पिछले IPL में कुशाग्र को दिल्ली कैपिटल्स की टीम ने 7.2 करोड़ की बोली लगा कर अपनी टीम में शामिल किया था • ICC via Getty Images
रणजी ट्रॉफ़ी में 13 से 16 नवंबर को खेले गए दिल्ली और झारखंड के बीच हुए मैच में बल्लेबाज़ी के लिए उतरने से पहले कुमार कुशाग्र ने अपने टीम के कोच से कहा था, "सर, आज तो दो-तीन गेंदें तीसरे टायर या स्टेडियम के बाहर जाएंगी और इस विकेट पर स्पिनर मुझे आउट नहीं कर पाएंगे।"
जब कुशाग्र बल्लेबाज़ी करने गए, तो ठीक ऐसा ही हुआ। अपने 153 रनों की बेहतरीन पारी के दौरान उन्होंने पांच लंबे छक्के लगाए, जो दिल्ली के अरूण जेटली स्टेडियम के तीसरे माले तक गए।
पिछले IPL सीज़न में दिल्ली कैपिटल्स (DC) का हिस्सा होते हुए कुशाग्र ने इस मैदान पर रेंज़ हिटिंग का काफ़ी अभ्यास किया था और उनके कई छक्के स्टेडियम के बाहर मुख्य सड़क पर जाते थे। इसी मैदान पर सौरव गांगुली और रिकी पोटिंग ने कुशाग्र को पुल और स्टेप आउट करते हुए छक्के मारने की काफ़ी अभ्यास कराया था। उनका यह अभ्यास और दो महान खिलाड़ियों से मिली सीख का प्रभाव कुशाग्र की इस पारी में साफ़ दिख रहा था।
IPL 2024 के बाद कुशाग्र ने दलीप ट्रॉफ़ी में हिस्सा लिया था, जहां वह इंडिया ए की टीम से खेल रहे थे। इसके बाद वह रणजी ट्रॉफ़ी के अभ्यास के दौरान चोटिल हो गए, जिसके कारण वह इस टूर्नामेंट के पहले चार मैच नहीं खेल पाए। पीठ की चोट से वापसी के बाद रणजी ट्रॉफ़ी 2024-25 में अपना पहला मैच खेल रहे कुशाग्र ने अपने तीसरे प्रथम श्रेणी शतक से अपनी इस वापसी को और विशेष बना दिया।
IPL नीलामी का समय निकट आ रहा है और युवा खिलाड़ियों की हर पारी पर IPL स्काउट्स की नज़र होनी काफ़ी लाज़मी है। हालांकि कुशाग्र के अनुसार यह मैच नीलामी नहीं उनकी वापसी के नज़रिए से बहुत महत्वपूर्ण थी।
अधिक पैसा मिलने से भी ज़्यादा महत्वपूर्ण यह है कि मुझे अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित करने का मौका मिले। पिछले साल मुझे इतना पैसा मिला था, इस साल भी कुछ वैसा मिले या थोड़ा कम मिले, मैंने आज तक उसके बारे में सोचा ही नहीं। मुझे बस इस बात से मतलब है कि मुझे ऐसी टीम मिले, जहां मैं अधिक से अधिक मैच खेल सकूं। अच्छी जगह पर मुझे बल्लेबाज़ी मिले, कीपिंग करने का पूरा मौका मिले, तब ही मेरी आगे की यात्रा आसान होगी। अभी मेरे लिए सबसे ज़्यादा यही ज़रूरी है।"
कुमार कुशाग्र
कुशाग्र बताते हैं, "मैं जब रणजी ट्रॉफ़ी के ट्रायल मैच खेल रहा था, तो रन दौड़ते हुए मेरे पीठ में हल्का सा दर्द महसूस हो रहा था। दलीप ट्रॉफ़ी के बाद मुझे इंडिया इमर्जिंग टीम के साथ इमर्जिंग एशिया कप के लिए ओमान जाना था। उसके बाद रणजी सीज़न भी काफ़ी क़रीब था, ऐसे में चोट को ठीक कराने का फ़ैसला लेना थोड़ा मुश्किल था।
"लेकिन जब मैंने अपनी मम्मी से बात की, तो सब कुछ साफ़ हो गया था। उन्होंने कहा कि चोट के साथ खेलना, तुम्हारे और तुम्हारी टीम के लिए बिल्कुल सही नहीं है। मम्मी के इस लाइन को सुनने के बाद मैंने भी सोचा कि मेरी पहली प्राथमिकता ख़ुद को ठीक करना होना चाहिए। इसके बाद मैंने अपने कोच से बात करके यह फ़ैसला ले लिया।"
कुशाग्र के लिए भले ही यह फ़ैसला कठिन रहा हो, लेकिन अपनी चोट से उबरने के लिए NCA जाना उनके लिए काम कर गया। NCA में जब कुशाग्र चोट से ठीक होकर अभ्यास करने लगे थे, तब वहां मोहम्मद शमी भी थे। इसके बाद दोनों खिलाड़ी एक साथ मिलकर अपने अभ्यास को प्लान करते, नए-नए टास्क सेट करते और उसे अमल में लाते। कभी-कभी दोनों खिलाड़ियों के बीच आउट करने और आउट ना होने का चैलेंज भी लगता।
कुशाग्र कहते हैं, "NCA में मुझे धनंजय कौशिक सर ने काफ़ी मदद की। उन्होंने मेरी पीठ दर्द की समस्या को ठीक किया। जब मैं ठीक होकर अभ्यास करने लगा, तो मुझे अच्छे-अच्छे बोलर बॉल डाल रहे थे। जैसे कि शमी भैया वहां थे और भी कई सारे स्पिनर भी थे। शमी भैया के साथ मैंने कई सेशन किए थे। मैंने उनके साथ एक प्लान्ड तरीके से अभ्यास किया। हम एक सिचुएशन बनाते थे कि आज कैसे खेलना है। दोनों के बीच हमेशा एक चैलेंज होता था, जिसमें वह कहते, 'मैं तुम्हें आउट करूंगा' और मैं आउट नहीं होने का प्रयास करता था।"
"इस तरह के अभ्यास से एक अच्छी चीज़ यह हुई कि मुझे तैयारी का अच्छा मौका मिल गया। मैं अपने मन में बस एक चीज़ सोच रहा था कि भले ही मैंने कुछ मैच मिस किए हैं, लेकिन मेरी वापसी ज़बरदस्त होनी चाहिए। मैंने दिल्ली के ख़िलाफ़ यह जो पारी खेली है, उसमें उन नेट सेशन का काफ़ी योगदान रहा है। साथ ही उस दौरान मुझे शमी भैया ने IPL और अन्य चीज़ों के बारे में भी काफ़ी महत्वपूर्ण बातें बताईं।"
पिछले IPL नीलामी में कुशाग्र को दिल्ली कैपिटल्स की टीम ने 7.2 करोड़ की बड़ी बोली लगा कर अपनी टीम में शामिल किया था। हालांकि उस सीज़न कुशाग्र को ज़्यादा खेलने का मौक़ा नहीं मिला था। कुशाग्र को उस सीज़न सिर्फ़ चार मैच मिले थे, जिसमें वह कुछ ख़ास प्रदर्शन नहीं कर पाए थे।
क्या वह अपने पिछले सीज़न के प्रदर्शन से निराश थे? यह पूछे जाने पर कुशाग्र कहते हैं, "पिछले साल मेरे पास IPL में खोने के लिए कुछ नहीं था। मैं सिर्फ़ 19 साल का था और मेरा यह पहला IPL था। ऐसे में मेरे पास खोने के लिए काफ़ी कम चीज़ें थीं और सीखने के लिए काफ़ी कुछ था। मुझे वह मौका मिल गया था, जहां मैं अपने गेम को और बेहतर बना सकूं, क्राउड को हैंडल करना सीख जाऊं। हाई-प्रेशर सिचुएशन में बेहतर प्रदर्शन करना सीख जाऊं। और भी कई चीज़ें थीं।
"जब मैं IPL से घर वापस आया, तो मैंने एक लिस्ट बनाई कि मैंने कहां थोड़ी ग़लती कर दी, जिसे ठीक करने से मैं और बेहतर बन सकूंगा और जल्द ही भारतीय टीम में शामिल हो पाऊंगा।"
IPL वापसी के बाद कुशाग्र ने अपनी उस लिस्ट में तीन चीज़ें लिखी थीं: "प्रेशर में मैं अपना नेचुरल गेम नहीं खेल सका, उस सराउंडिंग को मैंने अपने ऊपर हावी होने दिया और अपने प्रोसेस पर ध्यान नहीं दे पाया।"
24 और 25 नवंबर को होने वाली बड़ी नीलामी में क्या होने वाला है, यह अभी भविष्य की गर्त में है। लेकिन कुशाग्र का मानना है कि वह नीलामी में मिलने वाली राशि की जगह इस बारे में सोच रहे हैं कि उन्हें एक ऐसी टीम में मौका मिले, जहां उन्हें अधिक से अधिक मैच मिले।
वह कहते हैं, "अधिक पैसा मिलने से भी ज़्यादा महत्वपूर्ण यह है कि मुझे अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित करने का मौका मिले। पिछले साल मुझे इतना पैसा मिला था, इस साल भी कुछ वैसा मिले या थोड़ा कम मिले, मैंने आज तक उसके बारे में सोचा ही नहीं। मुझे बस इस बात से मतलब है कि मुझे ऐसी टीम मिले, जहां मैं अधिक से अधिक मैच खेल सकूं। अच्छी जगह पर मुझे बल्लेबाज़ी मिले, कीपिंग करने का पूरा मौका मिले, तब ही मेरी आगे की यात्रा आसान होगी। अभी मेरे लिए सबसे ज़्यादा यही ज़रूरी है।"
घरेलू क्रिकेट में अपने शानदार प्रदर्शन के कारण कुशाग्र पिछले कुछ समय से भारतीय चयनकर्ताओं की नज़र में हैं। इंग्लैंड लायंस के ख़िलाफ़ भी उन्हें भारत ए की टीम में चयनित किया गया था। 2024-25 के रणजी सीज़न में इस तरह से शानदार शतक लगाना कुशाग्र के लिए IPL ऑक्शन में भी अच्छी ख़बर लेकर आ सकता है।