तालिया मैक्ग्रा को भारत दौरे पर टीम का उपकप्तान बनाया गया है • Getty Images
तालिया मैक्ग्रा क्रिकेट के लिए आदर्श ऑलराउंडर हैं। वह क़द-काठी में लंबी होने के कारण लेंथ से उछाल और गति के साथ गेंदबाज़ी कर लेतीं हैं। बल्ले से उनकी उपयोगिता उन्हें शीर्ष और मध्य-क्रम दोनों में कारगर बनाती है।
ऐसा नहीं है कि ऑस्ट्रेलिया को वैसे खिलाड़ी की कमी खलती है। एलिस पेरी जैसी खिलाड़ी किसी परिचय की मोहताज नहीं। उन्होंने वनडे और टी20 में विश्व कप तो जीते ही हैं, साथ में महिला ऐशेज़ और महिला फ़ुटबॉल में उनके कारनामे भी प्रचलित हैं। अधिकतर टीमें एक ऐसी खिलाड़ी से संतुष्ट होती लेकिन ऑस्ट्रेलिया के पास दो हैं।
2016 में वनडे डेब्यू और एक साल बाद टेस्ट में पदार्पण करने के बाद मैक्ग्रा पीठ के चोटों से जूझती रहीं। आख़िरकार घर पर 2020 टी20 विश्व कप जीतने के बाद उन्हें केंद्रीय अनुबंध सूची में शामिल किया गया। भारत के ख़िलाफ़ पांच टी20 मैचों की सीरीज़ के लिए उन्हें उपकप्तान की उपाधि मिली है। उनके शब्दों में उन्हें "मिज [कप्तान अलीसा हीली] के साथ नेतृत्व करने का आनंद उठाने" की पूरी उम्मीद है।
मुंबई में ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो से बात करते हुए मैक्ग्रा ने कहा, "मैं बहुत शर्मीली हुआ करती थी और मैंने कभी नेतृत्व के बारे में नहीं सोचा था। मेरे कोच मुझमें यह ख़ूबी देखते थे। इसका पहला स्वाद मुझे [पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान] बेलिंडा क्लार्क के साथ कुछ बातचीत के दौरान मिला था। हम ज़ूम पर कप्तानी और नेतृत्व पर चर्चा करते थे। इससे मेरे नेतृत्व की क्षमता में सुधार आने लगा।"
मैक्ग्रा ने आगे कहा, "उनका समझाने का तरीक़ा बहुत सरल और सटीक था। वह मुझे कुछ कार्य देतीं और शुरू में मुझे यह कठिन लगता था लेकिन करने के बाद एहसास होता था कि यह काफ़ी सरल है। इसकी आदत पड़ने लगी। मुझे नेतृत्व करने के हर मौक़े रास आए हैं। यह मुझे ऐसी स्थितियों में डालता है जिससे मैं परिचित नहीं हूं और सच पूछिए तो कभी मैंने इनके बारे में सोचा भी नहीं था।"
मैक्ग्रा के खेल की परिपक्वता का परिचय इस साल के राष्ट्रमंडल खेलों में मिला था, जहां उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के लिए 42.66 की औसत और 148.83 के स्ट्राइक रेट से 128 रन बनाए जो बेथ मूनी के बाद उनकी टीम के लिए सर्वाधिक थे। साथ ही उनके आठ विकेट भी टूर्नामेंट में संयुक्त रूप से दूसरे सर्वाधिक विकेट थे। गेंदबाज़ी में उनकी औसत 12.12 की थी और इकॉनमी सात से कम की। उन्होंने अपने प्रदर्शन के चलते पेरी को एकादश से बाहर रखा।
27 वर्षीय मैक्ग्रा ने क्रिकेट से दूर अपने समय पर कहा, "इसने मुझे और मेहनत करने और अपनी शक्तियों पर काम करने की प्रेरणा दी। जब मुझे ऑस्ट्रेलिया के लिए दूसरी बार खेलने का मौक़ा मिला तो मैंने ठान लिया कि मैं चीज़ों को सरल रखूंगी और हर परिस्थिति का मज़ा लूंगी। शायद यही मेरे सफलता का राज़ है।"
अक्तूबर 2021 में मैक्ग्रा के डेब्यू के बाद न्यूनतम 100 रन बनाने वाले बल्लेबाज़ों में उनकी 93.75 से बेहतर औसत किसी की नहीं है और केवल साउथ अफ़्रीका की क्लोई ट्राइऑन ने उनके 153.68 से बेहतर के स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं। उन्होंने कहा, "मैं अपने करियर के शुरुआत में बहुत ज़्यादा सोचती थी। आप कह सकते हैं कि जब कोई गेंदबाज़ी करने दौड़ कर आ रहा होता था, तब मेरे लिए अपने मन को साफ़ और निश्चिंत रखना बहुत कठिन होता था। जब मैं स्थिर और शांत रहती हूं तब मेरे लिए गेंद की दिशा और लंबाई पिक करना और आसान हो जाता है। मैं अत्यधिक सोच-विचार करने की बजाय चीज़ों को सरल रखना सीख गई हूं।"
2022 में मैक्ग्रा वनडे विश्व कप और ऐशेज़ जीतने वाली टीमों का भी हिस्सा रही हैं। पिछले दो सीज़न उपविजेता रहने के बाद उन्होंने इस साल एडिलेड स्ट्राइकर्स को अपना पहला बीबीएल ख़िताब भी दिलवाया। कार्यभार संभालने के उद्देश्य से उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में केवल 14 ओवर ही डाले।
मैक्ग्रा ने कहा, "मुझे गेंदबाज़ी करने में बहुत मज़ा आता है। मैंने गेम में शुरुआत गेंदबाज़ी ऑलराउंडर के तौर पर ही की थी लेकिन हाल में मुझे बल्लेबाज़ी ऑलराउंडर की तरह देखा जा रहा है। मैं ऐसी स्थिति में आना चाहूंगा जहां में गेंद और बल्ले दोनों से निरंतर योगदान देती रहूं।"
ऑस्ट्रेलिया अगले साल साउथ अफ़्रीका में अपने टी20 विश्व कप ख़िताब का बचाव करेगा और इस पर मैक्ग्रा ने कहा, "मैं कभी टी20 विश्व कप नहीं खेलीं और न ही साउथ अफ़्रीका गई हूं। आप विश्व कप जैसे इवेंट का हिस्सा होना चाहते हैं और अब से हमारा क्रिकेट उसी टूर्नामेंट की तैयारी का हिस्सा होगा। भारत एक तगड़ी टीम है और हमारे लिए चीज़ें आसान नहीं होंगी। यह दौरा हमें विश्व कप से पहले आत्मविश्वास दिलाने में मददगार होगा।"