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सेमीफ़ाइनल में उत्तर प्रदेश के सामने होगी मुंबई की मज़बूत चुनौती

रणजी ट्रॉफ़ी में लगातार दूसरी बार फ़ाइनल में जाने के इरादे से मैदान पर उतरेगी बंगाल

2005-06 में आख़िरी बार उत्तर प्रदेश ने रणजी ट्रॉफ़ी का ख़िताब अपने नाम किया था  •  ESPNcricinfo Ltd

2005-06 में आख़िरी बार उत्तर प्रदेश ने रणजी ट्रॉफ़ी का ख़िताब अपने नाम किया था  •  ESPNcricinfo Ltd

भारत के सबसे बड़े प्रथम श्रेणी टूर्नामेंट रणजी ट्रॉफ़ी का 87वां संस्करण सेमीफ़ाइनल के पड़ाव पर आ पहुंचा है। सेमीफ़ाइनल मुक़ाबले मंगलवार को बेंगलुरु में प्रारंभ होंगे जहां मध्य प्रदेश का सामना होगा बंगाल से और मुंबई की टक्कर होगी उत्तर प्रदेश के साथ। इन महत्वपूर्ण मैचों से पहले आइए नज़र डालते हैं इन चार टीमों पर।
बंगाल की नज़र लगातार दूसरे फ़ाइनल पर
कप्तान आदित्य श्रीवास्तव पांच साल के थे जब मध्य प्रदेश आख़िरी बार रणजी ट्रॉफ़ी के फ़ाइनल में पहुंचा था। और तो और वर्तमान टीम का कोई भी खिलाड़ी पैदा भी नहीं हुआ था जब इस टीम ने 1945-46 में आख़िरी बार ख़िताब अपने नाम किया था। हालांकि इस बार मध्य प्रदेश के पास चमचमाती ट्रॉफ़ी अपने नाम करने का बढ़िया मौक़ा है।
क्वार्टर-फ़ाइनल में पंजाब को 10 विकेट से मात देकर आ रही मध्य प्रदेश के लिए फ़ाइनल में जाना इतना आसान नहीं होगा। बेंगलुरु के जस्ट क्रिकेट मैदान पर उनका सामना होगा बंगाल की मज़बूत टीम से।
मध्य प्रदेश के पास कुमार कार्तिकेय, अक्षत रघुवंशी और रजत पाटीदार के रूप में कई मैच विनर खिलाड़ी हैं। यश दुबे, पाटीदार और शुभम शर्मा प्रत्येक ने इस सीज़न चार मैचों में 400 से अधिक रन बनाए हैं। वहीं 19 विकेट लेकर कार्तिकेय अपनी टीम के सबसे सफल गेंदबाज़ रहे हैं। इसके अलावा तेज़ गेंदबाज़ अनुभव अग्रवाल और गौरव यादव ने आपस में 25 शिकार किए हैं जबकि पुनीत दाते और सारांश जैन ने अपनी प्रतिभा का परिचय दिया हैं।
वहीं दूसरी तरफ़ बंगाल को परिस्थितियों की अच्छी समझ होगी क्योंकि कुछ दिन पहले इसी मैदान पर उन्होंने क्वार्टर-फ़ाइनल का मैच खेला था। 2019-20 सीज़न के उपविजेता ने अपने तीन ग्रुप मैच जीतकर और क्वार्टर-फ़ाइनल में पहली पारी में भारी बढ़त लेने के बाद मैच ड्रॉ कर टॉप चार में जगह बनाई है।
बंगाल की उम्मीदें इशान पोरेल, मुकेश कुमार और आकाश दीप की पेस तिकड़ी पर टिकी होंगी जिसने इस सीज़न 40 विकेट झटके हैं। इसके अलावा टीम में शाहबाज़ अहमद हैं जिन्होंने चार मैचों में 344 रन बनाने के साथ-साथ 12 विकेट अपने नाम किए हैं।
साथ ही अनुभवी बल्लेबाज़ मनोज तिवारी ने झारखंड के विरुद्ध 73 और 136 रन बनाकर अपनी लय प्राप्त कर ली है। मार्च 2020 में ट्रॉफ़ी जितने के काफ़ी क़रीब आने के बाद तिवारी, जो 2005-06 और 2007-08 में भी उपविजेता टीम का हिस्सा थे, बंगाल को चैंपियन बनाना चाहेंगे।
उत्तर प्रदेश के सामने मज़बूत मुंबई की चुनौती
इस बात से कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता की मुंबई को नॉकआउट में प्रवेश करने के लिए अन्य नतीजों पर निर्भर करना पड़ा। क्वार्टर-फ़ाइनल में उत्तराखंड पर 725 रनों की रिकॉर्ड जीत दर्ज करने के बाद वह अलुर में उत्तर प्रदेश के ख़िलाफ़ जीतने की दावेदार होगी।
86 में से रणजी ट्रॉफ़ी के 46 फ़ाइनल में प्रवेश करने वाली 41 बार की विजेता मुंबई पिछले मैच में मिले आत्मविश्वास को बरक़रार रखना चाहेगी। सूर्यकुमार यादव और अजिंक्य रहाणे के बाद अनुभवी बल्लेबाज़ आदित्य तरे चोट के चलते सेमीफ़ाइनल में नहीं खेल पाएंगे। हालांकि मुंबई के पास पृथ्वी शॉ, यशस्वी जायसवाल, सरफ़राज़ ख़ान और अरमान जाफ़र के रूप में ऐसे घातक बल्लेबाज़ हैं जो अपने दम पर मैच का रुख़ पलट सकते हैं। अपने पहले ही मैच में 252 रन बनाकर सुवेद पारकर ने भी अपनी प्रतिभा का परिचय दिया। गेंदबाज़ी क्रम में बाएं हाथ के स्पिनर शम्स मुलानी 37 विकेट लेकर इस सीज़न के सबसे सफल गेंदबाज़ हैं।
भले ही उत्तर प्रदेश के पास मुंबई की तरह बड़े खिलाड़ी तथा हाल के सालों में कोई ट्रॉफ़ी नहीं है (2005-06 में आख़िरी बार यूपी ने रणजी ट्रॉफ़ी अपने नाम की थी), शॉ की टीम उन्हें हल्के में नहीं ले सकती। मुंबई की तरह उत्तर प्रदेश की टीम को भी नॉकआउट में जाने के लिए अंतिम दिन तक संघर्ष करना पड़ा था। वह अब तक इस टूर्नामेंट में अविजित है और आठ बार की विजेता कर्नाटका को हराकर सेमीफ़ाइनल में आ रही है।
रिंकू सिंह, प्रियम गर्ग और करण शर्मा के रूप में उनके पास एक मज़बूत बल्लेबाज़ी क्रम है। तेज़ गेंदबाज़ मोहसिन ख़ान और यश दयाल ने उनके गेंदबाज़ी क्रम को मज़बूत किया है जिसमें पहले से ही अंकित राजपूत और सौरभ कुमार मौजूद थे।
सेमीफ़ाइनल में पहुंचने के लिए एक दिग्गज टीम पर दमदार जीत दर्ज करने के बाद अब उत्तर प्रदेश दूसरी दिग्गज टीम को हराकर फ़ाइनल में जाना चाहेगी। अगर ऐसा हुआ तो 2008-09 के फ़ाइनल में मिली हार का बदला भी पूरा हो जाएगा।

श्रीनिधि रामानुजम ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर अफ़्ज़ल जिवानी ने किया है।