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रेटिंग्‍स : हार्दिक और भुवनेश्‍वर ने कमाए सबसे ज्‍़यादा अंक

राहुल और कोहली की टीम में वापसी भी बढ़ाती दिखी सिर का दर्द

एक रोमांचक मुक़ाबला जो शायद इन दोनों देशों के प्रशंसकों को पिछले साल टी20 विश्‍व कप में देखने को नहीं मिल सका था। उछाल भरी पिच पर बल्‍लेबाज़ों के लिए दिक़्क़त तो होनी थी, लेकिन इस बार भारत ने टॉस जीता और अपनी मज़बूत गेंदबाज़ी के दम पर पाकिस्‍तान को 147 रनों पर समेटकर एशिया कप में पांच विकेट से जीत के साथ शुरुआत की। भुवनेश्‍वर कुमार ने चार विकेट लिए औरहार्दिक पंड्या ने तीन। इसके बाद भारत के शीर्ष क्रम के जूझने के बाद मध्‍य क्रम ने अहम ज़‍िम्‍मेदारी निभाते हुए जीत दर्ज की। हार्दिक ने गेंदबाज़ी में अहम भूमिका निभाने के बाद नाबाद 33 रन भी बनाए। अपने ऑलराउंड प्रदर्शन की वजह से वह प्‍लेयर ऑफ़ द मैच चुने गए।

क्या सही और क्या ग़लत?


यूएई में दुबई की जिस पिच पर पिछले साल भारतीय टीम जूझती दिख रही थी उसी भारतीय टीम ने गेंदबाज़ी में अलग तरह के तेवर दिखाए। पिच पर स्विंग मौजूद नहीं थी और इसको सभी ने बेहद ही जल्‍द भांप लिया था। यही वजह रही कि सही समय पर भारतीय तेज़ गेंदबाज़ों को विकेट मिलते रहे। वहीं बल्‍लेबाज़ी में हार्दिक की फ़ॉर्म भी किसी लॉटरी से कम नहीं है।
अगर कुछ ग़लत हुआ तो कहा जा सकता है कि शीर्ष क्रम के बल्‍लेबाज़ों ने पाकिस्‍तान की मैच में वापसी करा दी थी। इसके अलावा, नियमित स्‍थान पर सूर्यकुमार कुमार यादव को नहीं भेजना भी सवालों के घेरे में ही रहा। विराट कोहली यही नहीं समझ पा रहे हैं कि वह रन बनाकर खोया सम्‍मान पाएं या टी20 प्रारूप की तरह बल्‍लेबाज़ी करके टीम के लिए अहम योगदान दें। वैसे सूर्यकुमार की जगह रवींद्र जाडेजा बल्‍लेबाज़ी पर आए और उन्‍होंने अहम योगदान भी दिया, लेकिन तब भी ऐसे अचानक से बदलाव करना क्‍या ठीक है।

प्लेयर रेटिंग्स (1 से 10, 10 सर्वाधिक)


केएल राहुल, 4 : चोट से वापसी के बाद जब केएल राहुल ज़‍िम्‍बाब्‍वे में कप्‍तान बनकर गए थे तो उम्‍मीद थी कि वह पहले वनडे में ओपनिंग करेंगे, वह नहीं आए। हालांकि, अगले दो मैचों में वह फ़ेल हो गए थे। एक अहम टूर्नामेंट में उनको चुना गया और अंतिम 11 में जगह बनाना भी तय था, लेकिन जिस तरह से वह आउट हुए उसने ज़‍िम्‍बाब्‍वे दौरे की यादें ताज़ा कर दी। पिछली तीन पारियों में वह दूसरी बार अंदरूनी किनारे पर आउट हुए।
रोहित शर्मा, 6 : अपने गेंदबाज़ों का किस तरह से इस्‍तेमाल करना है यह कप्‍तान रोहित शर्मा अच्‍छी तरह से जानते हैं। जब पता लगा कि पिच पर उछाल है और स्विंग नहीं मिल रही है, तो उन्‍होंने अपने अहम हथियार हार्दिक को गेंद थमाई। वह क़ामयाब भी रहे लेकिन जब बल्‍लेबाज़ी का समय आया तो वह एक ग़लत समय पर ग़लत शॉट खेलकर आउट हुए, जो उनके दर्जे के बल्‍लेबाज़ से कतई मेल नहीं खाता है।
विराट कोहली, 6 : वैसे विराट कोहली तो अपनी पहली ही गेंद पर पवेलियन लौट गए होते, वह तो भला हो कि दूसरी स्लिप ने कैच को टपका दिया। रोहित आक्रामक क्रिकेट की बात करते हैं और कोहली इस मिशन में पहली बार में फ़ेल भी होते दिखे। आयरलैंड में शतक लगाने वाले दीपक हुड्डा पीली जर्सी पहनकर 12वें खिलाड़ी की भूमिका में रहे और कोहली पिच पर लगातार जूझते दिखे। ऐसा कि वह केवल ख़ुद के लिए खेलना चाहते थे, वह अपने शॉटों से समायोजन ही नहीं बैठाना चाहते हैं। अब गेंदबाज़ भी यह समझ चुके हैं तभी तो अब वह चौथे स्‍टंप की बाहर की गेंद पर उनको ललचाने लगे हैं। यह संघर्ष गेंद दर रन की पारी के अंत में तब्‍दील भी हो गया। उन्‍होंने यह अंक अपने द्वारा बनाए गए रनों पर ही कमाए हैं।
रवींद्र जाडेजा, 7 : उम्‍मीद थी कि चौथे नंबर पर सूर्यकुमार आएंगे लेकिन उस समय तो दोनों ही छोर से ऐसे स्पिनर लगे थे जहां पर टीम का अकेला बाएं हाथ का बल्‍लेबाज़ अहम साबित हो सकता था। कोच राहुल द्रविड़ ने यह चाल चली और लगभग क़ामयाब भी हो गए। वह पिच पर टिके रहे, ख़राब गेंद पर लगातार शॉट लगाते रहे। 29 गेंद में 35 रनों की पारी के अलावा गेंदबाज़ी में भी उन्‍होंने दो ओवर में केवल 11 रन दिए।
सूर्यकुमार यादव , 5 : कोहली आउट हुए तो सूर्यकुमार क्रीज़ पर थे। वह बेहतरीन फ़ॉर्म में हैं तो उम्‍मीदें भी उनसे कुछ ज्‍़यादा ही थी। हालांकि, शायद अपने अमूमन क्रम से बाहर निकलना उन्‍हें पसंद नहीं आया। दबाव भारतीय टीम पर था, रन बनाने का ज़ोर था। हालांकि नसीम शाह ने उनको बोल्‍ड करके उनकी उम्‍मीदों पर पानी फेर दिया।
हार्दिक पंड्या, 10 : 2018 एशिया कप की बात है जब हार्दिक को मैदान से बाहर जाना पड़ा था। 2022 में गुजरात टाइटंस को ख़‍िताब दिलाने से पहले ही जब उन्‍हें इस टीम की कप्‍तानी सौंपी गई तो उनके रवैये में एक बहुत बड़ा बदलाव झलका था। टीम तो ख़‍ि‍ताब भी जीती, लेकिन उसके बाद भारतीय टीम के लिए जो हार्दिक कर रहे हैं उसके लिए वह लंबे अर्से से तरस रही थी। पहले तो मोहम्‍मद रिज़वान और इफ़्तिख़ार अहमद की साझेदारी को तोड़ा। अपने अगले ओवर में भारत के लिए मुश्किल खड़ी करते दिख रहे रिज़वान को पवेलियन भेजा और उसी ओवर में ख़ु‍शदिल शाह को भी चलता कर दिया। जब बात बल्‍लेबाज़ी की आई तो वह दोबारा से तैयार थे। 17 गेंद में नाबाद 33 रन, चार चौके और एक छक्‍का, काफ़ी है ना बताने के लिए कि वह क्‍यों केवल प्‍लेयर ऑफ़ द मैच ही नहीं मैच विजेता भी बने।
दिनेश कार्तिक, 6 : कहने को तो मिस्‍टर फ़ीनिशर को केवल एक ही गेंद खेलने को मिली, लेकिन उससे पहले विकेट के पीछे जो उन्‍होंने किया वह काबिले तारीफ़ था। विकेटकीपर के तौर पर तीन कैच, वैसे फ़ख़र ज़मान के कैच का तो उन्‍हें अंदाज़ा भी नहीं हुआ था, लेकिन क्‍या इसके लिए उनके अंक काटना सही होगा।
भुवनेश्‍वर कुमार, 9 : एक समय आया था जब भुवनेश्‍वर रनअप पर जूझ रहे थे, उनकी गेंदबाज़ी में वह धार नहीं दिख रही थी। इसके बाद आयरलैंड और इंग्‍लैंड में जो उन्‍होंने किया वह एशिया कप में जगह बनाने के तो पूरे हक़दार थे। आग़ाज़ भी उन्‍होंने शानदार ही किया है। पहले कुछ ओवरों में जब उन्‍होंने भांपा कि इस पिच पर स्विंग मौजूद नहीं है तो वह बाउंसर पर आकर खिले। बाबर आज़म का विकेट यही तो दिखाता है। इसके बाद अपनी विविधताओं के साथ उन्‍होंने अगले तीन विकेट उनकी गेंद के साथ कारीगरी का ही हिस्‍सा हैं।
युज़वेंद्र चहल, 6 : युज़वेंद्र चहल को विकेट तो नहीं मिल सका, लेकिन यह अंक उन्‍होंने अपने दिमाग़ से की गेंदबाज़ी की वजह से कमाए हैं। जब लगा कि इस पिच पर तेज़ गति से गेंद करना मुश्किल साबित होगा तो उन्‍होंने तुरंत अपनी गति में बदलाव किए। बल्‍लेबाज़ स्‍वीप और स्‍लॉग स्‍वीप लगाने भी गए लेकिन उनकी धीमी गेंद बल्‍ले के बीचों बीच नहीं टकरा सकी।
आवेश ख़ान, 7 : 2017 चैंपियंस ट्रॉफ़ी के फ़ाइनल में फ़ख़र ने क्‍या किया था वह सभी जानते हैं। उस लिहाज़ से आवेश के ख़ाते में ज़मान का विकेट आना एक बड़ी उपलब्धि की ही तो तरह है। बाबर पवेलियन में थे और दूसरे छोर पर रिज़वान खूंटा गाडे़ हुए थे, ऐसे समय पर उनकी मौजूदगी अहम थी और केवल दो ओवर कर पाए आवेश ने अपना काम कर दिया था।
अर्शदीप सिंह, 8 : अर्शदीप सिंह तो डेथ ओवर स्‍पेशलिस्‍ट हो ही चुके हैं। इस उम्र में जब खिलाड़ी पाकिस्‍तान के साथ बडे़ मुक़ाबले से पहले सहम जाते हैं, अर्शदीप ने इसका उलट ही किया। भले ही दोनों टीमों के बीच पैदा हुए माहौल ने अंतर पैदा किया है लेकिन भारत बनाम पाकिस्‍तान तो किसी के भी रोंगटे खड़े कर सकता है। हालांकि, अर्शदीप ने दिखाया कि उन्‍हें इससे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता है। पहले मोहम्‍मद नवाज़ का विकेट और अंत में शाहनवाज़ दहानी का विकेट बताता है कि उन्‍होंने पाकिस्‍तान को 150 रनों के अंदर समेटने में क्‍या योगदान दिया है।

निखिल शर्मा ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर हैं। @nikss26