निकोलस पूरन (40 गेंदों में 67 रन) की धुआंधार बल्लेबाज़ी के साथ शिमरॉन हेटमायर (22) और कप्तान रोवमन पॉवेल (21) की उपयोगी पारियों के सहारे वेस्टइंडीज़ ने भारत को
दूसरे टी20आई में दो विकेट से हराकर सीरीज़ में 2-0 की बढ़त बना ली। भारत की बल्लेबाज़ी फिर से निराशाजनक रही और तिलक वर्मा के पहले अंतर्राष्ट्रीय अर्धशतक (41 गेंदों में 51) के चलते भारत 152 का स्कोर खड़ा कर पाया।
जवाब में कप्तान हार्दिक पंड्या (3/35) और अर्शदीप सिंह ने गेंद से अच्छी शुरुआत दिलाई, लेकिन पूरन ने मैच को एक समय एकतरफ़ा कर दिया था। 126 पर चार से वेस्टइंडीज़ 129 पर आठ पर पिछड़ गया, लेकिन फिर अल्ज़ारी जोसेफ़ और अकील हुसैन ने नैय्या पार लगाई।
क्या सही क्या ग़लत?
भारत की बल्लेबाज़ी पहले टी20 में मुक़ाबले शायद थोड़ी बेहतर रही, लेकिन पावरप्ले में ही उन्हें इतनी क्षति पहुंची कि वहां से आक्रामक फ़िनिश हासिल करना कठिन था। आज तेज़ गेंदबाज़ों ने बेहतर प्रदर्शन दिया, लेकिन स्पिन उतनी असरदार नहीं दिखी।
अगर सिर्फ़ नीतिबद्ध क्रिकेट की बात हो, तो वहां आज हार्दिक की कप्तानी थोड़ी निराशाजनक रही। पावरप्ले में वह ख़ुद और उनके साथ अर्शदीप सिंह बेहतरीन गेंदबाज़ी कर रहे थे। ऐसे में शायद दोनों में से एक से गेंदबाज़ी जारी रखने में समझदारी होती।
प्लेयर रेटिंग्स (1 से 10, 10 सर्वाधिक)
इशान किशन, 4: टेस्ट और वनडे सीरीज़ के अपने ग़ज़ब फ़ॉर्म के बाद दो चुनौतीपूर्ण पिचों पर किशन जूझते नज़र आए हैं। आज वैसे उन्होंने 27 रन बनाए लेकिन मैच की पहली गेंद पर एक फ़ुल टॉस पर आउट हो सकते थे। उनकी पारी में कुछ आकर्षक पुल शॉट थे लेकिन वह कभी भी लय में नहीं दिखे। शायद वह गेंद को अधिक तेज़ी से मारने की कोशिश कर रहे हैं। किशन की कीपिंग साफ़ सुथरी थी, लेकिन उन्हें रिव्यू लेने की सलाह देने में बेहतरी दिखानी होगी।
शुभमन गिल, 2: शुभमन ने आज आउट होने से पहले आठ गेंदें खेलीं। इसमें एक को उन्होंने मिडविकेट के ऊपर बड़े छक्के के लिए भेजा और एक पर उसी दिशा में सिंगल निकाला। उच्च स्तर के टी20 में आपको हमेशा सपाट सतह नहीं मिलेंगे और ना ही आसान गेंदबाज़ी क्रम। ऐसे में स्कोरबोर्ड को सक्रिय रखना एक कला है, जो उन्हें सीखना पड़ेगा।
सूर्यकुमार यादव, 4: नंबर तीन पर सूर्यकुमार यादव को एक और बड़ी पारी खेलने के लिए पर्याप्त ओवर मिले थे। गेंद स्विंग ले रही थी और ऐसे में वह एक तेज़ सिंगल लेने के चक्कर में आउट हो गए। इसमें थोड़ा क़िस्मत को दोष देना बनता है लेकिन बल्लेबाज़ ने एक बड़ा मौक़ा फिर गंवाया।
तिलक वर्मा, 9: तिलक वर्मा एक बार फिर मुश्किल स्थिति में बल्लेबाज़ी करने उतरे और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक फ़र्निश्ड प्रॉडक्ट नज़र आए। हालांकि इस बार की पारी में भाग्य ने भी उनका बड़ा साथ दिया, लेकिन हार्दिक के साथ खेलते हुए उन्होंने इस स्तर पर अपना पहला पचासा भी जड़ा।
संजू सैमसन, 3: सैमसन को स्पिन के ख़िलाफ़ अच्छी बल्लेबाज़ी के लिए जाना जाता है लेकिन यहां एक कठिन परिस्थिति में स्पिन पर बड़ा शॉट लगाते हुए उन्होंने अपना विकेट गंवाया। उनकी फ़ील्डिंग भी काफ़ी निराशाजनक रही और पूरन ने ख़ास कर उनके इस बात का काफ़ी फ़ायदा उठाया।
हार्दिक पंड्या, 9: हार्दिक एक बार फिर बल्ले के साथ लय में आते दिखे लेकिन फिर अच्छे स्टार्ट को बड़े स्कोर में परिवर्तित नहीं कर पाए। गेंद से ज़ाहिर सी बात है शुरुआती ओवर में दो विकेट झटकना बड़ा काम था। इसके बाद रोवमन पॉवेल का विकेट भी मैच को आख़िर तक ले जाने में एक टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ। उनकी कप्तानी भी आज बहुत आश्वस्त नहीं दिखी। अक्षर पटेल से गेंदबाज़ी ना करवाना और चहल के आख़िरी ओवर को बचाए रखने में शायद उन्होंने थोड़ी सुरक्षात्मक सोच दिखाई।
अक्षर पटेल, 4: अक्षर ने बल्ले से एक उपयोगी पारी खेलने की कोशिश की। उन्हें गेंदबाज़ी नहीं देना शायद समझा जा सकता है क्योंकि उस वक़्त बाएं हाथ के बल्लेबाज़ पूरन छाए हुए थे। फिर भी एक ओवर मिलने पर वह आज के रोमांच में बड़ा हिस्सा दे सकते थे।
रवि बिश्नोई, 7: बिश्नोई ने पहले बल्ले से एक करारा छक्का लगाया और फिर पहले स्पिनर बने जो गेंदबाज़ी पर आए। पहली ओवर में पूरन द्वारा पिटने के बावजूद उनकी वापसी अच्छी थी। पॉवेल को वह पगबाधा आउट कर देते अगर आज भारत रिव्यू प्रक्रिया में बेहतरी दिखाता।
अर्शदीप सिंह, 6.5: नई गेंद के साथ अर्शदीप ज़बरदस्त स्विंग करवा रहे थे। ऐसे में शायद उन्हें पावरप्ले में एक-आध ओवर और मिल सकते थे। लगातार दूसरी गेम में उन्होंने बल्ले से भी अच्छ जोश दिखाया।
युज़वेंद्र चहल, 8: चहल ने फिर अच्छी गेंदबाज़ी की और लगातार रफ़्तार और लंबाई में बदलाव किए। बल्लेबाज़ों में केवल पॉवेल उनके विरुद्ध एक बाउंड्री जड़ पाए और उन्होंने एक ओवर में जेसन होल्डर और शिमरॉन हेटमायर को आउट करके भारत की वापसी करवाई।
मुकेश कुमार, 4: मुकेश को इस मैच में अपना पहला टी20आई विकेट ज़रूर मिला, लेकिन उनकी सीमित लाइन और लेंथ गेंदबाज़ी वेस्टइंडीज़ के बल्लेबाज़ों को रास आई। मुकेश एक अच्छा यॉर्कर डालते हैं और शायद उन्हें इस पर अधिक निर्भर होना पड़ेगा।