दुबई में रोमांच का तड़का रविवार को चरम पर रहने वाला है। भारत और न्यूज़ीलैंड की टीमें
चैंपियंस ट्रॉफ़ी के फ़ाइनल में भिड़ती नज़र आएंगी। भारतीय टीम टूर्नामेंट में अब तक अजेय रही है और उन्होंने अपने सभी चार मैचों में जीत हासिल की है। दूसरी ओर न्यूज़ीलैंड को टूर्नामेंट में इकलौती हार भारत ने ही थमाई है। फ़ाइनल मैच में दोनों ही टीमें ख़िताब जीतने के लिए पूरा जोर लगाने वाली हैं। भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच ICC वनडे टूर्नामेंट में नॉकआउट के कुछ मैच पहले भी हो चुके हैं और इनमें न्यूज़ीलैंड का पलड़ा थोड़ा भारी रहा है। एक नज़र डालते हैं इन टीमों के बीच ICC के वनडे टूर्नामेंट में हो चुके तीन नॉकआउट मैचों पर।
केयर्न्स ने दिलाई न्यूज़ीलैंड को रोमांचक जीत
भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच ही 2000 में चैंपियंस ट्रॉफ़ी का फ़ाइनल खेला गया था। पहली बार दोनों टीमें ICC टूर्नामेंट के नॉकआउट में आमने-सामने थीं। भारत ने कप्तान सौरव गांगुली के शानदार शतक और मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के अर्धशतक के दम पर पहले बल्लेबाज़ी करते हुए छह विकेट के नुक़सान पर 264 रन बनाए थे। उस समय वनडे क्रिकेट में ये स्कोर काफ़ी अच्छा माना जाता था। लक्ष्य का पीछा करते हुए न्यूज़ीलैंड ने केवल 132 के स्कोर पर ही पांच विकेट गंवा दिए थे और भारत की स्थिति मजबूत दिख रही थी। हालांकि, इसके बाद क्रिस केयर्न्स ने अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक खेल दी। यह पारी इस वजह से भी ख़ास थी क्योंकि एक दिन पहले तक बुखार के कारण उनके इस मैच में उतरने की उम्मीद नहीं थी, लेकिन वह बुखार मे दवाई लेकर उतरे और उन्होंने नाबाद 102 रन बनाते हुए क्रिस हैरिस के साथ मिलकर अपनी टीम को दो गेंद शेष रहते फ़ाइनल जिताया। गौरतलब है कि ये न्यूज़ीलैंड द्वारा जीती गई पहली ICC ट्रॉफ़ी है जो स्टीफन फ़्लेमिंग की कप्तानी में आई थी। इसके बाद 2021 में केन विलियमसन की कप्तानी में न्यूज़ीलैंड ने WTC के फ़ाइनल में हराकर दूसरी ट्रॉफ़ी अपने नाम की।
जब करोड़ों भारतीयों का टूटा दिल
2019 के वनडे विश्व कप में भारतीय टीम का प्रदर्शन शानदार रहा था। लीग स्टेज में उन्होंने कमाल करते हुए सेमीफ़ाइनल तक का सफ़र काफ़ी आसानी से पूरा किया था। यहां उनका सामना न्यूज़ीलैंड से हुआ और मैच में इंद्रदेव ने भी ख़ूब विघ्न डाला। पहले दिन मैच पूरा नहीं हो पाने के कारण रिजर्व डे का इस्तेमाल किया गया। केन विलियमसन और रॉस टेलर के अर्धशतकों के दम पर न्यूज़ीलैंड ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए आठ विकेट के नुक़सान पर 239 रन बनाए थे। भारत की फ़ॉर्म को देखते हुए ये स्कोर बड़ा आसान दिखाई पड़ रहा था। हालांकि, मैट हेनरी ने शुरुआत में ही भारत के शीर्षक्रम को झकझोर दिया। रोहित शर्मा से लेकर विराट कोहली तक तमाम सितारे फ़्लॉप हो गए और भारत वे केवल 92 के स्कोर पर ही छह विकेट गंवा दिए थे। यहां से न्यूज़ीलैंड आसानी से मैच जीतती दिख रही थी, लेकिन रवींद्र जाडेजा और महेंद्र सिंह धोनी के बीच सातवें विकेट के लिए हुई शतकीय साझेदारी ने भारत को 200 का आंकड़ा पार कराया। ऐसा लगा कि अब मैच भारत के पक्ष में मुड़ चुका है, लेकिन तभी जाडेजा 77 रन बनाकर आउट हो गए। हालांकि, धोनी के मौज़ूद रहने की वजह से भारतीय फैंस की उम्मीद बनी हुई थी। मार्टिन गप्टिल ने सटीक डायरेक्ट हिट लगाते हुए धोनी की पारी का ऐसा अंत किया जिसने करोड़ों भारतीयों के दिल तोड़ दिए। यही धोना का भारत के लिए आख़िरी मैच भी साबित हुआ।
अय्यर, कोहली और शमी ने पूरा कराया बदला
2023 के वनडे विश्व कप के सेमीफ़ाइनल में एक बार फिर न्यूज़ीलैंड का सामना भारत से हुआ, लेकिन इस बार मैच मुंबई में था। क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन की उपस्थिति में विराट कोहली ने अपना 50वां वनडे शतक लगाया और उनके रिकॉर्ड को तोड़ा। युवा श्रेयस अय्यर ने भी केवल 67 गेंदों में ही शतक लगाते हुए ICC वनडे टूर्नामेंट का सबसे तेज़ शतक जड़ा। इन दोनों के शानदार प्रदर्शन और शुभमन गिल के अर्धशतक के दम पर भारत ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए चार विकेट के नुक़सान पर 397 रन बना दिए। इस स्कोर का पीछा करते हुए न्यूज़ीलैंड को मोहम्मद शमी ने लगातार अंतराल पर झटके दिए, लेकिन डैरिल मिचेल शतक लगाकर लगातार जूझते भी रहे। शमी ने सात विकेट लेते हुए न्यूज़ीलैंड को लक्ष्य से दूर रखा और भारत को 70 रन से जीत दिलाई। ये पहला मौक़ा था जब नॉकआउट में भारत ने न्यूज़ीलैंड की बाधा को पार किया था।