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महज़ दो अभ्यास सत्रों के बावजूद पिंक बॉल टेस्ट में छा गई मांधना

सीरीज़ की घोषणा मई में होने के बावजूद भारतीय टीम को इस गेंद से परिचित होने का कोई मौक़ा नहीं मिला था

स्मृति मांधना ने ऑफ़ साइड पर काफ़ी ड्राइव लगाए  •  Getty Images

स्मृति मांधना ने ऑफ़ साइड पर काफ़ी ड्राइव लगाए  •  Getty Images

क्रिकेट के खेल में रुकावटें बल्लेबाज़ की एकाग्रता के लिए दुधारी तलवार का काम करती हैं। कुछ खिलाड़ी इससे जूझते हुए और अच्छा खेल दर्शाते हैं जबकि कुछ खिलाड़ी फ़ोकस खोने के कारण बिखर जाते हैं।
गुरुवार को स्मृति मांधना के साथ भी ऐसा कुछ हो सकता था। पहले सत्र के बाद खेल लगभग 110 मिनट तक बारिश और विद्युत के चलते स्थगित रहा। जब खेल की शुरुआत हुई तो भारत एक विकेट पर 101 के स्कोर पर खड़ा था और मांधना के लिए टेस्ट जीवन का पहला शतक ज़्यादा दूर नहीं था। अंतत: दिन के बाक़ी खेल तक वह अपने स्कोर को 80 नाबाद तक ही बढ़ा पाईं, और वनडे क्रिकेट में 102 और टी20 में 66 के साथ अब महिला क्रिकेट में भारत के लिए ऑस्ट्रेलिया में सर्वाधिक स्कोर उन्हीं के नाम हैं। लेकिन स्मृति के लिए मुक़ाबला सिर्फ़ मौसम या ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ ही नहीं था।
भारत ने इस टेस्ट से पहले पिंक बॉल से सिर्फ़ दो दिन पहले अभ्यास किया था। सीरीज़ की घोषणा मई में होने के बावजूद भारतीय टीम को पिंक बॉल से परिचित होने का कोई मौक़ा नहीं मिला था। स्मृति ने ख़ुद से दो नेट सेशन ज़रूर किए थे लेकिन पिंक बॉल से अभ्यस्त होने के लिए उन्होंने पहले से ही कुछ अनोखे तरीक़े ढूंढ लिए थे। पहले दिन के खेल के बाद स्मृति ने कहा, "द हंड्रेड के दौरान मैंने एक पिंक कूकाबरा बॉल ऑर्डर किया और हमेशा अपने कमरे में रखा। मैं दो नेट सेशन से अधिक पिंक बॉल के साथ अभ्यास नहीं कर पाई लेकिन पिंक बॉल की आदत डालने के लिए पिछले ढाई या तीन महीने यह मेरे किट बैग का हिस्सा था।"
स्मृति की बल्लेबाज़ी से ऐसा कतई नहीं लगा कि वह पिंक बॉल से पहली बार खेल रहीं थीं हालांकि सात और 18 के स्कोर पर उन्होंने गली और बैकवर्ड प्वाइंट की दिशा में थोड़े जोख़िम भरे शॉट लगाए थे। शेफ़ाली वर्मा के साथ स्मृति ने 93 रन जोड़े और उनकी 17 वर्षीय जोड़ीदार ने भी उनका हौसला बढ़ाया। स्मृति ने कहा, "अगर मैं ऑफ़ स्टंप के ज़्यादा बाहर खेलती तो शेफ़ाली आकर कहती, 'दीदी बहुत बाहर का है। मत खेलो।"
स्मृति ने अपना अर्धशतक मात्र 51 गेंदों पर पूरा किया। कहीं ना कहीं ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाज़ों को ड्रॉप इन पिच से ख़ास मदद नहीं मिली। स्मृति ने कहा, "शुरुआत में उन्होंने काफ़ी छोटी लंबाई की गेंदें डाली थी। आज का विकेट मकाय के वनडे विकेट से काफ़ी अलग था। इस पिच पर उतनी उछाल और जान नहीं थी। उन्होंने जिस लंबाई पर गेंदबाज़ी की वह शायद वनडे मैचों के लिए सही थी।"
ऑस्ट्रेलिया ने फ़ील्ड सजावट से भी स्मृति का काम आसान कर दिया। डीप स्क्वेयर लेग पर खिलाड़ी तैनात ना होने से स्मृति ने अपने पहले 70 रनों में अधिकांश बैक फ़ुट पर खेलते हुए बटोरे। स्मृति को लगा कि शायद प्लान फ़ुल लेंथ गेंदबाज़ी का रहा हो, "बाद में उन्होंने डीप में फ़ील्डर रखा था लेकिन उसके बाद भी मैं पुल शॉट खेल रही थी लेकिन एक दूसरी दिशा में।"
स्पिन गेंदबाज़ी के आने से भारत और स्मृति दोनों के रन गति पर अंकुश ज़रूर लगा। उन्होंने कहा, "मैं सिर्फ़ ख़ुद को गेंद देख कर खेलने को कह रही थी। स्कोरकार्ड या स्ट्राइक रेट के बारे में सोचने का कोई फ़ायदा नहीं था। मेरी शुरुआत वनडे पारी की तरह रही थी और जब आपके पास कई शॉट होते हैं तो आप उलझ सकते हैं। मैं बैटिंग को आसान रख रही थी।"
रुकावटों के दौरान उन्हें अपनी टीम के कई सदस्यों ने सलाह सुनाई। वह हंसके बोली, "जब मैं बाहर बेंच पर बैठी थी तो कई लोग आकर बोले, 'तुम्हें शून्य से शुरू करना होगा। अब तक तुमने कुछ नहीं किया। शायद इस वजह से कि मैं कभी-कभी हल्के शॉट खेल कर आउट हो जाती हूं। शायद मेरे साथियों की बातों से मैं अपना फ़ोकस रख पाई।"

ऑन्नेशा घोष (@ghosh_annesha) ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सीनियर असिस्टेंट एडिटर और स्थानीय भाषा प्रमुख देबायन सेन ने किया है।