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पोवार के साथ अब नहीं है कोई मतभेद : मिताली

2018 टी20 विश्व कप के दौरान मिताली और पोवार के बीच बढ़ गईं थी दूरियां

Mithali Raj shadow-bats before her turn, India vs South Africa, 3rd women's ODI, Lucknow, March 12, 2021

अभ्यास के दौरान भारतीय महिला क्रिकेट टीम की टेस्ट और वनडे कप्तान मिताली राज  •  UPCA

भारतीय महिला क्रिकेट टीम की टेस्ट और वनडे कप्तान मिताली राज ने साफ़ कर दिया है कि उनके और प्रमुख कोच रमेश पोवार के बीच अब कोई मतभेद नहीं हैं। वे उस चीज़ से अब आगे आ चुकी हैं जो 2018 में वेस्टइंडीज़ में आयोजित टी20 वर्ल्ड कप के दौरान हुआ था।
मिताली ने पीटीआई के साथ बातचीत में कहा, 'हमने लगातार बैठक की, चर्चा की और पूरी तरह से उन मुद्दों को छोड़कर आगे बढ़ गए। अतीत की बातों को लेकर हम आगे नहीं बढ़ सकते, मैंने कई साल क्रिकेट खेला है। मुझमें किसी तरह का कोई घमंड नहीं है और न ही मैं व्यक्तिगत चीज़ों की फ़िक्र करती हूं। मैंने ऐसा कभी नहीं किया।' मिताली ने ये बातें मुंबई में कहीं, जहां वह इस समय टीम के साथ अनिवार्य क्वारंटीन में हैं, यहीं से टीम इंडिया को तीन जून को इंग्लैंड के लिए रवाना होना है।
उन्होंने कहा, '21 साल बहुत ज़्यादा होते हैं, जो मैंने क्रिकेट में गुज़ारे हैं और कई चुनौतियों का सामना किया है। जब बात देश के लिए खेलने की होती है तो फिर आपके लिए व्यक्तिगत पंसद या नापसंद की कोई अहमियत नहीं होती। मेरे लिए ये सारी चीज़ें मायने नहीं रखती।'
इस जोड़ी को अगले आठ महीनों तक साथ में रहना है और अगले साल फ़रवरी-मार्च में न्यूज़ीलैंड में होने वाले 50-ओवर विश्व कप तक लगातार भारतीय टीम को कई सीरीज़ खेलनी है। भारत को फ़िलहाल इंग्लैंड दौरे पर जाना है, जहां उन्हें एक टेस्ट और तीन-तीन मैचों की वनडे और टी20 अंतर्राष्ट्रीय सीरीज़ खेलनी है। इसके बाद भारतीय महिला क्रिकेट टीम को सितंबर में ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर जाना है, जहां सभी प्रारूप की सीरीज़ खेली जाएगी।
मिताली ने आगे कहा, 'आपको बड़ी तस्वीर की ओर देखना होगा और मेरी नज़र उधर ही है। ऐसी बहुत सी चीज़ें हैं जो अतीत में हुई होंगी, लेकिन मैं कभी भी पुरानी चीज़ों का असर अपने वर्तमान या भविष्य पर नहीं पड़ने देती। वह कोच हैं और उनकी अपनी योजनाएं हैं, ये ज़रूरी है कि हम सभी उन योजनाओं पर साथ रहें और एक साथ टीम को आगे ले जाएं।'
इन दोनों के बीच दूरियां पहली बार 2018 टी20 विश्व कप के दौरान उजागर हुईं थीं, जब मिताली को बल्लेबाज़ी क्रम में नीचे आने के लिए कहा गया था। बातें और तब बिगड़ गईं थीं जब सेमीफ़ाइनल मुक़ाबले में उन्हें इंग्लैंड के ख़िलाफ़ टीम से बाहर कर दिया गया था, जहां हार के बाद भारत को प्रतियोगिता से बाहर होना पड़ा था।
भारत के इंग्लैंड दौरे की शुरुआत टॉन्टन में एकमात्र टेस्ट मैच से होगी, जो टीम इंडिया का सात सालों में पहला टेस्ट होगा। मिताली और कंपनी के लिए पिछले 2014 इंग्लैंड दौरे की यादें बेहद शानदार हैं, जहां भारतीय महिला टीम ने मेज़बान इंग्लैंड को शिकस्त दी थी और वह भी तब जब उस मैच में भारत की ओर से आठ पदार्पण हुए थे।
भारतीय कप्तान ने कहा, 'कभी-कभी किसी मुक़ाबले में बिना उम्मीदें के उतरना अच्छा होता है, जैसा इस बार होने जा रहा है जहां कई खिलाड़ियों का पदार्पण होगा और कई सालों बाद खेलेगीं। यह देखकर अच्छा लगता है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) हर द्विपक्षीय सीरीज़ में टेस्ट मैच कराने की योजना बना रहा है, क्योंकि क़रीब-क़रीब प्रत्येक खिलाड़ी का यह सपना होता है कि वह कभी सफ़ेद पोशाक में देश का प्रतिनिधित्व करे।'
मिताली ने अपनी बातों को आगे बढ़ाते हुए कहा, "हमें लगातार टेस्ट खेलना है, पहले इंग्लैंड में और फिर ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर भी हमें ऐतिहासिक टेस्ट मैच खेलना है जहां हम पहली बार डे-नाइट टेस्ट मैच खेल रहे होंगे। और वह भी पर्थ के वाका पर , मुझे पूरी उम्मीद है कि उससे पहले हम गुलाबी गेंद से जमकर अभ्यास करेंगे।"

अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के मल्टीमीडिया जर्नलिस्ट सैयद हुसैन ने किया है।