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ज़्यादा टेस्ट मैच खेलने से हमें सत्र के अंत को अच्छी तरह से खेलने का अनुभव मिलेगा - स्मृति मांधना

उन्होंने पदार्पण कर रहे सभी भारतीय खिलाड़ियों और ख़ासकर अपनी सलामी जोड़ीदार शेफ़ाली वर्मा की प्रशंसा की

Smriti Mandhana punches through the off side, England v India, only women's Test, Bristol, 2nd day, June 17, 2021

तीसरे दिन अपना विकेट खोने के बाद नाख़ुश थी स्मृति मांधना  •  Getty Images

भारतीय बल्लेबाज़ स्मृति मांधना का मानना है कि ज़्यादा टेस्ट मैच खेलने के अवसर से प्रत्येक सत्र के समापन चरणों को खेलने के बारे में बेहतर समझ विकसित करने में मदद मिलेगी।
मांधना के यह विचार इंग्लैंड के ख़िलाफ़ ब्रिस्टल में एकमात्र टेस्ट में बारिश से प्रभावित तीसरे दिन स्टंप्स के बाद आए, जहां लंच से ठीक पहले अपनी दूसरी पारी में वह केवल 8 रन बनाकर आउट हो गई। 231 रनों के स्कोर पर ऑल-आउट होने के बाद भारतीय टीम को फ़ॉलो-ऑन करने के लिए कहा गया।
अपनी पहली पारी में मांधना ने 78 रन बनाए। उनकी विकेट दूसरे दिन के अंतिम सत्र में शुरू हुए ढलान का हिस्सा थी, जहां 167/0 की स्थिति से फिसलकर भारत 183/5 पर जा पहुंचा। कुल मिलाकर टीम ने 64 रनों के भीतर अपने 10 विकेट खो दिए। पहले दिन के अंतिम सत्र में इंग्लैंड के साथ भी ऐसा ही हुआ था जब 21 रन पर उन्होंने 4 विकेट गवाए थे।
मैच में सत्र के अंत में लगातार विकेटों के गिरने के बारे में पूछे जाने पर मांधना ने कहा, "मुझे लगता है कि यह सिर्फ़ एक बहाना होगा। हम निश्चित रूप से इस बात पर ध्यान दे सकते हैं कि हमें 50 ओवरों से ज़्यादा बल्लेबाज़ी करने की आदत नहीं है लेकिन मैं यह नहीं कहूंगी कि मैं टेस्ट मैंचों के कम अनुभव के कारण हमारे काफी विकेट गिरे क्योंकि कल आखिरी सत्र में मैंने ख़ुद अपना विकेट फेंका था।"
"मुझे लगता है कि नॉट-आउट रहकर दिन का अंत करने का दबाव इसका (एक साथ इतने विकेट खोने का) एक कारण हो सकता है और यह अनुभव के साथ आएगा। जितने ज़्यादा हम टेस्ट मैच खेलेंगे, जितना ज़्यादा हम इन परिस्थितियों से रुबरू होंगे, उतना हम लंच या दिन के अंत से ठीक पहले के ओवर जैसे और कठिन सत्रों में दबाव लिए बिना अपना स्वाभाविक खेल खेलने में परिपक्व होंगे।"
पहली पारी में मांधना का अर्धशतक महत्वपूर्ण था, जिसके चलते इंग्लैंड के 396 रनों के जवाब में भारत ने टेस्ट क्रिकेट में पहले विकेट के लिए अपनी सर्वश्रेष्ठ साझेदारी निभाई। 167 रनों की इस रिकॉर्ड साझेदारी में 96 रन अपना डेब्यू कर रही 17 वर्षीय युवा बल्लेबाज़ शेफ़ाली वर्मा के बल्ले से आए। फ़ॉलो-ऑन बचाने से 15 रन पीछे रहने के बाद, दूसरी पारी में वर्मा ने टीम को धमाकेदार शुरुआत दिलाई। मांधना के आउट होने के बाद, वर्मा ने सिर्फ 63 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा किया। ऐसा करते हुए, वह महिला क्रिकेट में टेस्ट डेब्यू पर दोनों पारियों में अर्धशतक बनाने वाली पहली भारतीय और विश्व की सबसे युवा खिलाड़ी बन गई।
टी-20 अंतर्राष्ट्रीय में अपनी सलामी जोड़ीदार वर्मा के बारे में मांधना ने कहा, "दूसरे छोर से उसको बल्लेबाज़ी करते देखना काफ़ी प्रभावशाली है। मुझे लगता है कि हमारे बल्लेबाज़ी के अंदाज़ में चीज़ों को सरल रखने में हम एक जैसे हैं, इसलिए हम बीच मैदान में अपनी बल्लेबाज़ी के बारे में ज़्यादा बात नहीं करते हैं। जिस तरह से उसने अपने खेल को बदला है और करियर के इस पड़ाव पर जो परिपक्वता उसने दिखाई है, वह भारतीय क्रिकेट के लिए बहुत सकारात्मक बात है। टी20 आई में मैंने उसके शॉट्स दूसरे छोर से देखे हैं। यह आश्चर्यजनक है कि वह ये सब करती है। मुझे उम्मीद है कि वह जिस तरिके से खेलती है, आगे भी उसी तरीके से खेलती रहेगी।"
मांधना ने अगस्त 2014 में वर्म्सली टेस्ट में 17 साल की उम्र में पदार्पण किया था। ब्रिस्टल टेस्ट के लिए भारत एकादश में, वह पूर्व टेस्ट अनुभव वाली छह खिलाड़ियों में से एक हैं। शुक्रवार को, उन्होंने भारत के लिए डेब्यू करने वाली पांचों खिलाड़ियों - तानिया भाटिया, दीप्ति शर्मा, पूजा वस्त्रकर, स्नेह राणा और वर्मा के प्रदर्शन की प्रशंसा की।
मांधना ने कहा, "सभी नवोदित खिलाड़ियों ने अच्छी शुरुआत की है। सामान्य तौर पर, हर कोई इस टेस्ट मैच को खेलने के लिए बहुत उत्साहित था क्योंकि हम सब एक लंबे समय के बाद टेस्ट मैच खेल रहे हैं। इसलिए मुझे लगता है कि यह एक ख़ास मैच है। अपना डेब्यू करने वाले सभी खिलाड़ियों - दीप्ति, शेफ़ाली, पूजा और यहां तक कि तानिया [पहली पारी में ओपनर लॉरेन विनफ़िल्ड-हिल का कैच] - सभी ने अपना अहम योगदान दिया है।"
मांधना ने अपनी दूसरी पारी का आगाज़ तेज़ गेंदबाज़ कैथरीन ब्रंट को बैकवर्ड प्वाइंट की दिशा में एक करारा चौका लगाकर किया। लेकिन उनकी 13 गेंदों वाली इस पारी का अंत पांचवें ओवर में हुआ जब वह उसी गेंदबाज़ की फ़ुल और शरीर से दूर की गेंद पर दूसरी स्लिप में नैटली सीवर के हाथों कैच आउट हो गई।
1 विकेट पर 83 रनों के स्कोर पर, बारिश के कारण जल्दी समाप्त हुए दिन के खेल की समीक्षा करने के लिए कहे जाने पर मांधना ने कहा कि वह बहुत निराश है। "लंच के लिए जाने से पहले मैं आउट हो गई, इसलिए मैं निराश हूं।"
"मैं इस समय क्रीज़ पर रहना और अगले दिन बल्लेबाज़ी जारी रखना पसंद करती। पर अब जो हो गया सो हो गया। दीप्ति और शेफ़ाली ने अंत में एक अच्छी साझेदारी की, इसलिए मुझे लगता है कि इस वक्त हम अच्छी स्थिति में है।"
"[तीसरे दिन] परिस्थितियां थोड़ी बदल गई। बहुत हवा चल रही, फिर भी गेंद इतनी स्विंग नहीं कर रही थी कि आप बिल्कुल भी उसे खेल ना सको। आसमान में बादल छाए होने के बावजूद भी वह बल्लेबाज़ी करने के लिए अच्छा समय था।"
"हमें शुरुआत में क्रीज़ पर कुछ समय बिताने की ज़रूरत थी। बेशक, मैंने अपना विकेट खो दिया, लेकिन मैं यह नहीं कहूंगा कि वह बहुत अच्छी गेंद थी। मुझे लगता है कि मैंने अपना विकेट फ़ेंका क्योंकि ये इतनी ख़ास गेंद नहीं थी।"

ऑन्नेशा घोष (@ghosh_annesha) ESPNcricinfo में सब-एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब-एडिटर अफ़्ज़ल जिवानी ने किया है।