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हमने ख़राब शुरुआत का ख़ामिया​ज़ा भुगता : मिताली

भारतीय कप्‍तान ने कहा, 'इंग्लैंड और न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ हार ने भारत को नुकसान पहुंचाया'

India walk back dejected after going down in the thriller to be eliminated from the semi-final race, India vs South Africa, Women's World Cup 2022, Christchurch, March 27, 2022

हार के बाद निराश लौटती भारतीय टीम  •  ICC via Getty Images

भारत ने स्वीकार किया कि उन्होंने इस विश्व कप में उम्मीद के मुताबिक़ प्रदर्शन नहीं किया। कप्तान मिताली राज को लगता है कि सेमीफ़ाइनल में पहुंचने के लिए भारतीय टीम को अच्छी शुरुआत नहीं मिली। बांग्लादेश को हराने से पहले भारत ने अपने पहले पांच मैचों में से तीन में हार का सामना किया और साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ उन्होंने आख़िरी गेंद तक सेमीफ़ाइनल में पहुंचने की उम्मीद ज़िंदा रखीं, लेकिन अंत में नॉकआउट में जगह बनाने से चूक गए।
उनकी आख़िरी गेंद की हार का मतलब था कि वह टूर्नामेंट से बाहर हो गए हैं। उन्होंने वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ टूर्नामेंट में सबसे ज़्यादा आठ विकेट पर 317 रन बनाए, जबकि इंग्लैंड के ख़िलाफ़ सबसे कम 134 रन पर ढेर हो गए। ग्रुप चरण में दो सबसे तनावपूर्ण मैच ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ देखने को मिले।
मिताली ने पत्रकार वार्ता में कहा, "ये बहुत उतार-चढ़ाव बढ़े मैच रहे। हमने वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ अच्छा किया लेकिन इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और यहां तक की न्यूज़ीलैंड से भी हार गए। हमने दो मैचों में (इंग्लैंड और न्यूज़ीलैंड) लड़ाई तक नहीं लड़ी। कुल मिलाकर हम टूर्नामेंट के शुरुआती चरण में अच्छा कर सकते थे।"
पाकिस्तान के ख़िलाफ़ बेहतरीन शुरुआत करने के बाद भारत, न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ 200 के नीचे आउट हो गई और एकजुट होकर जीत दर्ज करने में क़ामयाब नहीं हुई। सोफ़ी डिवाइन ने कल न्यूज़ीलैंड के लिए बेहतरीन प्रदर्शन किया। मिताली ने इसी कमी पर सवाल उठाते हुए दो उदाहरण दिए, जहां भारत साउथ अफ़्रीका पर दबाव बना सकता था लेकिन ऐसा नहीं हो सका। उन्होंने कहा, "हम डेथ ओवरों में और भी रन जुटा सकते थे। जिस तरह की शुरुआत हमें मिली थी और हमने पारी को बनाया था, हम अंत में हाथ में विकेट रखते हुए और रन बना सकते थे और अंत में जब ट्राइऑन अंतिम ओवरों में आई तो उस समय जरूरी रन रेट नौ के करीब था और वह इसको सात पर ले आईं। ये वो पल थे, जब मैच उनके हक़ में चला गया।"
पिछले मैच में चोटिल होने वाली झूलन गोस्‍वामी के बिना भारत का इस स्‍कोर को बचा पाना मुश्किल लग रहा था, लेकिन मिताली ने डेथ ओवरों में गेंदबाज़ी करने वाली दीप्ति शर्मा की खुलकर तारीफ़ की, जहां उन्होंने लगभग टीम को जीत दिला ही दी थी। शर्मा को आख़िरी ओवर में छह रन बचाने थे, उन्होंने पहली चार गेंद में चार रन लिए। इसके बाद डुप्री अगली गेंद पर शॉट खेलने गई और लांग ऑन पर पकड़ी गई लेकिन यह गेंद नो बॉल हो गई। मिताली ने कहा, "दीप्ति को पता था कि आख़िरी ओवर में कहां गेंदबाज़ी करनी है, लेकिन कहीं ना कहीं यह नो बॉल भारत के पक्ष में नहीं गया।"
इससे अलग गोस्वामी को देखें जो अपनी निराशा को छुपा नहीं पा रही थी, क्योंकि ना सिर्फ़ वह अपना आख़िरी विश्व कप खेल रही थी ​बल्कि यह शायद उनका भारत के लिए आख़िरी मैच भी था। मिताली ने यह पुष्टि तो नहीं की लेकिन कहा कि उन्हें यह खल रहा है कि वह गोस्वामी को टूर्नामेंट में ज़्यादा मौक़े नहीं दे सकीं। मिताली ने कहा, "मैं वाकई इस मैच को जीतना चाहती थी, जिससे कि हम उन्हें सेमीफ़ाइनलमें एक और मैच खेलने का मौक़ा देते, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।"
ऐसे ही मिताली के भविष्य पर भी बात चल रही है। हालांकि उन्होंने अभी यह पुष्टि नहीं की है कि कब वह क्रिकेट से दूर होंगी। उन्होंने कहा, "यह मेरे लिए अभी बताना सही नहीं होगा। कोई फ़ैसला लेने से पहले मैं अभी इस मैच से उबरना चाहती हूं।"
हालांकि उन्होंने संकेत दिया कि विश्व कप के बाद बदलाव जरूरी है। उन्होंने कहा "कई पीढ़ियां होंगी, जो आएंगी और जाएंगी। हर विश्व कप के बाद टीम और ड्रेसिंग रूम में हमेशा बदलाव होता है। इसमें नए चेहरे होंगे कुछ अनुभवी खिलाड़ी होंगे, प्रत्येक टीम को विश्व कप के बाद पुनर्निर्माण की इस प्रक्रिया से गुज़रना होगा, विशेष रूप से वडने विश्व कप के बाद, ताक़ि वे आने वाले विश्व कप के लिए अगले चार सालों में तैयारी कर सकें। हम अलग नहीं हैं, हम भी उसी बदलाव से गुज़रेंगे।"
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि भारत के परिणाम का देश में महिलाओं के खेल की प्रगति पर असर पड़ेगा, मिताली ने संकेत दिया कि उन्हें उम्मीद नहीं है और बोर्ड खेल के विकास का समर्थन करना जारी रखेगा। उन्होंने कहा, "बीसीसीआई ने पिछले साल हमें सर्वश्रेष्ठ टीमों के ख़िलाफ़ सीरीज़ देकर बहुत अच्छा किया है। उन्होंने हमें आदर्श तैयारी देने के लिए अपना काम किया है। यह हम सभी के लिए निराशाजनक है लेकिन आगे बढ़ते हुए हमारे पास बहुत प्रतिभाशाली युवा हैं और मुझे यकीन है कि आने वाले टूर्नामेंट में हमारे पास एक मजबूत पक्ष होगा। हम निर्माण और पुनर्निर्माण के लिए तत्पर हैं और जब भी हम अगले बड़े आयोजन में जाते हैं तो अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करते हैं। हर आईसीसी आयोजन टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन करने का एक अवसर है क्योंकि इन आयोजनों का इंतज़ार दुनिया भर में हर कोई करता है, क्रिकेट प्रेमियों के लिए महिला क्रिकेटरों को सर्वश्रेष्ठ मानक के साथ खेलते देखने का मौक़ा मिलता है और खिलाड़ियों के तौर पर यह हमारा काम है कि हम अपना सर्वश्रेष्ठ दें, ताकि कई युवा लड़कियां हमारे खेल को देखकर क्रिकेट को अपनाएं। हम इन आयोजनों में अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करते हैं।"

फ‍़िरदौस मुंडा ESPNcricinfo में साउथ अफ्रीका की संवाददाता हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।