विश्व कप टॉप 5 : वानखेड़े में टूटा दिल तो बेंगलुरु में कांटे की टक्कर, भारत में भारत-इंग्लैंड क्लासिक मैच
क्या 2023 विश्व कप में दोनों प्रतिद्वंद्वियों के बीच एक और रोमांचक मैच देखने को मिलेगा?
2002 में दोनों टीमों के बीच मुंबई में ज़बरदस्त मैच हुआ था • Rebecca Naden/PA Photos/Getty Images
कुल मिलाकर भारत में यह दोनों प्रतिद्वंद्वी 51 वनडे मैच खेले हैं, जिनमें 33 बार भारत की जीत हुई है और इंग्लैंड पहले 10 मैचों से छह जीतने के बावजूद केवल 17 जीता (एक मैच में निर्णय नहीं निकला, लेकिन उसकी बात भी होगी)। आईए नज़र डालते हैं भारत-इंग्लैंड के बीच पांच सबसे यादगार मैचों पर।
5. परिणाम के तौर पर मिला अजूबा1984)
विश्व कप टॉप 5 : तेंदुलकर का गेंद और बल्ले से कमाल, जब कोहली बने चेज़मास्टर, ईडन में भारत के यादगार पल
सचिन तेंदुलकर का लॉफ़्टेड ड्राइव वानखेड़े पर हुआ अमर
विश्व कप टॉप 5 : सचिन के संघर्ष के बीच कोलकाता की कड़वाहट, पोर्ट ऑफ़ स्पेन का पेन और जब गांगुली-द्रविड़ ने छीना चैन
लखनऊ : पाकिस्तान की पहली टेस्ट जीत, सिद्धू की आतिशबाज़ी और कुंबले के पहले 10-विकेट का गवाह शहर
आंकड़े - लगातार तीन वनडे मैचों में 350 से ज़्यादा रन बनाने वाली पहली टीम बनी ऑस्ट्रेलिया
4. लॉर्ड ठाकुर और एक क्लासिक (2021)
जवाब में तेज़ी से रन बनते रहे लेकिन भुवनेश्वर कुमार (3/42) और शार्दुल ठाकुर (4/67) ने विकेट गिराते हुए टीम के छह विकेट 26वें ओवर में निकाल डाले। यहां से सैम करन ने 83 गेंदों पर 95 नाबाद बनाए। आख़िरी ओवर के लिए टी नटराजन को गेंद थमाई गई, जिन्होंने नौ ओवर में 67 दे दिए थे, तो वहीं इंग्लैंड को 14 रनों की ज़रूरत थी। अपने यॉर्कर पर भरोसा जताते हुए नट्टू ने केवल छह रन दिए और भारत को रोमांचक जीत दिलाई।
3. जब वानखेड़े का असर बाद में लॉर्ड्स में दिखा (2002)
जवाब में वीरेंद्र सहवाग और सचिन तेंदुलकर के जल्दी आउट होने के बावजूद गांगुली (80) ने पारी को दिनेश मोंगिया (35) के साथ मज़बूती दिलाई। ऐसे में माइकल वॉन ने अपने पार्ट-टाइम ऑफ़ स्पिन के साथ दो विकेट निकाले और निचले क्रम पर फ़्लिंटॉफ़ की तेज़ गेंदबाज़ी भारी पड़ी। हेमांग बदानी एक छोर पर टिके रहे लेकिन फ़्लिंटॉफ़ के आख़िरी ओवर में अनिल कुंबले के रन आउट और जवागल श्रीनाथ के बोल्ड होने से इंग्लैंड ने पांच रन की रोमांचक जीत हासिल की। फ़्लिंटॉफ़ ने फ़ुटबॉल के अंदाज़ में अपना जर्सी उतारकर जश्न मनाया। इसका जवाब गांगुली ने कुछ महीने बाद लॉर्ड्स में नैटवेस्ट फ़ाइनल के बाद दिया।
2. जब गूच (और ऑस्ट्रेलिया) ने ड्रीम फ़ाइनल का सपना तोड़ा (1987)
पहले मैच में तो ऑस्ट्रेलिया ने पाकिस्तान को परास्त किया (इमरान ख़ान ने ख़फ़ा होकर खेल से संन्यास लेने का फ़ैसला सुनाया) और अगले दिन वानखेड़े स्टेडियम में ग्रैम गूच ने भारतीय स्पिनर्स शास्त्री और मनिंदर सिंह के ख़िलाफ़ स्वीप शॉट को हथियार बनाया। उनकी 115 रनों की पारी के चलते इंग्लैंड ने छह विकेट पर 254 बनाए।
जवाब में सुनील गावस्कर अपने अंतिम वनडे मैच में चार रन ही बना पाए लेकिन श्रीकांत (31) और मोहम्मद अज़हरउद्दीन (64) ने टीम को मैच में बनाए रखा। कप्तान कपिल देव 100 से अधिक के स्ट्राइक रेट से 30 तक पहुंचे और फिर एडी हेमिंग्स की गेंद पर बड़ा शॉट लगाते हुए आउट हो गए। अज़हर के आउट होने के साथ भारत ने अपने आख़िरी पांच विकेट केवल 15 रन पर खोए।
इस 'हादसे' के बाद आयोजकों ने भारत और पाकिस्तान के बीच तीसरे स्थान का मच सुझाया था, लेकिन कहा जाता है कि दोनों टीमों के खिलाड़ियों ने इतना ज़्यादा मैच फ़ी मांगी कि यह मैच हो ना सका।
1. चिन्नास्वामी स्टेडियम का रोमांच (2011)
देबायन सेन Espcricinfo हिंदी के सीनियर सहायक एडिटर और स्थानीय भाषा लीड हैं