भारत ने
पाकिस्तान के ख़िलाफ़
एशिया कप मुक़ाबले के लिए कोई अलग से तैयारी नहीं की है, हालांकि यह टीम लोगों के भावनाओं का सम्मान भी करती है। यह कहना है भारतीय टीम के सहायक कोच
रायन टेन डेशकाटे का।
मैच की पूर्व संध्या पर पत्रकारों से बात करते हुए टेन डेशकाटे ने कहा, "यह बहुत संवेदनशील मुद्दा है और मुझे यकीन है कि खिलाड़ी, भारतीय जनता की भावनाओं और संवेदनाओं को साझा करते हैं। एशिया कप लंबे समय तक अधर में था और हमें एक समय लगा था कि हम यहां नहीं आएंगे।
"आप जानते हैं कि भारतीय सरकार का रुख़ क्या है और अब टीम और ख़ास तौर पर खिलाड़ियों को उन भावनाओं को पीछे रखना होगा। इस पर हमने आज टीम मीटिंग में भी बात की। हमें लोगों की भावनाओं का अहसास है, लेकिन साथ ही हमें मैदान में उतरकर अपने देश के लिए खेलना है और हालात को देखते हुए जितना पेशेवर और फ़ोकस्ड हो सकते हैं, रहना है।"
काम पर ध्यान देने की प्रक्रिया समझाते हुए टेन डेशकाटे ने कोच
गौतम गंभीर द्वारा टीम को दिए गए संदेश को साझा किया। उन्होंने कहा कि टीम प्रबंधन को खिलाड़ियों को बाहरी शोर-शराबे से बचाने की जरूरत नहीं पड़ी।
उन्होंंने कहा, "जब एक बार पता चल गया कि हम यहां खेलने आ रहे हैं, तो हमने बस अपने काम पर ध्यान दिया। इस मैच के लिए हमने कोई अलग तैयारी नहीं की है, लेकिन हम भावनाओं और मजबूत राय से ज़रूर वाकिफ हैं। गौती का संदेश पेशेवर रहा है कि ऐसी चीज़ों की चिंता मत करें, जो हमारे नियंत्रण में नहीं हैं और क्रिकेट को भावनाओं से दूर रहकर खेलें। मुझे यकीन है कि ये खिलाड़ी काफ़ी पेशेवर हैं। हर व्यक्ति का इस पूरे हालात [भू-राजनीतिक तनाव] को लेकर अलग नज़रिया है, लेकिन संदेश यही है कि क्रिकेट पर ध्यान दें और कल के मैच पर फ़ोकस करें।"
टेन डेशकाटे ने आगे कहा, "दूसरी सोच यह है कि खेल और राजनीति को अलग रखा जाए और इस पर लोगों की अलग राय हो सकती है। उम्मीद है कि हमारा खेलना, खिलाड़ियों की देश के प्रति भावनाओं को दर्शा सके। मैं स्थिति समझता हूं और जैसा मैंने समझाया, भावनाएं भी समझता हूं। हम वही कर रहे हैं जो BCCI और भारतीय सरकार ने इस समय देश के लिए सही समझा है।
"मैं चैंपियंस ट्रॉफ़ी के मैच में ज्यादा तनाव की उम्मीद कर रहा था। मुझे वहां भी वैसा महसूस नहीं हुआ। निश्चित रूप से, इस सप्ताह की तैयारी और फ़ोकस किसी और अहम मैच जैसा ही रहा है। पाकिस्तान ने अब समझना शुरू कर दिया है कि वे T20 क्रिकेट कैसे खेलना चाहते हैं। तो यह पिछले 24 महीनों की तुलना में थोड़ा अलग चुनौती होगी। लेकिन हम अपने खेल पर ध्यान देना चाहते हैं और कैसे खेलना है यह हमारे लिए सबसे अहम है, क्योंकि इस टूर्नामेंट में हमें पाकिस्तान के ख़िलाफ़ एक-दो बार और खेलना पड़ सकता है और अगले छह महीनों में विश्व कप भी है। फिर वही बात आती है कि हमें अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखना है और हर मैच के लिए एक जैसी तैयारी करनी है।"