इस टी20 विश्व कप में सूर्यकुमार यादव सबसे प्रभावशाली बल्लेबाज़ रहे हैं • Getty Images
पिछले दो सालों में पुरुष टी20 अंतर्राष्ट्रीय में भारत और इंग्लैंड के बीच कई रोचक मुक़ाबले हुए हैं लेकिन इन दो टीमों ने एक दशक से टी20 विश्व कप में एक-दूसरे के ख़िलाफ़ नहीं खेला है। साथ ही 2013 के बाद से आईसीसी प्रतियोगिता के नॉकआउट में भी ये टीमें आपस में नहीं भिड़ी हैं। आइए देखते हैं कि एडिलेड में दूसरा सेमीफ़ाइनल कहां जीता और हारा जा सकता है।
एडिलेड मैदान का आकार
ज़्यादातर ऑस्ट्रेलियाई मैदानों की तुलना में एडिलेड का आकार अलग है। पिच के आधार पर स्क्वेयर बाउंड्री लगभग 60-65 मीटर की होती है, जबकि सामने की बाउंड्री आमतौर पर लगभग 80 मीटर लंबी होती है। भारत को ए़डिलेड में थोड़ी बढ़त हासिल हो सकती है क्योंकि वह पहले यहां खेल चुके हैं, जबकि इंग्लैंड पहली बार एडिलेड में खेलेगा।
टी20 विश्व कप में एडिलेड में हुए छह मैचों में पहले बल्लेबाज़ी करते हुए औसत स्कोर 157 है और लक्ष्य का बचाव करने वाली टीम ने चार बार जीत हासिल की है। एडिलेड में पिछले 11 टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में टॉस जीतने वाली टीम को हार मिली है। यहां तेज़ गेंदबाज़ों के तुलना में स्पिनर थोड़ा किफ़ायती रहे हैं। स्पिनरों ने 7.33 की इकॉनमी से गेंदबाज़ी की है जबकि तेज़ गेंदबाज़ों ने 7.67 रन प्रति ओवर दिए हैं। यह मैच पहले इस्तेमाल की गई पिच पर खेला जाएगा, जिसका मतलब यह होगा कि स्पिन एक बड़ी भूमिका निभा सकती है।
भारत की सुस्त शुरुआत और तूफ़ानी फ़िनिश
भारत इस टूर्नामेंट में सबसे धीमी शुरुआत करने वालों में से रहा है। सुपर 12 में भारतीय टीम ने पावरप्ले में 5.96 के रन रेट से रन बनाए, जो नीदरलैंड्स, ज़िम्बाब्वे और पाकिस्तान के बाद चौथा सबसे धीमा रन रेट रहा। हालांकि भारत ने डेथ ओवरों में इसकी भरपाई कर ली - आख़िरी चार ओवरों में किसी भी टीम ने भारत के 11.90 रन प्रति ओवर के आंकड़े से तेज़ गति से स्कोर नहीं किया।
भारतीय टीम नई गेंद के ख़िलाफ़ विशेष रूप से सतर्क रही है। उन्होंने अपने पांच मैचों की पारियों के पहले ओवर में कुल मिलाकर सिर्फ़ 13 रन बनाए हैं। भारत के इस अंदाज़ ने इंग्लैंड को एक दिलचस्प दुविधा में डाल दिया है कि क्या उसे अति-आक्रामक होना चाहिए या बेन स्टोक्स से कुछ ओवर डलवा लेने चाहिए, इस उम्मीद में कि भारतीय सलामी बल्लेबाज़ स्टोक्स पर हमला करने को नहीं देखेंगे?
ऑस्ट्रेलिया आने के बाद से इंग्लैंड ने अपनी कमज़ोरी को मज़बूती में बदल लिया है। इस विश्व कप में इंग्लैंड ने आश्चर्यजनक रूप से डेथ ओवरों में शानदार प्रदर्शन किया है। पिछले विश्व कप में अंत के ओवरों में इंग्लैंड ने टीमों को रोकने में संघर्ष किया था। भारत के ख़िलाफ़ यह कठिन चुनौती होगी। जॉस बटलर को डेथ ओवरों के भार को कम करने के लिए सैम करन के लिए एक साथी खोजने की आवश्यकता होगी। क्रिस वोक्स और मार्क वुड स्पष्ट उम्मीदवार हैं।
इंग्लैंड की बल्लेबाज़ी
टी20 विश्व कप इतने छोटे होते हैं - ख़ासकर जब मैच बारिश से प्रभावित हों - कि मध्य क्रम के बल्लेबाज़ों को प्रभाव डालने के लिए पर्याप्त गेंदों का सामना करने का मौक़ा मिलना मुश्किल हो सकता है। उदाहरण के लिए, पिछले साल के टूर्नामेंट में डेविड मिलर ने 33 गेंदों का सामना किया, 44 रन बनाए और सुपर 12 से साउथ अफ़्रीका के बाहर होने से पहले सिर्फ़ एक बार आउट हुए।
इंग्लैंड को ऑस्ट्रेलिया में इसी तरह की समस्या का सामना करना पड़ा है: लियम लिविंगस्टन और मोईन अली इंग्लैंड के दो सबसे विध्वंसक हिटर हैं, लेकिन दोनों ने इस टूर्नामेंट में क्रमशः 43 और 33 गेंदों का सामना किया है (दोनों दो बार आउट हुए हैं)। इंग्लैंड अपने बल्लेबाज़ी क्रम में काफ़ी लचीला रहा है लेकिन उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को ज़्यादा मौक़ा मिले।
भारत के ख़िलाफ़ अगर ऑस्ट्रेलिया में संघर्ष कर रहे हैरी ब्रूक को लिविंगस्टन और मोईन से नीचे डेथ ओवरों के लिए रखा जाए, तो आश्चर्यचकित न हों। मोईन ने अश्विन के ख़िलाफ़ टी20 में 35 गेंदों में 51 रन बनाए हैं, जबकि लिविंगस्टन ने अश्विन की केवल तीन गेंदों का सामना किया है, लेकिन उनमें से एक गेंद पर सीधा गगनचुंबी छक्का लगाया है।
कोहली का पसंदीदा मैदान
बांग्लादेश के ख़िलाफ़ अर्धशतकीय पारी के बाद विरोट कोहली ने कहा, "मुझे इस मैदान पर खेलना बहुत पसंद है। जैसे ही मैं स्टेडियम में प्रवेश करता हूं, यह मुझे घर जैसा महसूस कराता है। यह मैदान और यह विकेट मेरे लिए बहुत मेहरबान रहा है।"
कोहली ने यहां सभी प्रारूपों में 14 पारियों खेली है और पांच शतक और तीन अर्द्धशतक लगाए हैं। भारत के बाहर कोहली के पसंदीदा मैदान पर उनको रोकने के लिए इंग्लैंड को तरीक़े ढूंढने होंगे और आदिल रशीद इंग्लैंड के लिए सबसे अच्छा विकल्प हो सकते हैं।
कोहली इस टी20 विश्व कप में स्पिन के ख़िलाफ़ अपेक्षाकृत सतर्क रहे हैं। उन्होंने स्पिनरों के ख़िलाफ़ 113.55 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं, जबकि तेज़ गेंदबाज़ों के सामने उनका स्ट्राइक रेट 151.69 का रहा है। रशीद ने कोहली को टी20 में 59 गेंदों में सिर्फ़ 63 रन दिए हैं और दो बार आउट किया है।
ये धुरंधर होंगे आमन-सामने
भुवनेश्वर बनाम बटलर
बटलर को टी20 अंतर्राष्ट्रीय में सबसे अधिक बार आउट भुवनेश्वर कुमार ने किया है और उन दोनों के अतीत के आमने-सामने के आंकड़े इंग्लैंड के कप्तान के लिए गंभीर हैं : 32 गेंद, 30 रन, पांच बार आउट।
ये सभी शिकार भुवनेश्वर ने पहले तीन ओवरों के अंदर किए हैं और उनमें से ज़्यादातर सफलता स्विंग हो रही गेंद पर हासिल की है। बटलर ने इस टूर्नामेंट में सावधानी से शुरुआत की है, पावरप्ले में उन्होंने 108.16 के स्ट्राइक रेट से बल्लेबाज़ी की है और पहले तीन ओवरों में उनका स्ट्राइक रेट सिर्फ़ 93.54 का रहा है। वह गुरुवार को भी ऐसा ही रुख़ अपना सकते हैं।
इंग्लैंड के अपने सलामी जोड़ी में बदलाव की संभावना नहीं है। बटलर और ऐलेक्स हेल्स ने आख़िरी दो मैचों में 81 और 75 रनों की ओपनिंग साझेदारी की है। हालांकि बटलर को तुरंत भुवनेश्वर के सामने लाने से बचने के लिए इंग्लैंड एक मामूली समायोजन कर सकता है। हेल्स की वापसी के बाद से बटलर ने सात बार स्ट्राइक ली है लेकिन भुवनेश्वर की कम से कम गेंदों का सामना करने के लिए वह दूसरे नंबर पर जा सकते हैं।
सूर्यकुमार यादव बनाम मार्क वुड सूर्यकुमार यादव टी20 विश्व कप में ज़बरदस्त फ़ॉर्म में हैं और इंग्लैंड का प्रबंधन गुरुवार की तैयारी में सबसे अधिक समय इस बात पर विचार करने में लगाएगा कि उन्हें कैसे रोका जाए। उन्होंने इस टूर्नामेंट के दौरान हर पारी की शुरुआत पांचवें गियर में की है - पहली 10 गेंदों में उनका 174 का स्ट्राइक रेट उल्लेखनीय है - और मैच में पिछड़ने से बचने के लिए इंग्लैंड को उन्हें जल्दी आउट करना होगा।
सूर्यकुमार ने आईपीएल या द्विपक्षीय सीरीज़ में इंग्लैंड के कई गेंदबाज़ों का सामना किया है और उनके ख़िलाफ़ क़ामयाब हुए हैं लेकिन दो संभावित मैचअप है जो इंग्लैंड के पक्ष में जा सकते हैं। पहले हैं करन, जिन्होंने सूर्यकुमार को आठ गेंदें फेंकी हैं और उन्हें दो बार आउट किया है। दोनों विकेट धीमी गेंदों पर आई थी जो डीप स्क्वेयर लेग पर पकड़ी गई थी, लिहाज़ा उम्मीद है कि करन गति कम करेंगे और सूर्यकुमार आड़े बल्ले से मारेंगे।
दूसरे हैं वुड, जिनकी टी20 क्रिकेट में सात गेंदों पर सूर्यकुमार ने छह रन बनाए हैं। सूर्या ने अक्सर तेज़ गति के ख़िलाफ़ उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है और एडिलेड में उछाल ऑस्ट्रेलिया के कुछ मैदानों की तरह तेज़ नहीं है, लेकिन वुड के अनोखे एक्शन के कारण वह शुरुआत में परेशान हो सकते हैं। लंबी सीधी बाउंड्री होने के कारण बटलर, हुक और अपर कट के लिए डीप थर्ड और फ़ाइन लेग पर एक कैचिंग फ़ील्डर लगा सकते हैं।