बड़ी पारियां, एक के बाद एक छूटते कैच, अद्भुत कैच, क़रीबी रन आउट के मौक़े, एक बार फिर नो-बॉल ड्रामा और सबसे अहम रिकॉर्ड चेज़। ये सब देखने को मिला रविवार को मकाय में खेले गए भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीसरे महिला वनडे में, जहां भारत ने मेज़बान टीम को रोमांचक मुक़ाबले में दो विकेट से हराया। इस जीत के साथ ही भारत ने ऑस्ट्रेलिया के चले आ रहे लगातार 26 वनडे मैचों में जीत के वर्ल्ड रिकॉर्ड सिलसिले पर विराम लगा दिया। एक समय आसान जीत की तरफ़ बढ़ रही भारतीय टीम ने इस मैच में भी मेज़बान टीम को कई मौक़े दे दिए थे, लेकिन आख़िरी लम्हों में दीप्ति शर्मा, स्नेह राणा और फिर विनिंग शॉट लगाने वाली झूलन गोस्वामी ने धैर्य के साथ टीम को ऐतिहासिक जीत दिलाई। भारतीय महिला वनडे टीम के इतिहास का ये सबसे बड़ा रन-चेज़ है, साथ ही किसी भी टीम का ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ ये दूसरा सर्वश्रेष्ठ चेज़ है।
इससे पहले ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी का फ़ैसला किया था, भारतीय दिग्गज तेज़ गेंदबाज़ झूलन गोस्वामी ने एक ओवर में दो विकेट चटकाते हुए ऑस्ट्रेलिया को शुरुआती झटके दिए थे। एक समय 87 रनों पर ऑस्ट्रेलिया अपने चार प्रमुख खिलाड़ियों को गंवा चुका था, लेकिन यहां से एक बार फिर बेथ मूनी ने अर्धशतकीय पारी खेलते हुए टीम को संकट से उबारा। हालांकि इसमें उनकी मदद भारतीय खिलाड़ियों ने भी की, जब उनको दो-दो जीवनदान दिए। मूनी का बेहतरीन साथ दिया ऐश्ली गार्डनर ने जिन्होंने अपने वनडे करियर का सर्वश्रेष्ठ स्कोर बनाया। भारत ने इस पारी में कुल पांच कैच छोड़े, जिसका फ़ायदा उठाते हुए मेज़बान टीम ने 264/9 रन बनाए।
265 रनों का पीछा करते हुए शेफ़ाली वर्मा और स्मृति मांधना ने बेहतरीन आग़ाज़ दिलाया और नौवें ओवर में ही टीम का स्कोर 50 के पार पहुंचा दिया था। 11वें ओवर में 22 रन बनाकर मांधना तो आउट हो गईं थीं, लेकिन इसके बाद नंबर-3 पर बल्लेबाज़ी करने आईं युवा यास्तिका भाटिया ने शेफ़ाली का लाजवाब साथ दिया। दोनों के बीच दूसरे विकेट के लिए 101 रनों की साझेदारी हूई, दोनों ने ही अपने अपने वनडे करियर का पहला अर्धशतक भी जड़ा।
इस साझेदारी को सोफ़ी मोलिन्यू ने तोड़ा और फिर भारतीय पारी लड़खड़ा गई, 160/1 से भारतीय टीम 192/5 पर जा पहुंची। कुछ ही देर बाद भारतीय कप्तान मिताली राज के तौर पर टीम इंडिया को छठा झटका लग गया और स्कोर 208 रन था। यहां से भारत की जीत मुश्किल दिखने लगी थी, लेकिन दीप्ति शर्मा और स्नेह राणा के बीच 33 रनों की साझेदारी ने मैच में भारत को बनाए रखा। 30 गेंदों पर 31 रन बनाकर दीप्ति आउट हो गईं और स्नेह राणा पर अब भारत को जीत की मंज़िल तक पहुंचाने की ज़िम्मेदारी थी। इसे बख़ूबी अंजाम देते हुए वह 48वें ओवर में तीन गेंदों पर तीन चौके लगाकर भारत को जीत के क़रीब ले आईं थी। लेकिन 30 रनों पर उनका अद्भुत कैच सब्स्टिट्यूट खिलाड़ी हैना डार्लिंग्टन ने पकड़ा और एक बार फिर मैच ऑस्ट्रेलिया की ओर घूमता नज़र आया।
आख़िरी लम्हों में अनुभवी झूलन ने धैर्य के साथ काम लिया और गेंद से तीन विकेट झटकने के बाद अब बल्ले से भी टीम इंडिया को ऐतिहासिक जीत दिला दी। इस मल्टी-फ़ॉर्मैट सीरीज़ में भारत की ये पहली जीत है, वनडे के बाद अब गुरुवार से दोनों टीमों के बीच पहला पिंक बॉल टेस्ट खेला जाएगा और उसके बाद तीन टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में दोनों टीमें आमने-सामने होंगी। फ़िलहाल इस सीरीज़ में 4-2 से मेज़बान टीम आगे है, लेकिन टेस्ट मैच में जो टीम बाज़ी मारेगी उसे चार अंक मिलेंगे यानी भारत के पास जहां बढ़त बनाने का मौक़ा होगा तो मेज़बान टीम सीरीज़ पर अजेय बढ़त लेना चाहेगी।