न्यूज़ीलैंड 129/0 (यंग 75*, लेथम 50*) भारत 345 (श्रेयस 105, शुभमन 52, जाडेजा 50, साउदी 5-69, जेमीसन 3-91) से 216 रन पीछे
पहले दिन पिछड़ रही न्यूज़ीलैंड को
टिम साउदी ने एक बेहतरीन स्पेल करके मैच में वापस ला दिया, तो
विल यंग और
टॉम लेथम ने नाबाद शतकीय साझेदारी कर उन्हें मैच में आगे कर दिया।
लंच के तुरंत बाद 345 रन पर ऑल आउट होने के बाद भारत ने 57 ओवर की गेंदबाज़ी में हर एंगल से विकेट लेने की कोशिश की, लेकिन उनके पांचों गेंदबाज़ न्यूज़ीलैंड की सलामी जोड़ी को तोड़ नहीं सके। हालांकि गेंद कभी-कभी ग्रिप कर रही थी और नीचे भी रह रही थी, लेकिन पिच इतनी धीमी थी कि बल्लेबाज़ों को टिकने में मदद मिली।
हालांकि भारत के पांच सदस्यीय गेंदबाज़ी आक्रमण ने पूरे नियंत्रण के साथ गेंदबाज़ी की और चाय के बाद 31 ओवरों में केवल 57 रन दिए। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि रन बनाने की दर को नीचे रखा जाए ताकि दिन की समाप्ति तक स्कोरबोर्ड पर न्यूज़ीलैंड के 200 से कम रन रहे।
यंग और लेथम संघर्ष करने के ही इरादे से उतरे थे। उन्होंने गेंद को ख़ुद तक आने दिया और देर से स्ट्रोक खेले। इस दौरान ख़राब गेंद मिलने पर उन्होंने एक भी बार रन बनाने का मौक़ा नहीं गवांया। स्पिनरों के ख़िलाफ लेथम ने ख़ासकर स्वीप करने की रणनीति अपनाई। ऑफ़ स्टंप की बाहर की फ़ुल गेंदों पर स्वीप करने से उन्होंने ख़ूब रन बंटोरे और इससे पगबाधा आउट होने का ख़तरा भी नहीं था।
वहीं यंग ने स्पिनरों पर बेधड़क ड्राइव लगाई और चायकाल के पहले ही अपना अर्धशतक पूरा कर लिया। हालांकि अंतिम सत्र में आर अश्विन, रवींद्र जाडेजा और अक्षर पटेल की कसी हुई गेंदबाज़ी के सामने वह रनों के लिए जूझते भी दिखे। जैसे-जैसे दिन ख़त्म होने के क़रीब आ रहा था, वैसे-वैसे ही स्पिनर बल्लेबाज़ों को अधिक छका रहे थे।
दिन समाप्त होने से एक ओवर पहले अश्विन की गेंद पर अंपायर ने लेथम को विकेट के पीछे कैच आउट भी करार दिया, लेकिन रिव्यू से पता चला कि गेंद ने बल्ले का बाहरी किनारा नहीं लिया था। यह तीसरी बार था जब लेथम रिव्यू की वज़ह से पवेलियन जाने से बचे। इससे पहले उन्हें दो बार बल्ले का अंदरूनी किनारा लगने के बावजूद पगबाधा आउट भी करार दिया गया था।
वहीं इससे पहले, दिन का पहला सत्र पूरी तरह से साउदी के नाम रहा। पहले दिन उनके ग्रोइन में ख़िचाव आ गया था, जिसके कारण वह अपना ओवर ख़त्म होने से पहले ही मैदान से बाहर चले गए थे, लेकिन मैच के दूसरे दिन वह पूरी तरह से फ़िट होकर मैदान में उतरे और बेहतरीन गेंदबाज़ी का प्रदर्शन किया। उन्होंने सुबह के सत्र में बिना रूके लगातार 11 ओवर किए और चार विकेट लिए। पहल दिन का एक विकेट मिलाकर यह टेस्ट क्रिकेट में उनका 13वीं बार पांच विकेट का रिकॉर्ड था, जबकि भारत में वह यह कारनामा अब दो बार कर चुके हैं।
भारत ने दिन की शुरुआत चार विकेट पर 258 रन से की थी, लेकिन वे इसमें सिर्फ़ 87 रन ही जोड़ सके। हालांकि श्रेयस अय्यर ने अपने डेब्यू मैच में शतक जड़ा और ऐसा करने वाले वह 16वें भारतीय क्रिकेटर बने। अश्विन ने भी नंबर आठ पर आते हुए 38 रन बनाए। लंच के बाद पहली बार स्पिनर गेम में आए और एजाज़ पटेल ने अश्विन और इशांत शर्मा को आउट कर भारत की पारी को समाप्त कर दिया।
कार्तिक कृष्णस्वामी ESPNcricinfo के सीनियर सब एडिटर हैं, अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के दया सागर ने किया है