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असंगत चयनों के बाद डीडीसीए अध्यक्ष ने चयन समिति को किया बर्ख़ास्त

कुछ अधिकारियों को भेजे गए ई-मेल में रोहन जेटली ने लिखा, "ये समितियां ना केवल डीडीसीए बल्कि क्रिकेट का भी नुक़सान कर रही हैं"

Dhruv Shorey notched up another fifty-plus score, Delhi vs Tamil Nadu, Ranji Trophy 2022-23, Delhi, December 30, 2022

इन सभी विवादों के बावजूद ध्रुव शौरी का बल्ला बढ़-चढ़कर बोला है  •  PTI

दिल्ली और ज़िला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के अध्यक्ष रोहन जेटली ने पैनल के भीतर आपसी कलह और 'संदिग्ध चयन' सामने आने के एक दिन बाद राज्य की वरिष्ठ चयन समिति को बर्ख़ास्त कर दिया है। उन्होंने "पुरुषों की चयन समिति के अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने के तरीक़े पर अस्वीकृति" जताई है।
मंगलवार को सीनियर और अंडर-25 पुरुष टीमों का चयन करने वाली समिति के सदस्य गगन खोडा और मयंक सिधाना के बीच बैठक के दौरान तीखी नोकझोंक हुई। माना गया है कि सी के नायडू ट्रॉफ़ी मैचों के अगले दौर के लिए अंडर-25 टीम का चयन तर्क के केंद्र में रहा है। रणजी टीम में भी असंगत चयनों को लेकर गहमागहमी रही है।
सौराष्ट्र के ख़िलाफ़ खेले गए मैच के दौरान कोच अभय शर्मा के द्वारा आयुष बदोनी को ओपन करवाने के फ़ैसले की काफ़ी ओलचना हुई है। बदोनी मुख्यतया मध्यक्रम के बल्लेबाज़ हैं। चार मैचों में शून्य जीत के साथ दिल्ली ग्रुप बी में नीचे से दूसरे स्थान पर है।
अभी के लिए, डीडीसीए की क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी), जिसमें निखिल चोपड़ा, गुरशरण सिंह और रीमा मल्होत्रा ​​शामिल हैं, शेष सत्र के लिए टीम का चयन करेगी।
जेटली ने डीडीसीए के शीर्ष परिषद और सीएसी सदस्यों को एक ई-मेल में लिखा, "जिस तरह से खिलाड़ियों का चयन और उन्हें एक झटके में रिप्लेस किया जा रहा है, वह चर्चा का विषय बन गया है। हाल ही में एक बैठक में, यह बताया गया कि एक वरिष्ठ खिलाड़ी (जिसे चोटिल बताया गया) के लिए एक रिप्लेसमेंट भेजा गया था। वहां पहुंचने पर रिप्लेसमेंट खिलाड़ी को भी घायल घोषित कर दिया गया और दूसरा रिप्लेसमेंट भेजा गया था।"
बीसीसीआई के निर्देश में केवल 15 खिलाड़ियों को मैदान पर आने की अनुमति होने के बावजूद चयन समिति द्वारा 20-22 खिलाड़ियों को चुने जाने पर भी जेटली ने अपनी निराशा व्यक्त की।
जेटली ने लिखा, "स्पष्ट रूप से सूचित करने के बावजूद कि खिलाड़ियों की संख्या 15-16 तक सीमित रहेगी, समिति ने बार-बार 20-22 सदस्यीय टीम की सिफ़ारिश की है। इसलिए, ये समितियां ना केवल डीडीसीए बल्कि क्रिकेट का भी नुक़सान कर रही हैं।"
जेटली दिल्ली के सिकुड़ते टैलेंट पूल और चयनकर्ताओं द्वारा 'नियोजन की पूर्ण कमी' से भी "आहत" थे। दिल्ली इस सीज़न में विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी के नॉकआउट के लिए क्वालीफ़ाई करने में विफल रही थी और टी20 सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफी के क्वार्टर-फ़ाइनल में विदर्भ से हार गई थी। उनका रणजी अभियान भी लीग चरण के आधे पड़ाव तक आते-आते लगभग समाप्त हो चुका है।
अपने ई-मेल में जेटली ने लिखा, "एक समय था जब भारतीय टीम में दिल्ली के कम से कम चार से पांच खिलाड़ी होते थे। आज स्थिति ऐसी है कि हम एक भी खिलाड़ी का नाम नहीं ले सकते जिसे हम राष्ट्रीय टीम के संभावित उम्मीदवार के रूप में देखते हैं।"
उन्होंने आगे यह लिखा कि चर्चा के बावजूद दिल्ली क्रिकेट के भविष्य के संबंध में बनाई गई योजना में प्लानिंग की पूर्ण कमी साफ़ नज़र आ रही थी। उनके अनुसार यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि चयन समिति ने उसी के प्रति कम प्रतिबद्धता दिखाई।
जेटली ने दिल्ली की अंडर-25 टीम के कोच पंकज सिंह को सचिव द्वारा चयन समिति की बैठक में बैठने की अनुमति नहीं देने के फ़ैसले पर भी सवाल उठाया।
उन्होंने लिखा, "मेरे विचार से यह सबसे महत्वपूर्ण है कि न केवल मुख्य कोच प्रत्येक चयन समिति की बैठक में शामिल हों, बल्कि चयन पर कोई भी अंतिम निर्णय लेने से पहले उनके विचारों को भी ध्यान में रखा जाए। इसका महत्व और बढ़ जाता है जब चयनकर्ता यह टिप्पणी करके अपने हाथ धो लेते हैं कि 'हम टीम का चयन करते हैं और कोच प्लेइंग इलेवन का चयन करता है'।"