आंकड़े: गेंदबाज़ों के लिए स्वर्ग साबित हो रहा यह T20 वर्ल्ड कप
हालांकि इस वर्ल्ड कप में तीन से अधिक बार 200+ रन भी बन चुके हैं, जो कि रिकॉर्ड है
संपत बंडारूपल्ली
19-Jun-2024
USA में बल्लेबाज़ी वेस्टइंडीज़ से आसान थी • ICC/Getty Images
T20 वर्ल्ड कप 2024 का ग्रुप चरण समाप्त हो चुका है, जिसमें 40 मैच खेले गए। सुपर-8 राउंड के लिए आठ टीमें आगे पहुंची हैं, जबकि 12 टीमें बाहर हो चुकी हैं। आंकड़ों की इस कहानी में जानेंगे कि पहला चरण कैसा रहा?
गेंदबाज़ों का वर्ल्ड कप
यह अब तक का सबसे धीमा T20 वर्ल्ड कप है, जिसके शुरुआत के 37 पूरे हुए मैचों में सिर्फ़ 6.71 के रन रेट से रन बने हैं। 2021 के T20 वर्ल्ड कप में यह आंकड़ा 7.43 था।
इस वर्ल्ड कप के ग्रुप मैचों के दौरान 17.80 रन पर एक विकेट गिरा, जो कि फिर से T20 वर्ल्ड कप इतिहास में सबसे कम है। 2010 और 2022 के दौरान यह आंकड़ा 21.42 रन प्रति विकेट था। इस वर्ल्ड कप में हर 8.1 गेंदों पर एक बाउंड्री आई, जो कि फिर से चौके-छक्कों के मामले में सबसे धीमा वर्ल्ड कप रिकॉर्ड है।
शीर्ष क्रम (1-3) के बल्लेबाज़ों का औसत 18.19 रहा, जो कि फिर से सबसे कम है। उनका स्ट्राइक रेट 110.44 का रहा, जो कि T20 वर्ल्ड कप में शीर्ष बल्लेबाज़ों का सबसे कम स्ट्राइक रेट है।
शीर्ष तीन बल्लेबाज़ों की हर सातवीं पारी में कम से कम एक डक था, लेकिन अर्धशतक लगाने के लिए उन्हें औसतन 14 पारियां लगीं।
USA में तेज़ गेंदबाज़, वहीं वेस्टइंडीज़ में स्पिनर्स का दबदबा
USA में खेले गए 13 मैचों में तेज़ गेंदबाज़ों ने 125 विकेट लिए, जहां उनका औसत 17.50 और इकॉनमी 5.94 रहा। USA में स्पिनरों को तेज़ गेंदबाज़ों की तुलना में बस एक चौथाई गेंदबाज़ी मिली, जहां उन्होंने 21.6 की औसत से 34 विकेट लिए।
स्पिनर्स ने वेस्टइंडीज़ में अच्छा किया। उन्होंने 19.46 की औसत और 6.61 की इकॉनमी से 24 मैचों में 116 विकेट लिए, जिसमें छह बार 4-विकेट हॉल और एक 5-विकेट हॉल भी शामिल था। वेस्टइंडीज़ में तेज़ गेंदबाज़ अपेक्षाकृत अधिक महंगे साबित हुए, जहां उनकी इकॉनमी 6.87 हो गई। हालांकि तेज़ गेंदबाज़ों ने USA की तरह वेस्टइंडीज़ में भी कमाल दिखाया और 17.52 की औसत से 181 विकेट लिए।
डॉट गेंदें और मेडेन ओवर
लॉकी फ़र्ग्यूसन ने पापुआ न्यू गिनी के ख़िलाफ़ चार मेडेन ओवर और 24 गेंदें की और तीन विकेट भी लिए। 2024 से पहले किसी T20 वर्ल्ड कप के सबसे कंजूस स्पेल का रिकॉर्ड संयुक्त रूप से केमार रोच और अजंता मेंडिस के नाम था, जब उन्होंने चार ओवर में आठ-आठ रन दिए थे।
लेकिन इस वर्ल्ड कप के दौरान आठ गेंदबाज़ों ने 20 डॉट गेंदों का स्पेल किया। तंज़िम हसन ने इससे आगे निकलते हुए नेपाल के ख़िलाफ़ 21 डॉट गेंदें की, वहीं फ़र्ग्यूसन का कारनामा तो आप सबको पता ही है।
इससे पहले हुए आठ T20 वर्ल्ड कप में सिर्फ़ 11 बार ऐसा हुआ था, जब किसी गेंदबाज़ ने अपने चार ओवर के स्पेल में 10 से कम रन दिए थे। लेकिन इस वर्ल्ड कप में सिर्फ़ ग्रुप मुक़ाबलों के दौरान 12 बार ऐसा हो चुका है।
इस टूर्नामेंट के दौरान अब तक 38 मेडेन ओवर फेंके जा तुके हैं, जो कि किसी भी T20 वर्ल्ड कप में सर्वाधिक है। 2012 के संस्करण में 27 मैचों में 21 मेडेन ओवर किए गए थे। ऐसा भी कहा जा सकता है कि T20 वर्ल्ड कप इतिहास में अब तक जितने भी मेडेन ओवर किए गए हैं, उसमें 26.03% इसी संस्करण में आए हैं।
छोटे स्कोर साबित हो रहे बड़े लक्ष्य
इससे पहले हुए आठ T20 वर्ल्ड कप में सिर्फ़ एक बार किसी टीम ने सफलतापूर्वक 120 रनों से कम लक्ष्य का बचाव किया था। लेकिन इस बार चार बार ऐसा हो चुका है। वहीं ओमान और नामीबिया का मुक़ाबला 109 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए टाई हुआ था। बाद में यह मुक़ाबला सुपर ओवर में नामीबिया ने जीता।
100 के कम स्कोर
इस वर्ल्ड कप में 12 बार टीमें 100 या उससे कम के स्कोर पर आउट हो चुकी हैं, जो कि रिकॉर्ड है। 2014 और 2021 T20 वर्ल्ड कप के दौरान ऐसा सर्वाधिक आठ बार हुआ था।
T20 वर्ल्ड कप इतिहास में पांच बार किसी टीम ने 50 से कम का स्कोर किया है। इस वर्ल्ड कप के दौरान ही ऐसा तीन बार हो चुका है, जिसमें युगांडा के दो 50 से कम के स्कोर शामिल हैं।
हालांकि यह सिर्फ़ तीसरा वर्ल्ड कप है, जब किसी संस्करण में तीन या तीन से अधिक बार 200+ का स्कोर बन चुका है। इसमें से दो ग्रुप मैचों के आख़िरी दो दिनों में सेंट लूसिया के ग्रॉस आइलेट मैदान पर आए।
संपत बंडारूपल्ली ESPNcricinfo में स्टैस्टिशियन हैं