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एशिया कप और टी20 विश्व कप से पहले भारतीय टीम के सामने कैसी चुनौतियां हैं?

कौन होगा तीसरा स्पिनर? तीसरा तेज़ गेंदबाज़ कौन?

Jemimah Rodrigues made a half-century, India vs South Africa, 1st T20I, Chennai, July 5, 2024

जेमिमाह पर होगी इस बार बड़ी ज़‍िम्‍मेदारी  •  BCCI

बांग्लादेश में टी20 श्रृंखला में जीत और साउथ अफ़्रीका के साथ टी20 श्रृंखला को बराबरी पर समाप्त करने के बीच भारतीय महिला टीम के लिए कई सकारात्मक पहलू रहे हैं। जुलाई के अंत में श्रीलंका में होने वाले एशिया कप और अक्तूबर में बांग्लादेश में होने वाले T20 विश्व कप को ध्यान में रखते हुए हम एक नज़र उन पहलुओं पर डालते हैं जो भारतीय टीम के लिए सकारात्मक हैं और किन सवालों के जवाब भारतीय टीम को अभी तलाशने हैं।

बल्लेबाज़ी की अबूझ पहेली

हाल ही में जेमिमाह रॉड्रिग्स की कमर की चोट के चलते नंबर तीन पर अन्य खिलाड़ियों को खेलने का अवसर मिला है। अन्यथा भारत के लिए जेमिमाह ही नंबर तीन पर स्थाई बल्लेबाज़ थीं।
विमेंस प्रीमियर लीग (WPL) में बेहतरीन प्रदर्शन के बाद दो वर्षों बाद टी20 अंतर्राष्ट्रीय (T20I) टीम में वापसी करने वालीं दयालन हेमलता को बांग्लादेश में नंबर तीन पर प्रमोट किया गया। उन्होंने इस स्थान पर चार मैचों में 141.55 के स्ट्राइक रेट से 109 रन बनाए। हालांकि साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ पहले T20I में दयालन हेमलता 17 गेंदों में 14 रन ही बना पाईं और ऋचा घोष की वापसी की स्थिति में उन्हें प्लेइंग इलेवन से बाहर का रास्ता देखना पड़ा क्योंकि टीम इंडिया ने बल्लेबाज़ी क्रम में पावर हिटर के रूप में एस सजना को खिलाने का फ़ैसला किया।
तीसरे T20I के बाद उपकप्तान स्मृति मांधना ने कहा था कि हेमलता को तीसरे नंबर पर एक सोची समझी रणनीति के तहत खिलाया गया था, जिसका मतलब है कि रॉड्रिग्स को भारतीय टीम पांचवें नंबर पर खिलाएगी और निचले क्रम में उन्होंने प्रभावी बल्लेबाज़ी भी की है, जिसमें साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ 30 गेंदों पर 53 रनों की नाबाद पारी भी शामिल थी।
ऐसी स्थिति में सजना को नंबर तीन पर या बतौर फ़िनिशर बैकअप के तौर पर रखा जा सकता है। हेमलता की तरह ही वह एक मज़बूत बल्‍ले के हैंडल को नीचे से पकड़ने वाली खिलाड़ी हैं और स्पिन पर आक्रमण करने के साथ साथ उनके पास तेज़ी से रन बटोरने की भी क्षमता है। यह दोनों ही टीम के लिए पार्ट टाइम ऑफ़ स्पिनर की भी भूमिका अदा कर सकती हैं।
हालांकि इससे यस्तिका भाटिया को लेकर असमंजस की स्थिति पनप गई है। बांग्लादेश के ख़िलाफ़ पहले T20I में उन्होंने नंबर तीन पर बल्लेबाज़ी करते हुए 29 गेंदों पर 36 रन बनाए थे लेकिन निगल होने के चलते उन्हें पूरी सीरीज़ से बाहर रहना पड़ गया। अभी भाटिया की चोट की गंभीरता का अंदाज़ा नहीं है लेकिन अगर वह वर्ल्ड कप के लिए फ़िट हो जाती हैं, तब ऐसी स्थिति में उन्हें घोष की बैक अप विकेटकीपर के तौर पर टीम में चुना जा सकता है, लेकिन तब भी उनकी प्लेइंग इलेवन में जगह पक्की नहीं होगी। ऐसी स्थिति में मांधना शीर्ष छह में अकेली बाएं हाथ की बल्लेबाज़ बचेंगी।

तीसरा स्पिनर कौन, आशा या श्रेयंका?

बाएं हाथ की स्पिनर राधा यादव के हालिया प्रदर्शन से यह अनुमान लगाना मुश्किल नहीं है कि वह और दीप्ति शर्मा भारतीय टीम की पहली दो पसंदीदा स्पिनरों में से होंगी। उन्होंने बांग्लादेश में वापसी के बाद से ही सभी आठ T20 मैच खेले हैं और इस दौरान उन्होंने 5.86 की इकॉनमी से 16 विकेट चटकाए हैं। चेन्नई में साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ अंतिम T20 में उन्होंने छह रन देकर तीन विकेट चटकाए और उनके इस प्रदर्शन की बदौलत भारतीय टीम श्रृंखला बराबर करने में सफल हो पाई।
राधा के इस प्रदर्शन ने तीसरे स्पिनर के स्थान के लिए आशा शोभना और श्रेयंका पाटिल के लिए प्रतिस्पर्धा की स्थिति बना दी है। पाटिल ने पिछले आठ T20I मैचों में से पांच जबकि आशा ने तीन मैच खेले हैं। साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ खेले दो मैच में पाटिल ने एक मैच में 19 रन देकर एक विकेट लिया जबकि दूसरे मैच में उन्होंने 37 रन देकर एक विकेट लिया। वहीं आशा ने इस सीरीज़ में खेले अपने इकलौते मैच में 39 रन दिए लेकिन उन्हें एक भी विकेट हासिल नहीं हुआ। दो बड़े टूर्नामेंट के लिए भारतीय टीम इन दोनों में से किसी एक चयन कर सकती है कि उसे पाटिल के रूप में बल्लेबाज़ी में गहराई सुनिश्चित करनी है या वो विपक्षी टीम की मज़बूती और कमज़ोरी के हिसाब से एक कलाई के स्पिनर का इस्तेमाल करेगी।

रेड्डी की सफल वापसी

ऑलराउंडर अरुंधति रेड्डी की सफल वापसी ने उन्हें पूजा वस्त्रकर और रेणुका सिंह के बाद तीसरे तेज़ गेंदबाज़ी विकल्प का दावेदार बनाया है। बारिश की भेंट चढ़े दूसरे मैच में वह महंगी ज़रूर साबित हुईं लेकिन साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ तीसरे मैच में उन्होंने प्रभावी गेंदबाज़ी करते हुए तीन ओवर में 14 रन देकर एक विकेट हासिल किया।

फ़ील्डिंग पर देना होगा ध्यान

पिछले साल अक्तूबर में मुख्य कोच का कार्यभार संभालने के बाद से ही अमोल मजूमदार ने फ़ील्डिंग में सुधार लाने पर विशेष ज़ोर दिया है। साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ पहले T20I में भारतीय टीम ने चार कैच छोड़े। हालांकि अगले दो मैचों में इस मोर्चे पर भारतीय टीम में सुधार देखने को मिला, और उन्होंने दो कैच ड्रॉप तो किए लेकिन 11 कैच भी लपके। आने वाले दो बड़े टूर्नामेंट में सभी की नज़रें टीम इंडिया की फ़ील्डिंग पर भी होंगी।

श्रीनिध‍ि रामानुजम ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं।