भारत एक बार फिर एक अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता के सेमीफ़ाइनल में है। उन्होंने कभी भी कोई अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता नहीं जीती है। इसी कारण से इस बार टीम गोल्ड मेडल के लिए जाने का पूरा प्रयास करेंगी। अगर वह यह हासिल करने में क़ामयाब होती है तो देश में महिला क्रिकेट के लिए यह एक बड़ी ख़बर होगी। उनके पास तीनों में से कोई एक मेडल जीतने का पूरा मौक़ा है। हमें पता है कि ऐसी प्रतियोगिताओं में अगर मेडल जीतता है तो भारत की जनता किस तरीक़े की प्रतिक्रिया देती है।
इसीलिए आने वाले कुछ दिन भारतीय महिला क्रिकेट टीम के दृष्टिकोण से काफ़ी महत्वपूर्ण होने वाले हैं। मेडल कोई भी मिले, ख़ुशी का माहौल ज़रूर बनेगा और अगर स्वर्ण पदक मिल जाए तो यह सोने पर सुहागा होगा।
राष्ट्रमंडल खेलों में मेडल जीत कर आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करने की बात के अलावा भी, क्रिकेट फ़िलहाल ओलंपिक में शामिल होने के सपने भी देख रहा है। राष्ट्रमंडल खेलों में शामिल होना ओलंपिक में शामिल होने के सपने की तरफ़ एक क़दम आगे बढ़ाने के जैसा है।
बारबेडोस पर भारत की जीत के बाद
जेमिमाह रॉड्रिग्स ने कहा था, "भारत के अन्य एथलीटों को इतना अच्छा प्रदर्शन करते हुए एवं भारत के लिए पदक जीतते हुए देख कर काफ़ी अच्छा लगा रहा है। यह हमें और बढ़िया खेलने के लिए प्रेरित कर रहा है।"
इससे पहले भारतीय महिला टीम 2017 के वनडे विश्व कप में भी फ़ाइनल में पहुंची थी लेकिन वहां वे सफल नहीं हो पाईं थी। इसके बाद 2020 के टी20 विश्व कप में वे फ़ाइनल में पहुंची और फिर से उनके हाथ निराशा लगी। इसके अलावा भी भारत के पास कई बार अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट जीतने का मौक़ा था लेकिन वे कभी सफल नहीं हो पाया।
भारत की पूर्व क्रिकेटर स्नेहल प्रधान, जो एक ब्रॉडकास्टर के रूप में बर्मिंघम में हैं, उन्होंने ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो को बताया, "यह तकनीकी रूप से एक वैश्विक आयोजन नहीं है, लेकिन महिला क्रिकेट के लिए यह विश्व कप जितना ही अच्छा है। एक स्वर्ण पदक का प्रभाव कैसा होगा, यह हम सबको पता है। महिला टीम की किसी भी प्रेस वार्ता को देख लिया जाए तो उनमें सिर्फ़ एक ही बात कही गई है कि हम यहां सवर्ण पदक के अलावा कुछ भी नहीं सोच रहे हैं।"
भारत के सभी प्रशिक्षण सत्र अत्याधिक गहन रहे हैं। जहां टीमों को खेल गांव में 15-20 खिलाड़ियों और पांच सहयोगी स्टाफ़ को अंदर लेकर जाने की अनुमति है, वहीं बीसीसीआई ने अपने ख़र्च पर तीन अतिरिक्त स्टाफ़ सदस्यों को भेजा है।
प्रधान ने कहा, "प्रशिक्षण में भी भारतीय टीम की सभी खिलाड़ी अपने कौशल के सभी पहलुओं पर काम कर रही हैं। दो नेट्स हैं, जहां पहले अभ्यास किया जाता है और फिर वे रेंज-हिटिंग का अभ्यास करती हैं। लगभग सभी बल्लेबाज़ उसी दिनचर्या से गुज़र रहे हैं।"
इस प्रतियोगिता में अब तक भारत के सभी खिलाड़ियों ने बारी-बारी से अपना योगदान दिया है। हरमनप्रीत कौर और स्मृति मांधना ने बढ़िया अर्धशतकीय पारी खेली है। वहीं एक महत्वपूर्ण मैच में
बारबेडोस के ख़िलाफ़ जेमिमाह और दीप्ति शर्मा ने एक ताबड़तोड़ साझेदारी करते हुए अंतिम के सात ओवरों में 70 रन बटोरे थे। वहीं रेणुका सिंह लगातार अपनी गेंदबाज़ी से सब को प्रभावित कर रही हैं।
प्रधान ने कहा, "इस टीम के भीतर एक ऐसा माहौल है कि उनके लिए सेमीफ़ाइनल में पहुंचना बिल्कुल सामान्य है। वे अगली पीढ़ी के अनुसरण के लिए एक संस्कृति स्थापित करना चाहती हैं। ये टीम कभी भी सेमीफ़ाइनल और फ़ाइनल में नहीं हारना चाहती हैं।"
हालांकि एक बात यह भी है कि भारत सेमीफ़ाइनल में इंग्लैंड के साथ भिड़ेगा। अब तक दोनों टीमों के बीच 22 मुक़ाबले हुए हैं, जिसमें परिणाम निकला है। इसमें से भारत की झोली में सिर्फ़ पांच जीत है। 2018 के टी20 विश्व कप में इंग्लैंड ने ही भारत को शिक़स्त दी थी। हालांकि भारत कहीं से भी इस मुक़ाबले को जीत कर अपने लिए रजत या स्वर्ण पदक की ओर दौड़ लगाने के लिए तैयार बैठा है।
पिछले महीने श्रीलंका में राष्ट्रमंडल खेलों से पहले हरमनप्रीत ने एक टीम मीटिंग के दौरान अपने खिलाड़ियों से पूछा था कि वह कौन से क्षेत्र हैं, जहां टीम को काम करना चाहिए। पूजा वस्त्रकर ने इसके जवाब में कहा था - ख़तरनाक रवैया।
अगर शनिवार को यह टीम ख़तरनाक रवैये के साथ मैदान पर उतरती है तो किसी को आश्चर्य नहीं होगा।