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आंकड़े झूठ नहीं बोलते : स्पिन के ख़िलाफ़ ख़ामोश हो जाते हैं कोहली

हॉन्ग कॉन्ग के विरुद्ध एशिया कप मुक़ाबले से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण आंकड़ों पर एक नज़र

Virat Kohli was unable to break out of his rut, India vs Pakistan, Asia Cup, Dubai, August 28, 2022

पाकिस्तान के विरुद्ध भी कोहली स्पिन का शिकार बने थे  •  AFP/Getty Images

पहले मैच में पाकिस्तान को हराकर भारत ने एशिया कप 2022 के सुपर 4 चरण में एक क़दम रख दिया है। अब रोहित शर्मा की टीम बुधवार को हॉन्ग कॉन्ग पर जीत दर्ज कर अगले चरण में जाना चाहेगी। इसके अलावा यह मुक़ाबला इसलिए भी महत्वपूर्ण होगा क्योंकि टी20 अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पहली बार यह दोनों टीमें आमने-सामने होगी। हॉन्ग कॉन्ग ने एशिया कप के क्वालिफ़ायर में तीनों मैच जीतकर मुख्य दौर में प्रवेश किया है और यह टीम उलटफेर करने के इरादे से मैदान पर उतरेगी। ग्रुप ए के इस मुक़ाबले से पहले आइए नज़र डालते हैं कुछ मज़ेदार एवं महत्वपूर्ण आंकड़ों पर।
जीत का मंत्र
क्रिकेट के खेल में कुछ भी अनुमान लगाना सही नहीं है। हालांकि दुबई अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में जीत का मंत्र साफ़ दिखाई दे रहा है। साल 2021 की शुरुआत से इस मैदान पर कुल 15 टी20 अंतर्राष्ट्रीय मुक़ाबले खेले गए हैं जिसमें से 14 में जीत लक्ष्य का पीछा करने वाली टीम को मिली है। साथ ही एशिया कप के मैच स्थानीय समयानुसार शाम छह बजे से शुरू हो रहे है जिससे पहले गेंदबाज़ी करने वाली टीम को शुरुआत में स्विंग मिलती है और ओस का ज़्यादा फ़र्क़ नहीं पड़ता है। एशिया कप के अब तक के दो मैचों में यहां तेज़ गेंदबाज़ों ने इसी मदद का लाभ उठाते हुए 16 विकेट अपने नाम किए हैं। यही सभी कारणों को ध्यान में रखते हुए इतना तो साफ़ है कि दुबई में टॉस जीतो और पहले गेंदबाज़ी करने का निर्णय लो।
कोहली का 'स्पिन' संघर्ष
वैसे तो विराट कोहली ने इस साल केवल पांच टी20 अंतर्राष्ट्रीय मुक़ाबले खेले हैं, उनके बल्लेबाज़ी में एक बड़ी समस्या साफ़ नज़र आई है। दरअसल कोहली को तेज़ गति से रन बनाने में परेशानी हो रही है और विशेषकर स्पिनरों के विरुद्ध। उनके आंकड़े बताते हैं कि कोहली ने पिछले साल की शुरुआत से आईपीएल और भारत के लिए खेलते हुए सभी प्रकार के स्पिनरों के विरुद्ध संघर्ष किया है। 33 पारियों में वह स्पिन के विरुद्ध 13 बार आउट हुए हैं। चिंता की बात यह है कि स्पिन गेंदबाज़ी के विरुद्ध उनकी औसत 26.2 की रही है और वह आसानी से बाउंड्री नहीं लगा पा रहे हैं। साल 2021 की शुरुआत से कोहली टी20 क्रिकेट में औसतन 13.3 गेंदों पर एक बाउंड्री लगा रहे हैं।
इस दौरान कोहली ने स्पिन के ख़िलाफ़ 98 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं जो टी20 क्रिकेट में स्पिन के विरुद्ध कम से कम 300 रन बनाने वाले सभी बल्लेबाज़ों में चौथा सबसे ख़राब स्ट्राइक रेट है।
भुवनेश्वर 'विकेट टेकर' कुमार
पिछले साल के टी20 विश्व कप में सेमीफ़ाइनल से पहले ही बाहर होने के बाद भारतीय टीम पावरप्ले में शानदार प्रदर्शन करती आई है। विश्व कप के बाद खेले गए 24 मैचों में टीम ने पहले छह ओवरों में 45 विकेट लिए हैं और इसका बड़ा श्रेय जाता है भुवनेश्वर कुमार को। एक समय पर लगातार चोटों से जूझ रहे भुवनेश्वर ने इस साल 24 विकेट अपने नाम किए हैं। अपने अधिकतर ओवर पावरप्ले में डालते हुए भुवनेश्वर ने विकेट लेने के साथ-साथ रनों पर भी अंकुश लगाया है। साल 2022 में पावरप्ले में सर्वाधिक विकेट (13) भुवनेश्वर ने ही निकाले हैं।
कप्तान का धमाकेदार फ़ॉर्म
क्वालिफ़ायर में हॉन्ग कॉन्ग इकलौती टीम थी जिसने अपने सभी तीनों मैच जीते। 2018 में जब एशिया कप में इन दोनों टीमों का सामना हुआ था, निज़ाक़त ख़ान ने 92 रनों की पारी खेलकर टीम को जीत के क़रीब ला खड़ा किया था। अब वही निज़ाक़त टीम के कप्तान हैं और शानदार फ़ॉर्म के साथ एशिया कप में आ रहे हैं। 978 रनों के साथ वह हॉन्ग कॉन्ग के सबसे सफल बल्लेबाज़ तो है ही लेकिन 2022 उनके करियर का सर्वश्रेष्ठ साल रहा है। इस साल निज़ाक़त ने आठ मैचों में 31.1 की औसत से 249 रन बनाए हैं और वह भारत के विरुद्ध कप्तानी पारी खेलना चाहेंगे।

अफ़्ज़ल जिवानी (@jiwani_afzal) ESPNcricinfo हिंदी में सब एडिटर हैं।