इस बार के
TNPL सीज़न के दौरान 37 वर्षीय
आर अश्विन कमाल की बल्लेबाज़ी कर रहे हैं। यह साफ़ प्रतीत हो रहा है कि एक बल्लेबाज़ के रूप में उन्होंने अपनी क्षमताओं का विस्तार किया है। IPL के दौरान हालिया वर्षों में राजस्थान रॉयल्स अक्सर उन्हें पिंच-हिटर या पिंच-एंकर के रूप में इस्तेमाल करते रहे हैं। इसका सबसे बड़ा कारण यह रहा है कि अश्विन आसानी सी ज़मीनी शॉट खेलने में सक्षम हैं।
इस TNPL सीज़न के दौरान अश्विन ने अपनी बल्लेबाज़ी में और कई चीज़ें जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। वह स्वीप और रिवर्स स्वीप का प्रयोग कर रहे हैं, ताकि वह स्क्वेयर ऑफ़ द विकेट रन बना सकें।
शुक्रवार को चेपॉक में खेले गए
क्वालीफ़ायर 2 में आईड्रीम तिरुप्पुर तमिज़ंस के ख़िलाफ़, अश्विन ने बाएं हाथ के फिंगर स्पिनर आर साई किशोर और एस अजीत राम को कई रिवर्स स्वीप शॉट लगाए और गेंदबाज़ों की पूरी रणनीति को तहस-नहस कर दिया। अश्विन विशेष रूप से साई किशोर पर कहर बनकर बरपे। उन्होंने साई किशोर के नौ गेंदों पर 28 रन बनाए, जो 300 से अधिक की स्ट्राइक रेट है। कुल मिलाकर अश्विन ने इस TNPL में आठ पारियों में 166.66 की स्ट्राइक रेट से 200 रन बनाए हैं, जिसमें से पांच पारियां शीर्ष क्रम या नंबर 3 पर आई है।
चेन्नई में लाइका कोवई किंग्स के ख़िलाफ़ TNPL
फ़ाइनल की पूर्व संध्या पर अश्विन ने कहा, "हर चीज़ एक प्रक्रिया के तहत होती है। आप शाहरुख़ ख़ान से भी पूछ सकते हैं। वह पावर-हिटिंग कैसे करता है... आप गेंद को ऑफ़ साइड और लेग साइड में कैसे मारते हैं। यह सब इस बात से जुड़ी है कि किसी चीज़ को आप कितनी बार दोहराते हैं। मैदान पर मौज़ूद एंगल्स को कैसे समझते हैं।
"पिछले IPL के दौरान मुझे लगा कि मुझे अपने खेल के दायरो को बढ़ाने की ज़रूरत है। स्क्वेयर ऑफ़ द विकेट रन बनाने में और अधिक सक्षम होने की ज़रूरत है, क्योंकि मुझे पता है कि मैं ज़मीनी शॉट मार सकता हूं। साथ ही मैं अपने पैरों का उपयोग कर सकता हूं। क्या मैं अन्य विकल्पों को भी तलाशना चाहता हूं? यह एक ऐसा सवाल था जो मुझे खु़द से पूछना पड़ा। इसलिए अगर मैं अगर ख़ुद से यह सवाल पूछ सकता हूं और अगर मुझे इसका जवाब मिल सकता है, तो यह मुझे एक नया रास्ता तलाशने और खेल में खु़द की दिलचस्पी को आगे बढ़ाने का मौक़ा देता है।"
डिंडीगुल ड्रैगंस के युवा बाएं हाथ के स्पिनर पी विग्नेश इस साल की शुरुआत में भारत के अंडर-19 विश्व कप टीम में जगह नहीं बना सके थे, लेकिन इस TNPL में उनकी सटीकता और नियंत्रण काफ़ी प्रभावशाली रहा है। क्वालीफ़ायर 2 में तिरुप्पुर के ख़िलाफ़ उन्होंने 3 विकेट लेकर 8 रन दिए और प्लेयर ऑफ़ द मैच का पुरस्कार जीता। विग्नेश की तरह तिरुप्पुर के ऑफ़ स्पिन ऑलराउंडर मोहम्मद अली को भी भारत की अंडर-19 विश्व कप टीम से बाहर कर दिया गया था लेकिन उन्होंने TNPL में अपनी छाप छोड़ी है। अश्विन ने अगली पीढ़ी के क्रिकेटरों से असफलताओं को स्वीकार करने और अपने कौशल में लगातार सुधार करने का आग्रह किया है।
अश्विन ने कहा, "देखिए, सबसे पहले तो मुझे लगता है कि अंडर-19 टीम से बाहर होना दुनिया का अंत नहीं है। यह देखते हुए कि हमारी अगली पीढ़ी कितनी नाजुक विचारों के साथ चल सकती है, मैं उनसे यह आग्रह करता हूं कि वह बस इस खेल को अपने जीवन के एक छोटे से हिस्से के रूप में देखें।
"असफलता और सफलता बहुत ही सामान्य चीज़ें हैं और लोग केवल असफलताओं के माध्यम से बेहतर बनते हैं। मैं पी विग्नेश को जानता हूं, वह भारतीय टीम के नेट्स पर आ रहा है और मुझे लगता है कि वह हर दिन अपने खेल में सुधार कर रहा है। इस तरह के टूर्नामेंट इन लड़कों को अपने खेल को व्यक्त करने और विस्तार करने का अवसर देते हैं। मैं वास्तव में उम्मीद करता हूं कि वे लगातार अपनी क्षमताओं को विस्तारित करने के लिए तैयार हैं और उन सवालों के जवाब खोजने के लिए तैयार हैं, जो आने वाले समय में उनसे पूछे जाएंगे।"
शाहरूख़: GT में मुझे स्पिन के ख़िलाफ़ बेहतर होने में मदद मिली
शाहरुख को अक्सर स्पिन के ख़िलाफ़ संघर्ष करना पड़ता था। खासकर अपनी पारी की शुरुआत में वह काफ़ी संघर्ष करते थे। लेकिन हाल ही में उन्होंने इस तरह की गेंदबाज़ी के ख़िलाफ़ फ़ॉरवर्ड प्रेश लगाकर इस पर काबू पा लिया है। शाहरुख ने कहा कि गुजरात टाइटंस के टीम प्रबंधन द्वारा सुझाए गए तकनीकी बदलाव ने उन्हें स्पिन का सामना करने में मदद की है।
शाहरुख ने कहा, "जब मैं गुजरात टाइटंस के साथ था, तो वहां लगभग दो महीने का कैंप था । इसलिए मैंने अपने स्पिन के खेल पर बहुत काम करना शुरू कर दिया क्योंकि वे चाहते थे कि मैं बल्लेबाज़ी क्रम में ऊपर आऊं,और जब आप बल्लेबाज़ी क्रम में ऊपर आते हैं, तो जाहिर तौर पर मेरे जैसे बल्लेबाज़ के लिए, स्पिन गेंदबाज़ों को लाया जाता है। इसलिए उनकी भूमिका मेरे स्पिन खेल को बेहतर बनाने में मदद करना थी और यह वास्तव में मददगार साबित हुई। जो फ्रंट प्रेश मैं [TNPL में] कर रहा हूं, वह अब काफ़ी स्पष्ट है और इससे मुझे बैकफ़ुट और फ्रंटफ़ुट पर बनाने में मदद मिली है।"
IPL में तेज़ गेंदबाज़ी के ख़िलाफ़ शाहरुख की कुल स्ट्राइक रेट 161.11 है, यह स्पिन के ख़िलाफ़ 112 की हो जाती है। लेकिन IPL 2024 में उन्होंने स्पिन के ख़िलाफ़ अपनी स्ट्राइक रेट को 168.75 तक बढ़ा दिया। इस TNPL के लीग चरण में शाहरुख ने मिस्ट्री स्पिनर वरुण चक्रवर्ती और बाएं हाथ के स्पिनर विग्नेश का सामना करते हुए 25 गेंदों में नाबाद 51 रन बनाए।