शुक्रवार को हुई ऑनलाइन ICC बैठक के बावजूद चैंपियंस ट्रॉफ़ी के आयोजन पर अंतिम निर्णय नहीं हो सका। इस बीच, PCB चेयरमैन मोहसिन नक़वी दुबई में मौजूद थे और पाकिस्तान की अंडर-19 टीम की भारत पर जीत पर चर्चा कर रहे थे। सभी की निगाहें इस पर टिकी थीं कि PCB, BCCI और ICC अगले साल के टूर्नामेंट पर कोई सहमति बना पाएंगे या नहीं।
जैसा कि उन्होंने गुरुवार सुबह कहा था, नक़वी ने टूर्नामेंट की मेज़बानी के लिए हाइब्रिड मॉडल को स्पष्ट रूप से खारिज नहीं किया। उन्होंने अपने पहले के बयान को ही दोहराया। दुबई में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा, "हम वही करेंगे जो क्रिकेट के लिए सबसे अच्छा होगा। यदि हम कोई दूसरा फ़ॉर्मूला अपनाते हैं [पाकिस्तान में टूर्नामेंट की मेज़बानी छोड़कर], तो यह समानता के आधार पर होगा। पाकिस्तान के लिए सबसे अहम उसका सम्मान है, बाक़ी सभी चीज़ें इसके बाद आती हैं।"
इस तरह की व्यवस्था कैसी दिखेगी, यह अब भी अनिश्चित है। "समानता" पर नक़वी की लगातार की गई टिप्पणियों से अटकलें तेज़ हो गई हैं कि PCB हाइब्रिड मॉडल को स्वीकार करने के बदले में कुछ रियायतें हासिल करना चाहेगा। इसमें एक संभावना यह हो सकती है कि भारत को अपने मैच पाकिस्तान से बाहर खेलने पर सहमति जतानी पड़े, जबकि एक अन्य समझौता यह हो सकता है कि भविष्य में भारत में आयोजित किसी भी टूर्नामेंट के दौरान पाकिस्तान अपने मैच भारत के बाहर खेले। इसके अलावा, PCB के लिए वित्तीय मुआवज़े की संभावना भी चर्चा में है। हालांकि, नक़वी ने सप्ताह की शुरुआत में यह स्पष्ट किया था कि निर्णय आर्थिक लाभ के आधार पर नहीं लिए जाएंगे।
ESPNcricinfo को जानकारी मिली है कि अगले कुछ दिनों में इस मामले पर निर्णय लिया जा सकता है, हालांकि नक़वी की टिप्पणियों से यह स्पष्ट होता है कि अब भी कई अहम मुद्दे हैं जिन्हें हल किया जाना बाकी है। ऐसा माना जा रहा है कि किसी भी प्रस्ताव को अंतिम मंजूरी के लिए ICC को सौंपने से पहले भारत और पाकिस्तान दोनों की सरकारों की सहमति लेनी होगी। भारत सरकार ने अपनी टीम को पाकिस्तान भेजने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था, और PCB ने कई बार यह कहा है कि उनकी ओर से उठाए गए किसी भी कदम को उनकी सरकार की स्वीकृति ज़रूरी होगी।