बड़ी तस्वीर
कुछ भी हो, इस विश्व कप ने दिखाया है कि आधुनिक क्रिकेट किसी भी टीम या खिलाड़ी को, मैच में या अपने करियर में वापसी करने के लिए पर्याप्त मौक़े देता है।
सिर्फ़ दो साल पहले जिमी नीशम सोच रहे थे कि काश वह एक क्रिकेटर ना होते तो बेहतर होता। वनडे विश्व कप के फ़ाइनल में मिली हार से वह काफ़ी दुखी थे। ज़्यादा दिन नहीं हुए हैं जब वह क्रिकेट से संन्यास लेने की सोच रहे थे क्योंकि उन दिनों वह काफ़ी संघर्ष कर रहे थे।
इस साल की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया उस टीम से टेस्ट श्रृंखला हार गई थी, जिसमें एक नेट बोलर खेल रहा था और एक टी20 स्पेशिलस्ट खिलाड़ी था। इस हार के बाद ऑस्ट्रेलियाई कोच जस्टिन लैंगर की कोचिंग शैली पर कई सवाल उठे, जो बांग्लादेश और वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ खेले गए मैचों के बाद एक प्रमुख सवाल बनता गया।
दोनों टीमों के साथ घटी इन घटनाओं के बाद भी वह रविवार को टी20 विश्व कप के फ़ाइनल में खेलेंगें और उसमें से एक टीम के पास जीत की ट्रॉफ़ी भी होगी।
भले ही आपको एक बहुत बड़ी हार मिली हो लेकिन इसका कुछ ख़ास मतलब नहीं है क्योंकि हर साल किसी ना किसी फ़ॉर्मेट का विश्व कप होता है और हर साल खुद को एक बढ़िया खिलाड़ी सिद्ध करने के लिए आपके पास अनेक मौक़े होते हैं। हसन अली, क्रिस जॉर्डन, हम सबों की निगाह आप पर है। आप दोनों एक बार फिर से अपने लय में आएं, जी तोड़ मेहनत करें और एक बार फिर से बढ़िया क्रिकेट खेलें। टी20 क्रिकेट में सफलता या असफलता को प्राप्त करने के लिए या उसे इन्जॉय करने के लिए, किसी भी खिलाड़ी के पास ज़्यादा समय नहीं होता है।
मौज़ूदा विश्व कप में जीत प्राप्त करने वाली टीम और टॉस वाले सिक्के का गहरा रिस्ता रहा है। ज़्यादातर समय जिस टीम पर सिक्का मेहरबान हुआ है, जीत उसी की झोली में गिरी है। क्या फ़ाइनल में भी कुछ ऐसा ही होने वाला है?
अगर इस बात को समान रूप से मेल खाने वाली टीमों तक सीमित रखें और शारजाह को बाहर कर दें तो सुपर 12 में खेले गए 14 मैचों में से केवल एक ही बार पहले बल्लेबाज़ी करने वाली टीम अपने स्कोर का बचाव करने मे सफल रही है। यदि ऑस्ट्रेलिया की टीम में अतिरिक्त बल्लेबाजी की गहराई है, तो न्यूजीलैंड के पास बेहतर गेंदबाजी आक्रमण है, जो टूर्नामेंट में सबसे किफ़ायती रही है। आमतौर पर बल्लेबाज़ी में गहराई रखने वाली टी20 बढ़िया काउटर अटैक करती है। लेकिन यह सबसे कम स्कोरिंग वाला टी 20 विश्व कप रहा है, जो मज़बूत गेंदबाज़ी वाली टीमों को काफ़ी मौक़ा देता है।
पिछला प्रदर्शन
ऑस्ट्रेलिया जीत,जीत,जीत, हार, जीत
न्यूज़ीलैंड जीत,जीत,जीत,जीत,जीत
चर्चा में
दोनों टीमों के सभी खिलाड़ियों को ध्यान से देखिए और उसमें से उन खिलड़ियों का तलाशिए जो सवर्कालिक बेस्ट टी20 टीम जगह बनाने के क़ाबिल हो। लैंगर सहित कई ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के लिए यह साल निश्चित रूप से अच्छा नहीं रहा है। इन खिलाड़ियों के लिस्ट में तो डेविड वॉर्नर का नाम अनिवार्य रूप से शामिल होगा। वॉर्नर ने पहले भारत के ख़िलाफ़ खेले गए घरेलू श्रृंखला में वापसी की और जो कुछ ख़ास नहीं था और उस सीरीज़ में उनकी टीम को हार भी मिली थी। आईपीएल में भी यह साल उनके आईपीएल करियर के सबसे ख़राब सीज़न में से एक था। इस विश्व कप में एक बल्लेबाज़ के रूम में बेहतरीन वापसी की है और 148.42 की स्ट्राइक रेट से 236 रन बनाया है। अगर वॉर्नर एक और शानदार पारी खेल लेते हैं तो यह विश्व कप उनके लिए और वॉर्नर अपनी टीम के लिए काफ़ी ख़ास हो सकते हैं। उनका एक प्रदर्शन सर्वकालिक बेस्ट टी20 टीम में वॉर्नर को जगह दिलवा सकता है।
टीम साउदी ने प्रत्येक मैच में कम से कम एक विकेट लिया है और उन्होंने केवल 5.75 रन प्रति ओवर की दर से रन खर्च किए हैं। उनके 24 में से 14 ओवर पावरप्ले में और पांच ओवर डेथ पर फेंके गए। साउदी एक ऐसे गेंदबाज़ हैं जिसे अपनी टीम के पिछले विश्व कप में पहली एकादश में खेलने का मौक़ा भी नहीं मिला था। साउदी के लिए इस विश्व कप का सफर किसी सपने से कम नहीं रहा है और उन्हें फ़ाइनल में एक शानदार प्रदर्शन के साथ अपने सफर को एक शानदार अंज़ाम देने का प्रयास करना चाहिए।
टीम न्यूज़
ऑस्ट्रेलिया के पास अपनी टीम में बदलाव करने का कोई कारण उपलब्ध नहीं है। बल्लेबाज़ी में गहराई, मार्श, मैक्सवेल और स्टोयनिस के रूप में तीन अतिरिक्त गेंदबाज़ और फिर सातवें नंबर पर मैथ्य वेड। कुल मिला कर टीम अभी काफ़ी संतुलित है।
ऑस्ट्रेलिया (संभावित): 1 डेविड वॉर्नर 2 ऐरन फ़िंच (कप्तान) 3 मिचेल मार्श 4 स्टीव स्मिथ 5 ग्लेन मैक्सवेल 6 मार्कस स्टॉयनिस 7 मैथ्यू वेड (विकेटकीपर) 8 पैट कमिंस 9 मिशेल स्टार्क 10 ऐडम ज़ैम्पा 11 जॉश हेज़लवुड
डेवन कॉन्वे की उंगली में लगी चोट के बाद टीम साइफ़र्ट उनकी जगह ले सकते हैं।
न्यूज़ीलैंड (संभावित): मार्टिन गप्टिल, डैरिल मिचेल, टीम साइफ़र्ट (विकेटकीपर), केन विलियमसन (कप्तान), ग्लेन फ़िलिप्स, जेम्स नीशम, मिचेल सैंटनर, टिम साउदी, ऐडम मिल्न, ट्रेंट बोल्ट, ईश सोढ़ी
पिच और परिस्थितियां
दोनों टीमों को इस बार नई पिच मिलनी चाहिए, जो बल्लेबाज़ी के लिए अच्छी हो। भले ही सेमीफ़ाइनल के दौरान ज़्यादा ओस नहीं थी, लेकिन लक्ष्य का पीछा करना अभी भी एक पसंदीदा विकल्प होना चाहिए।
सिद्धार्थ मोंगा ESPNcricinfo के अस्सिटेंट एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर राजन राज ने किया है।