवर में सिर्फ़ नौ रन देते हुए इन-फ़ॉर्म रचिन रवींद्र का विकेट चटकाया था।
हार्दिक का मानना है कि उन्होंने शिवम दुबे को रोकने के लिए ऐसा किया, जो कि स्पिनरों को बहुत ही बेहतरीन ढंग से खेलते हैं। दुबे ने इस मैच में 38 गेंदों में 66 रनों की आक्रामक पारी खेली।
हार्दिक ने कहा, "हमने उस समय अपनी सर्वश्रेष्ठ योजना को अमल में लाया। आप अभी कह सकते हैं कि मैं स्पिनरों को क्यों नहीं लेकर आया, लेकिन इस विकेट पर दुबे को रोकने के लिए तेज़ गेंदबाज़ ही अधिक उपयुक्त होते ना कि स्पिनर्स।"
उन्होंने आगे कहा, "हमें अपनी योजनाओं को लेकर स्मार्ट होना होगा और हमें पता है कि हम ऐसा कर सकते हैं।"
MI के बल्लेबाज़ी कोच कायरन पोलार्ड भी अपने कप्तान के बचाव में आए। मैच के बाद प्रेस कॉन्फ़्रेंस में उन्होंने कहा, "क्रिकेट में आपके लिए अच्छे और बुरे दिन आते रहते हैं। क्रिकेट एक टीम गेम है और इसमें किसी एक व्यक्ति पर सवाल उठाना तार्किक नहीं है। मैं इन सबसे तंग आ चुका हूं। वह व्यक्ति अगले छह सप्ताह में अपने देश की तरफ़ से खेलने जा रहा है। वह व्यक्ति भारत के सबसे बड़े ऑलराउंडर्स में से एक है। वह बल्लेबाज़ी, गेंदबाज़ी और फ़ील्डिंग सब कर लेता है। वह एक्स-फ़ैक्टर है और मुझे पता है कि अगले कुछ मैचों में जब वह वापसी करेगा तो सभी फिर से उनकी प्रशंसा करने लगेंगे।"
MI को अपने अगले चार मैच मुंबई से बाहर खेलने हैं और उन पर अंक तालिका में ऊपर चढ़ने का दबाव होगा।