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एशिया कप फ़ाइनल : क्या होगी दोनों टीमों की रणनीति?

जहां श्रीलंका की ताक़त उनके सलामी बल्लेबाज़ हैं, वहीं पाकिस्तान के लिए शादाब ख़ान तुरूप का इक्का साबित हो सकते हैं

रविवार को एशिया कप के फ़ाइनल में पाकिस्तान और श्रीलंका आपस में भिड़ेंगे। टूर्नामेंट से पहले भारत को फ़ेवरिट माना जा रहा था और किसी ने इस फ़ाइनल की कल्पना भी नहीं की थी। इससे पहले 2014 में दोनों टीमों के बीच एशिया कप फ़ाइनल हुआ था और श्रीलंका ने पाकिस्तान को हराकर ख़िताब जीता था।
भले ही सुपर 4 मुक़ाबले में श्रीलंका ने पाकिस्तान को हराया है लेकिन फ़ाइनल के लिए कुछ भी भविष्यवाणी करना कठिन है। श्रीलंका को उनके सलामी बल्लेबाज़ों ने शानदार शुरुआत दिलाई है, वहीं पाकिस्तान ने अपने मध्य और निचले क्रम की मदद से कुछ रोमांचक मुक़ाबले जीते हैं। हालांकि दोनों टीमों के पास कुछ चिंताएं भी हैं। देखते हैं क्या रह सकती है दोनों टीमों की रणनीति?
टॉस जीतो, मैच जीतो
पिछले साल यूएई में हुए टी20 विश्व कप की तरह इस टूर्नामेंट में भी टॉस की अहम भूमिका रही है। 2021 की शुरुआत से दुबई में 21 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेले जा चुके हैं, जिसमें से सिर्फ़ तीन में ही पहले बल्लेबाज़ी करने वाली टीम को जीत मिली है। ये तीन मैच भी स्कॉटलैंड, हॉन्ग-कॉन्ग और अफ़ग़ानिस्तान के ख़िलाफ़ थे और सामने कोई मज़बूत टीम खड़ी थी। इन 21 मौक़ों पर सिर्फ़ एक ही बार टॉस जीतने वाली टीम ने पहले बल्लेबाज़ी चुनी थी।
अगर आप दुबई में पहले बल्लेबाज़ी करके जीतना चाहते हैं तो आपको कम से कम 185 रन बनाने होंगे, ये हम नहीं वहां के औसतन आंकड़े कह रहे हैं। एक और चीज़ पहले बल्लेबाज़ी करने वाली टीम कर सकती है- शुरुआत में विकेट हाथ में रखें और फिर अंत में पारी को गति दें।
स्पिन के विरूद्ध क्या रहे रणनीति?
आश्चर्यजनक रूप से इस टूर्नामेंट में श्रीलंका और पाकिस्तान दोनों टीमों के बल्लेबाज़ों ने स्पिनरों के ख़िलाफ़ कम रन बनाए हैं। मोहम्मद रिज़वान और मोहम्मद नवाज़ को छोड़ दिया जाए तो अधिकतर पाकिस्तानी बल्लेबाजों का इस टूर्नामेंट में स्पिन के ख़िलाफ़ स्ट्राइक रेट 100 से कम रहा है। श्रीलंका, पाकिस्तानी बल्लेबाज़ों की इस कमज़ोरी का फ़ायदा उठाना चाहेगी। वहीं पाकिस्तानी टीम स्पिनरों को देखते हुए शादाब ख़ान और नवाज़ को ऊपर भेज सकती है। इसके अलावा उनका ध्यान मैच-अप्स पर भी होगा।
श्रीलंका की तरफ़ से कुसल मेंडिस ने स्पिनरों पर 46 गेंदों में 186.9 के स्ट्राइक रेट 86 रन बनाए हैं, जिसमें आठ छक्के भी शामिल हैं। वहीं चरिथ असलंका, पथुम निसंका और दसुन शानका जैसे बल्लेबाज़ स्पिनरों के ख़िलाफ़ संघर्ष करते नज़र आए हैं। अगर कुसल मेंडिस जल्द ही आउट हो जाते हैं तो पाकिस्तान स्पिनरों से अतिरिक्त गेंदबाज़ी करा सकता है। आंकडों की माने तो शादाब इस मैच में गेंद और बल्ले से सबसे प्रमुख खिलाड़ी हो सकते हैं।
हसरंगा की चुनौती
वनिंदु हसरंगा ने पाकिस्तान के ख़िलाफ़ सुपर 4 मैच में 21 रन देकर तीन विकेट लिए थे और उन्हें प्लेयर ऑफ़ द मैच भी दिया गया था। उन्होंने बाबर आज़म, इफ़्तिख़ार अहमद और आसिफ़ अली का विकेट लिया था। हसरंगा ने पाकिस्तान के ख़िलाफ़ टी20 मुक़ाबलों में अब तक 16 ओवरों में सिर्फ़ 6.25 की इकॉनमी से रन दिए हैं और सिर्फ़ 9.09 की औसत से 11 विकेट हासिल किए हैं।
हसरंगा का एक प्रमुख हथियार गुगली है और पाकिस्तान का रिकॉर्ड गुगली के विरूद्ध इस टूर्नामेंट में कुछ ख़ास अच्छा नहीं रहा है। पाकिस्तानी बल्लेबाज़ों ने 63 गुगली गेंदों में सिर्फ़ 72 रन बनाए हैं, जबकि चार बार विकेट भी गंवाया है। हसरंगा ने एशिया कप में अब तक जो छह विकेट लिए हैं, वह सिर्फ़ दाएं हाथ के बल्लेबाज़ों के हैं। तो पाकिस्तान को अगर हसरंगा को बेहतर ढंग से खेलना है तो उनके सामने बाएं हाथ के बल्लेबाज़ों को रखना होगा।
श्रीलंका सलामी बल्लेबाज़ों के ख़िलाफ़ रणनीति?
एशिया कप से पहले श्रीलंका के लिए सलामी बल्लेबाज़ी एक चिंता की विषय थी। श्रीलंका ने इस टूर्नामेंट में निसंका के साथ दनुष्का गुनातिलका की जगह मेंडिस को ओपन करने के लिए भेजा और उनका यह दांव चल भी गया। अफ़ग़ानिस्तान के ख़िलाफ़ पहले मैच तो छोड़ दें तो निसंका और मेंडिंस ने 41.6 के औसत से चार अर्धशतकों की मदद से 143 रन बनाए हैं।
जहां मेंडिस स्पिनरों को बेहतर खेल लेते हैं, वहीं निसंका को तेज़ गेंदबाज़ी भाता है। पावरप्ले में वे 127.7 की औसत से रन बनाते हैं, जिसमें हर 5.5 गेंद पर एक चौका होता है। अगर पाकिस्तान को इस फ़ाइनल में अपना दबदबा रखना है तो उन्हें दोनों सलामी बल्लेबाज़ों को जल्द आउट करना होगा।

गौरव सुंदरारमन ESPNcricinfo में वरिष्ठ सांख्यिकी विश्लेषक हैं