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आईसीसी बोर्ड मीटिंग में होगी भारत-पाकिस्तान क्रिकेटिंग संबंधों की चर्चा

एशिया कप और विश्व कप में भाग लेने को लेकर दोनों देशों में चल रही तनातनी

Rohit Sharma and Babar Azam catch up during the toss, India vs Pakistan, Men's T20 World Cup 2022, Super 12s, MCG/Melbourne, October 23, 2022

पीसीबी भारत की प्रतिबद्धताओं पर सवाल उठा सकती है  •  Getty Images/ICC

शनिवार-रविवार को होने जा रही अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की तिमाही बोर्ड मीटिंग में भारत-पाकिस्तान क्रिकेटिंग संबंधों पर भी चर्चा हो सकती है। गौरतलब है कि इस साल पाकिस्तान में होने वाले एशिया कप और भारत में होने वाले विश्व कप में हिस्सा लेने को लेकर दोनों देशों के बोर्ड में तनातनी चल रही है।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने कहा है कि भारतीय टीम सितंबर में होने जा रहे एशिया कप के लिए पाकिस्तान का दौरा नहीं करेगी। वहीं पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने कहा है कि अगर ऐसा होता है तो पाकिस्तानी टीम अक्तूबर-नवंबर में भारत में होने वाले वनडे विश्व कप में हिस्सा नहीं लेंगे।
पीसीबी प्रमुख नजम सेठी ने कहा कि उन्होंने अपने विकल्प खुले रखे हैं। आपको बता दें कि 2025 में होने वाली चैंपियंस ट्रॉफ़ी भी पाकिस्तान में होनी है। भारत वहां भी खेलने से मना कर सकता है। लेकिन ध्यान देने वाली बात ये है कि एशिया कप, एशियन क्रिकेट काउंसिल (एसीसी) का टूर्नामेंट है, जबकि विश्व कप और चैंपियंस ट्रॉफ़ी, आईसीसी के टूर्नामेंट हैं, जिसको खेलने से मना करने पर कुछ निश्चित परिणाम भी हो सकते हैं। इसलिए दोनों देशों को सोच-समझकर निर्णय लेने होंगे।
पाकिस्तान से ये भी ख़बरें हैं कि पाकिस्तानी सरकार ने पीसीबी को भारत अपनी टीम भेजने से मना किया है। हालांकि पाकिस्तानी सरकार से जुड़े अधिकारियों ने ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो से बताया है कि ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है और अक्तूबर-नवंबर में होने वाले टूर्नामेंट के लिए अभी ही निर्णय लेना जल्दबाज़ी होगी।
अफ़ग़ानिस्तान की सदस्यता पर भी हो सकता है फ़ैसला
अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान का शासन आने के बाद से लगातार अफ़ग़ानिस्तान की आईसीसी सदस्यता पर सवाल उठ रहे हैं। हालांकि अफ़ग़ानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (एसीबी) का बार-बार कहना है कि सरकार का एसीबी के कामों में कोई हस्तक्षेप नहीं है। हालांकि उन्होंने यह भी माना है कि तालिबान शासन में महिलाओं का क्रिकेट भी लगभग असंभव है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि आईसीसी क्या निर्णय लेता है क्योंकि आईसीसी के पूर्णकालिक सदस्यों के पास महिला टीम और उनका एक सेट-अप होना ज़रूरी है।