क्या राजनीतिक गतिविधियों से पीसीबी अध्यक्ष अशरफ़ की कुर्सी पर ख़तरा है?
पाकिस्तान सरकार के एक मंत्रालय ने "राजनीति के आधार पर नियुक्त" लोगों को हटाने की मांग की है
दन्याल रसूल
23-Aug-2023
पाकिस्तान में राजनीतिक गतिविधियों का असर एक बार फिर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) की अध्यक्षता पर पड़ सकता है। पाकिस्तान के अंतर-प्रांतीय समंवय (आईपीसी) मंत्रालय ने प्रधान मंत्री के कार्यालय में एक पत्र लिखा है, जिससे अध्यक्ष ज़का अशरफ़ के पद को ख़तरा हो सकता है।
पत्र में पाकिस्तान के चुनाव आयोग के दिशानिर्देश को दोहराते हुए कहा गया है कि "राजनीति के आधार पर हर संस्थान के उच्चतम पोस्ट पर नियुक्त लोगों को पद से हटाया जाए या ऐसे मामलों को चुनाव आयोग के पास समीक्षा के लिए भेजा जाए"। अशरफ़ को पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) दल की तरफ़ से नियुक्त किए गए अध्यक्ष के रूप में देखा जाता है।
यह पत्र आईपीसी के सचिव अहमद ओरकज़ई द्वारा 15 अगस्त को ही भेजा गया था लेकिन इसकी जानकारी एक सप्ताह बाद सार्वजानिक हुई है। इस पत्र के ठीक एक दिन पहले अनवर-उल-हक़ काकड़ को अंतरिम प्रधान मंत्री नियुक्त किया गया था। उल्लेखनीय है कि आईपीसी मंत्रालय में किसी भी मंत्री की फ़िलहाल नियुक्ति नहीं हुई है और ऐसे में प्रधान मंत्री ही इस मंत्रालय की ज़िम्मेदारी लेते हैं। इसका मतलब एक तरह से काकड़ ने ख़ुद को ही यह पत्र भेजा है।
पाकिस्तान में अंतरिम सरकार का गठन आम तौर पर अगले 90 दिनों के भीतर चुनाव आयोजित करने के लिए किया जाता है। हालांकि इस अवसर पर चुनाव आयोग ने यह संकेत दिया है कि आम परिस्थितियों में नवंबर तक आयोजित होने वाले चुनावों में देरी होगी। इसका मतलब यह अंतरिम सरकार लगभग स्थायी सरकार के रूप में ही काम करेगी।
इस पत्र के बावजूद पीसीबी में यह उम्मीद है कि अशरफ़ पर कोई असर नहीं पड़ने वाला। ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो को जानकारी मिली है कि सरकार के सूत्रों ने बोर्ड को आश्वासन दिया है कि इस मामले में उनके संस्थान के टॉप पर ज़्यादा प्रभाव नहीं होगा। एक पीसीबी सूत्र ने इस ख़बर को "पाकिस्तान क्रिकेट को अस्थिर" करने की चाल बताई।
यह बताया गया है कि अशरफ़ 19 जून को पीपीपी से इस्तीफ़ा दे चुके थे और ऐसे में उनकी नियुक्ति को राजनीति से जोड़ना ग़लत है। यह भी बताया है कि आज तक पीसीबी ने कभी पाकिस्तान में राष्ट्रीय या स्थानीय स्तर पर किसी चुनाव में हिस्सा नहीं लिया है।
पूर्व प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने नजम सेठी के अध्यक्ष पद से हटने के बाद जुलाई में अशरफ़ को चार महीने के लिए अध्यक्ष नियुक्त किया था। सेठी ने ख़ुद पद त्यागने के पीछे पीएमएल-एन पार्टी के नेता शरीफ़ और पीपीपी के अध्यक्ष आसिफ़ ज़रदारी के बीच तनातनी को टालने को वजह बताया था। दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन सरकार में खेल मंत्रालय ज़रदारी के पार्टी के पास थी और अशरफ़ उनके व्यक्तिगत पसंदीदा उम्मीदवार थे।
पत्र में पाकिस्तान के चुनाव आयोग के दिशानिर्देश को दोहराते हुए कहा गया है कि "राजनीति के आधार पर हर संस्थान के उच्चतम पोस्ट पर नियुक्त लोगों को पद से हटाया जाए या ऐसे मामलों को चुनाव आयोग के पास समीक्षा के लिए भेजा जाए"। अशरफ़ को पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) दल की तरफ़ से नियुक्त किए गए अध्यक्ष के रूप में देखा जाता है।
यह पत्र आईपीसी के सचिव अहमद ओरकज़ई द्वारा 15 अगस्त को ही भेजा गया था लेकिन इसकी जानकारी एक सप्ताह बाद सार्वजानिक हुई है। इस पत्र के ठीक एक दिन पहले अनवर-उल-हक़ काकड़ को अंतरिम प्रधान मंत्री नियुक्त किया गया था। उल्लेखनीय है कि आईपीसी मंत्रालय में किसी भी मंत्री की फ़िलहाल नियुक्ति नहीं हुई है और ऐसे में प्रधान मंत्री ही इस मंत्रालय की ज़िम्मेदारी लेते हैं। इसका मतलब एक तरह से काकड़ ने ख़ुद को ही यह पत्र भेजा है।
पाकिस्तान में अंतरिम सरकार का गठन आम तौर पर अगले 90 दिनों के भीतर चुनाव आयोजित करने के लिए किया जाता है। हालांकि इस अवसर पर चुनाव आयोग ने यह संकेत दिया है कि आम परिस्थितियों में नवंबर तक आयोजित होने वाले चुनावों में देरी होगी। इसका मतलब यह अंतरिम सरकार लगभग स्थायी सरकार के रूप में ही काम करेगी।
इस पत्र के बावजूद पीसीबी में यह उम्मीद है कि अशरफ़ पर कोई असर नहीं पड़ने वाला। ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो को जानकारी मिली है कि सरकार के सूत्रों ने बोर्ड को आश्वासन दिया है कि इस मामले में उनके संस्थान के टॉप पर ज़्यादा प्रभाव नहीं होगा। एक पीसीबी सूत्र ने इस ख़बर को "पाकिस्तान क्रिकेट को अस्थिर" करने की चाल बताई।
यह बताया गया है कि अशरफ़ 19 जून को पीपीपी से इस्तीफ़ा दे चुके थे और ऐसे में उनकी नियुक्ति को राजनीति से जोड़ना ग़लत है। यह भी बताया है कि आज तक पीसीबी ने कभी पाकिस्तान में राष्ट्रीय या स्थानीय स्तर पर किसी चुनाव में हिस्सा नहीं लिया है।
पूर्व प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने नजम सेठी के अध्यक्ष पद से हटने के बाद जुलाई में अशरफ़ को चार महीने के लिए अध्यक्ष नियुक्त किया था। सेठी ने ख़ुद पद त्यागने के पीछे पीएमएल-एन पार्टी के नेता शरीफ़ और पीपीपी के अध्यक्ष आसिफ़ ज़रदारी के बीच तनातनी को टालने को वजह बताया था। दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन सरकार में खेल मंत्रालय ज़रदारी के पार्टी के पास थी और अशरफ़ उनके व्यक्तिगत पसंदीदा उम्मीदवार थे।
दन्याल रसूल ESPNcricinfo' के पाकिस्तान संवाददाता हैं @Danny61000, अनुवाद सीनियर सहायक एडिटर और स्थानीय भाषा प्रमुख देबायन सेन ने किया है