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प्रदर्शनकारी पहलवानों के लिए पूर्व क्रिकेटरों ने जताई चिंता

कपिल देव, हरभजन सिंह, वीरेंद्र सहवाग उन पहलवानों के समर्थन में ट्वीट करने वालों में शामिल

विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक मीडिया से बात करते हुए  •  Hindustan Times via Getty Images

विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक मीडिया से बात करते हुए  •  Hindustan Times via Getty Images

पूर्व क्रिकेटर कपिल देव, वीरेंद्र सहवाग, हरभजन सिंह और इरफ़ान पठान, भारत के शीर्ष पहलवानों द्वारा भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह को बर्ख़ास्त करने की मांग को लेकर किए जा रहे विरोध पर, चुप्पी तोड़ने वाले पहले क्रिकेटर बन गए हैं। पहलवानों ने आरोप लगाया है कि सिंह ने पिछले एक दशक से महिला पहलवानों का यौन शोषण और उन्हें प्रताड़ित किया है।
शुक्रवार दोपहर दिल्ली पुलिस सिंह के खिलाफ़ आरोपों की जांच करने पर सहमत हुई। लेकिन पहलवानों की मांग है कि सिंह को महासंघ प्रमुख के पद से हटाना और उन पर लगे आरोपों की सख्ती से जांच हो।
कपिल ने विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक की एक तस्वीर, जो पिछले पांच दिनों से दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, इंस्टाग्राम पर साझा करते हुए लिखा कि - "क्या इन्हें कभी न्याय मिलेगा"।
इस साल जनवरी में जंतर-मंतर पर विरोध जताने के बाद केंद्रीय खेल मंत्रालय के प्रभारी अनुराग ठाकुर ने अपनी निगरानी में एक समिति को इस मामले की जांच करने और फ़रवरी तक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का ज़िम्मा सौंपा था।
उस समिति में अन्य लोगों के अलावा ओलंपिक पदक विजेता बॉक्सर एमसी मैरी कॉम और पहलवान योगेश्वर दत्त भी शामिल थे।
गुरुवार को भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष और पूर्व एथलीट, पीटी ऊषा ने कहा कि विरोध करने वाले पहलवानों का आचरण "अनुशासनहीनता" के बराबर है और यह "खेल के लिए अच्छा नहीं है"। पीटी ऊषा की इन टिप्पणियों की सार्वजनिक आलोचना हुई और बजरंग पूनिया ने उनकी इस प्रतिक्रिया पर निराशा भी ज़ाहिर की।
शुक्रवार को विनेश फोगाट ने भारतीय क्रिकेट खिलाड़ियों से पूछा कि वे अपने साथी खिलाड़ियों की दुर्दशा पर चुप क्यों हैं?
"जब हम कुछ जीतते हैं तो आप हमें बधाई देने के लिए आगे आते हैं, यहां तक कि क्रिकेटर्स भी ट्वीट करते हैं। अब क्या हो गया? क्या आप सिस्टम से इतना डरते हैं? या हो सकता है कि वहां भी कुछ गड़बड़ चल रहा हो?"
विनेश फोगाट
इंडियन एक्सप्रेस ने फोगाट के हवाले से लिखा, "पूरा देश क्रिकेट की पूजा करता है लेकिन एक भी क्रिकेटर ने कुछ नहीं बोला है। "हम यह नहीं कह रहे हैं कि आप हमारे पक्ष में बोलें, लेकिन कम से कम एक तटस्थ संदेश दें ताकि किसी एक के लिए न्याय हो। यही मुझे पीड़ा देता है चाहे वह क्रिकेटर हों, बैडमिंटन खिलाड़ी हों, एथलीट हों या मुक्केबाज़ हों"। अमेरिका में ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन के दौरान, उन्होंने अपना समर्थन दिखाया। क्या हम इतने भी लायक नहीं हैं?"
कपिल देव का संदेश एक दिन पहले गुरुवार को आया था, हरभजन ने शुक्रवार को ट्वीट करते हुए लिखा, "मुझे एक खिलाड़ी के तौर पर दर्द हो रहा है, ये देखते हुए कि भारत को सम्मान दिलाने वाले खिलाड़ी आज सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं", जबकि सहवाग ने लिखा, "यह एक संवेदनशील मामला है और ज़रूरत है कि एक निष्पक्ष जाँच हो।" पठान ने ट्विटर पर लिखा, "भारतीय एथलीट हमेशा हमारे गौरव हैं, न केवल जब वे हमारे लिए पदक जीत कर आते हैं।"
इस रिपोर्ट को लिखे जाने तक किसी मौजूदा भारतीय क्रिकेटर ने इस मुद्दे पर बात नहीं की थी।
फोगाट की अपील पर शुक्रवार को भारत के पूर्व मशहूर क्रिकेट खिलाड़ियों से समर्थन मिला, जिन्होंने विरोध करने वाले पहलवानों के लिए अपना समर्थन ट्वीट किया।
जेवलिन थ्रो के ओलंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा ने कहा, "जो हो रहा है [सड़क पर विरोध] कभी नहीं होना चाहिए था। "यह एक संवेदनशील मुद्दा है, और इससे निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से निपटा जाना चाहिए"।
दो बार की विश्व चैंपियन मुक्केबाज़ निख़त ज़रीन ने लिखा, "अपने ओलंपिक और विश्व पदक विजेताओं को इस हालत में देखकर मेरा दिल टूट गया है।"
2008 में ओलंपिक खेलों में भारत के लिए पहला व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले निशानेबाज़ अभिनव बिंद्रा ने एक दिन पहले ट्वीट किया था कि "यह बेहद चिंताजनक है कि हमारे एथलीटों को भारतीय कुश्ती प्रशासन के खिलाफ़ उत्पीड़न के आरोपों को लेकर सड़कों पर विरोध करना पड़ रहा है"।