फ़िशिंग स्कैम : आईसीसी ने गंवाए 20 करोड़ रुपये
अमेरिकी कानून प्रवर्तन एजेंसियां इस मामले की जांच में जुटी
नागराज गोलापुड़ी
20-Jan-2023
इस स्कैम में आईसीसी को लगभग 20 करोड़ 28 लाख रुपये का नुक़सान हुआ है • Avishek Das/SOPA Images/LightRocket/Getty Images
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) साइबर अपराध का शिकार हो गया है जिसमें उसे लगभग 20 करोड़ 28 लाख रुपये (ढाई मिलियन अमेरिकी डॉलर) का नुक़सान हुआ है। हालांकि इसमें शामिल सटीक वित्तीय राशि की पुष्टि नहीं हुई है, ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो को मिली जानकारी के अनुसार इस कथित घोटाले की उत्पत्ति संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए) में हुई और यह 2022 में हुआ था।
धोखेबाज़ों ने वित्तीय घोटाला करने के लिए बिज़नेस ईमेल कॉम्प्रोमाइज़ (बीईसी) मार्ग का इस्तेमाल किया, जिसे ईमेल अकाउंट कॉम्प्रोमाइज़ के रूप में भी जाना जाता है। फ़ेडरल ब्यूरो ऑफ़ इन्वेस्टिगेशन (एफ़बीआई) के अनुसार यह 'आर्थिक रूप से सबसे अधिक हानिकारक ऑनलाइन अपराधों में से एक है।'
आईसीसी ने इस घटना के बारे में चुप्पी साधी है क्योंकि उसने यूएसए में कानून प्रवर्तन एजेंसियों को जांच के तहत संदिग्ध धोखाधड़ी की सूचना दी है। पता चला है कि आईसीसी बोर्ड को पिछले साल इस घटना के बारे में जानकारी दी गई थी।
इस बात की जानकारी नहीं मिल पाई है कि धोखेबाज़ कैसे आईसीसी खाते से पैसे निकालने में क़ामयाब रहे, क्या दुबई में आईसीसी का मुख्य कार्यालय सीधे तौर पर इन सब में शामिल था, या क्या यह एक आईसीसी विक्रेता या सलाहकार का मध्यस्थ के रूप में इस्तेमाल किया गया था। यह भी पुष्टि नहीं की हो पाई है कि लेनदेन एक ही भुगतान में किया गया था या अनेक वायर ट्रांसफ़र हुए थे।
यह बीईसी क्या है?
बीईसी घोटाला फ़िशिंग का एक रूप है जहां कंपनियों और व्यक्तियों को बरगलाया जाता है और पैसा वायर ट्रांसफ़र करने के लिए राज़ी किया जाता है। एफ़बीआई का कहना है कि यह अपराधियों द्वारा नियंत्रित है। पिछले नवंबर में (अमेरिकी सरकार को सौंपी गई) अपनी कांग्रेसनल रिपोर्ट में, एफ़बीआई ने कहा कि उसके इंटरनेट क्राइम कंट्रोल सेंटर को 2021 में लगभग 19,473 करोड़ रुपये (2.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर) से अधिक के बीईसी संबंधित मामले प्राप्त हुए थे।
बीईसी घोटाला फ़िशिंग का एक रूप है जहां कंपनियों और व्यक्तियों को बरगलाया जाता है और पैसा वायर ट्रांसफ़र करने के लिए राज़ी किया जाता है। एफ़बीआई का कहना है कि यह अपराधियों द्वारा नियंत्रित है। पिछले नवंबर में (अमेरिकी सरकार को सौंपी गई) अपनी कांग्रेसनल रिपोर्ट में, एफ़बीआई ने कहा कि उसके इंटरनेट क्राइम कंट्रोल सेंटर को 2021 में लगभग 19,473 करोड़ रुपये (2.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर) से अधिक के बीईसी संबंधित मामले प्राप्त हुए थे।
अपनी रिपोर्ट में एफ़बीआई ने कहा "आमतौर पर बीईसी स्कैम में किसी वैध और ज्ञात ईमेल की नकल की जाती है अथवा पीड़ित व्यक्ति के भरोसे वाले किसी व्यक्ति के ईमेल के लगभग समान जाली ईमेल का इस्तेमाल किया जाता है। बीईसी घोटाले तब शुरू होते हैं जब एक पीड़ित को धोखेबाज़ों द्वारा नियंत्रित बैंक खाते में वैध भुगतान करने के झूठे तथा नकली ईमेल भेजे जाते हैं।"
एफ़बीआई की रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि बीईसी घोटाले तेज़ी से बढ़ रहे हैं क्योंकि अपराधी 'परिष्कृत' होते जा रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया, "स्कैम मुख्य कार्यकारी अधिकारी द्वारा धोखाधड़ी वाले ईमेल पर पेमेंट करने से आगे बढ़ चुके हैं। अब इनमें विक्रेताओं के ईमेल की नकल, जाली वकील ईमेल खाते, पेरोल फ़ंड की रक़म को मोड़ना, रियल एस्टेट क्षेत्र को टार्गेट करना और भारी रक़म वाले गिफ़्ट कार्ड के लिए धोखाधड़ी वाले ईमेल भेजना शामिल हैं।"
ओस्मान समिउद्दीन द्वारा अतिरिक्त रिपोर्टिंग के साथ
नागराज गोलापुड़ी ESPNcricinfo में न्यूज़ एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर अफ़्ज़ल जिवानी ने किया है।