धोनी : मैं अगले कुछ वर्षों तक इस खेल का सिर्फ़ आनंद उठाना चाहता हूं
धोनी ने ऐसे समय यह टिप्पणी की है जब IPL के आगामी सीज़न में उनके खेलने को लेकर संशय बरक़रार है
श्रुति रवींद्रनाथ
27-Oct-2024
महेंद्र सिंह धोनी ने कहा कि उनके भीतर जो भी कुछ वर्षों की क्रिकेट बची हुई है, वह उसका आनंद उठाना चाहते हैं। धोनी ने यह बात ऐसे समय कही है जब IPL 2025 में उनके खेलने को लेकर संशय बरक़रार है। चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) काशी विश्वनाथन ने पिछले सप्ताह कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि धोनी अगला सीज़न खेलेंगे।
धोनी ने गोवा में एक इवेंट के दौरान कहा, "मैं अंतिम कुछ वर्षों तक जितनी भी क्रिकेट खेल सकता हूं, मैं उसका आनंद उठाना चाहता हूं। वैसे ही जैसे हम अपने बचपन में शाम के चार बजे सिर्फ़ इस खेल का आनंद उठाने जाते थे। लेकिन जब आप पेशेवर क्रिकेट खेलते हैं तो इस खेल का उसी तरह आनंद लेना मुश्किल हो जाता है। हां, इससे भावनाएं जुड़ी हुई हैं और प्रतिबद्धता जुड़ी हुई हैं लेकिन मैं अगले कुछ वर्षों तक इस खेल का लुत्फ़ उठाना चाहता हूं।"
IPL टीमों को 31 अक्तूबर तक अपनी रिटेंशन सूची जमा करनी है और धोनी एक अनकैप्ड खिलाड़ी के तौर पर रिटेन किए जाने के योग्य हैं। यह तब संभव हो पाया है जब IPL ने 2021 में समाप्त किए गए एक नियम को वापस लाने का फ़ैसला किया जिसके अनुसार अगर किसी खिलाड़ी को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिए पांच वर्ष हो चुके हैं तब उसे अनकैप्ड खिलाड़ी माना जाएगा।
IPL 2024 में धोनी निचले क्रम में बल्लेबाज़ी करने के लिए जाते थे। इस निर्णय के पीछे उनकी घुटने की स्थिति भी एक कारण थी क्योंकि 2023 के सीज़न के बाद ही उन्होंने घुटनों की सर्जरी कराई थी। हालांकि धोनी ने इस बात का भी खुलासा किया कि इस निर्णय के पीछे यह सोच थी कि वैसे भारतीय खिलाड़ियों को अधिक से अधिक मौक़ा दिया जा सके जो T20 वर्ल्ड कप खेलने के दावेदार थे।
धोनी ने कहा, "मेरी सोच बेहद सरल थी, अगर अन्य खिलाड़ी अपना काम कर रहे हैं तो मुझे ऊपर बल्लेबाज़ी करने की क्या ज़रूरत है। अगर आप विशेषकर पिछले सीज़न के बारे में पूछ रहे हैं तो T20 वर्ल्ड कप के लिए भारतीय दल का चयन होने वाला था। इसलिए हम उन लोगों को मौक़ा देना चाहते थे जो वर्ल्ड कप दल में जगह बनाने के दावेदार थे। हमारी टीम में ऐसे कुछ खिलाड़ी थे। (रवींद्र) जाडेजा थे, शिवम दुबे हमारी टीम में थे। और मेरे खेल का इससे कोई वास्ता नहीं था इसलिए मैं जो कर रहा था मैं उसी में संतुष्ट था।"
धोनी : 'टेस्ट क्रिकेट में नतीजा न निकलना काफ़ी थकावट भरा होता है'
धोनी ने यह स्वीकारा कि वह ख़ुद बैज़बॉल के प्रशंसक हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें यह देखकर काफ़ी अच्छा लगता है कि टेस्ट क्रिकेट में अब अधिक परिणाम निकलते हैं।
धोनी ने कहा, "अब लोग अलग तरह से क्रिकेट खेल रहे हैं। एक ऐसा समय था जब ODI में सुरक्षित स्कोर के बारे में सोचा जाता था, अब वो ही स्कोर T20 तक में भी सुरक्षित नहीं होता। हम किसी चीज़ को टर्म दे देते हैं और चूंकि हम लगातार उसके बारे में बात करते हैं तो वह और दिलचस्प लगने लगता है। लेकिन अंत में यह क्या है? क्रिकेट खेलने का एक तरीका ही तो है? बहुत बार कोई चीज़ इस पर भी निर्भर करती है कि आपके पास कैसी टीम है। सबसे ज़रूरी है अपनी टीम के मज़बूत पक्ष को समझना, और एक बार जब आप ऐसा कर लेते हैं तब आप निर्णय लेने की स्थिति में होते हैं कि आपको किस तरह की क्रिकेट खेलनी है, हालांकि इस स्थिति में पहुंचने में समय लगता है। यह रातों रात नहीं होता कि आप अचानक यह कह दें, 'कल सुबह से हम इस तरह खेलेंगे।' आपको हर किसी को समय देना होगा, क्योंकि कुछ लोग 10-12-15 वर्षों से क्रिकेट खेलते आ रहे होंगे और उनका क्रिकेट खेलने का अपना तरीका होगा। इसलिए आपको उन खिलाड़ियों को अपने खेल में बदलाव लाने के लिए समय देना होगा।"
धोनी ने कहा कि जब वह टेस्ट क्रिकेट खेलते थे तब उनके लिए सबसे मुश्किल दिन वो होता था जब उन्हें लगता था कि मैच ड्रॉ की ओर बढ़ रहा है।
धोनी ने कहा, "मेरे लिए टेस्ट मैच में सबसे मुश्किल समय मैच का अंतिम दिन हुआ करता था जब यह पता चल जाता था कि किसी भी क़ीमत पर यह मैच ड्रॉ होगा और यह काफ़ी थकावट भरा होता था। क्योंकि आपको पता होता है कि मैच ड्रॉ होगा लेकिन फिर भी आपको खेल के बहाव के साथ जाना होता है। हां, गेंदबाज़ विकेट लेने की कोशिश करते और बल्लेबाज़ रन बनाने की कोशिश करेंगे लेकिन जब मैच का की नतीजा न निकलने वाला हो तो आप यही सोचते हैं कि जितनी जल्दी संभव हो मैच समाप्त हो जाए, मैं क्यों यहां रहूं। तो हां, टेस्ट क्रिकेट खेलने की शैली में जो बदलाव आया है, उसे देखकर मैं ख़ुश हूं।"
"ज़रा सोच कर देखिए कि आप किसी एक ऐसे व्यक्ति को बताएं जो क्रिकेट नहीं जानता हो कि हम पांच दिनों तक साढ़े नौ से साढ़े चार तक खेलते हैं, कभी कभी पांच बजे तक भी खेलना पड़ता है और पांच दिनों के बाद भी नतीजा नहीं निकलता है। यह खेल के लिए अच्छा नहीं है। तो आज के दौर में नतीजा निकलता देख मैं प्रसन्न होता हूं। अगर एक दिन का खेल रद्द भी हो जा रहा है तब भी चार दिन में हमारे सामने मैच का नतीजा आ जाता है, और यह टेस्ट क्रिकेट की खूबसूरती है जिसे ऐसा ही रहना चाहिए।"
श्रुति रवींद्रनाथ ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के कंसल्टेंट सब एडिटर नवनीत झा ने किया है।