अंतर्राष्ट्रीय पुरुष क्रिकेट में भविष्य में होने वाले दौरों के कार्यक्रम (एफ़टीपी) का ऐलान हो चुका है। इसमें 2023 से 2027 तक के कार्यक्रम की घोषणा की गई है। इस बार के एफ़टीपी की घोषणा थोड़ी देर से हुई। शायद इसका एक कारण यह है कि हालिया समय में काफ़ी मैच खेले जा रहे हैं। साथ ही आईसीसी के द्वारा आयोजित की जाने वाली भी कई प्रतियोगिताएं हैं। आइए देखते हैं कि अगले चार वर्षों में क्रिकेट का कैलेंडर कैसा दिख रहा है।
पहले से अधिक अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट
हालिया समय में घरेलू टी20 लीग की संख्या में काफ़ी बढ़ोतरी देखने को मिली है। साउथ अफ़्रीका और यूएई में जनवरी से एक नई टी20 लीग की शुरुआत हो रही है। आईसीसी के नए एफ़टीपी चक्र के दौरान अंतर्राष्ट्रीय मैचों की संख्या में वृद्धि हुई है। वर्तमान एफ़टीपी (2019-23) में 694 मैच खेले गए थे। हालांकि अब 12 पूर्ण सदस्यीय टीमें अगले चार साल की अवधि में 777 अंतर्राष्ट्रीय मैच ( 173 टेस्ट, 281 वनडे और 323 टी20 मैच) खेलेंगे। इसमें आईसीसी टूर्नामेंटों में होने वाले मैचों को नहीं जोड़ा गया है। कुल मिला कर देश-बनाम-फ़्रैंचाइज़ी बहस के और तेज़ होने की उम्मीद है।
टेस्ट मैचों की संख्या में वृद्धि
2019-23 के एफ़टीपी चक्र की तुलना में अब अधिक टेस्ट मैच निर्धारित किए गए हैं। हालांकि अगर आप थोड़ी और गहराई से देखें तो यह टेस्ट क्रिकेट के स्वास्थ्य के बारे में चिंतित लोगों के लिए आशावाद का कारण नहीं है। विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) खेलने वाले नौ देशों में से चार देश कम टेस्ट मैच खेलेंगे। जैसे कि इस बार इंग्लैंड छह कम टेस्ट खेलेगा। यदि ऑस्ट्रेलिया के साथ साउथ अफ़्रीका की टेस्ट श्रृंखला रद्द नहीं की गई होती, तो वे भी नए चक्र में सबसे लंबे प्रारूप से कम टेस्ट खेल रहे होते। एफ़टीपी में टेस्ट की संख्या में बड़ा उछाल अफ़ग़ानिस्तान के कारण आया है।
बांग्लादेश का व्यस्त कार्यक्रम
नए एफ़टीपी में सबसे अधिक मैच कौन खेल रहा है? इस सवाल का जवाब भारत या इंग्लैंड नहीं है बल्कि बांग्लादेश है। अगले चार साल के चक्र में उनके पास 150 द्विपक्षीय अंतर्राष्ट्रीय मैच हैं। एक तरफ़ जहां वनडे मैचों की बात को लेकर बड़बड़ाहट बढ़ रही है, वहीं बांग्लादेश 59 मैच खेलकर 50 ओवर के प्रारूप को सबसे अधिक प्यार दे रहा है। इसके अलावा वे 34 टेस्ट खेलेंगे।
साउथ अफ़्रीका का क्या मामला है?
व्यस्तता के पैमाने के दूसरे छोर पर आपके पास साउथ अफ़्रीका है, जो नए एफ़टीपी में केवल 113 द्विपक्षीय अंतर्राष्ट्रीय मैच खेल रहा है। यह सिर्फ़ आयरलैंड और ज़िम्बाब्वे से ज़्यादा है। साउथ अफ़्रीका के कार्यक्रम में बांग्लादेश और न्यूज़ीलैंड की तुलना में दूसरे सबसे कम टी20 (46), सबसे कम वनडे (39) और कम टेस्ट (28) शामिल हैं। 2023-25 विश्व टेस्ट चैंपियनशिप चक्र में, साउथ अफ़्रीका दो टेस्ट से अधिक लंबी कोई श्रृंखला नहीं खेल रहा है (और वे वर्तमान में उस तालिका में शीर्ष पर हैं और संभावित फ़ाइनलिस्ट हैं)। इसका एक कारण यह भी हो सकता है कि क्रिकेट साउथ अफ़्रीका अपने अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों को जनवरी में अपनी नई टी20 लीग खेलने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र रखना चाहता है, और फिर ढाई महीने की आईपीएल विंडो है, जिसके दौरान उनके कई शीर्ष खिलाड़ी भारत में होंगे।
सभी के लिए टी20 विंडो
इस एफ़टीपी की एक अन्य विशेषता विभिन्न देशों की टी20 लीग के लिए बनाई गई विंडो की संख्या है। सबसे बड़ी विंडो आईपीएल के लिए है। 2023 और 2027 के बीच मार्च के मध्य से मई के अंत तक बहुत कम अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट निर्धारित है, ताकि (पाकिस्तान को छोड़कर) दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी आईपीएल में भाग ले सकें। अन्य देशों में उनकी लीग के लिए विभिन्न प्रकार की विंडो हैं। ऑस्ट्रेलिया ने अपने पारंपरिक जनवरी स्लॉट में सफ़ेद गेंद के मैचों को कम करने की कोशिश की है ताकि उनके अपने खिलाड़ी बिग बैश लीग में खेल सकें; बांग्लादेश ने हर जनवरी को बांग्लादेश प्रीमियर लीग के लिए खाली रखा है; इंग्लैंड ने अगस्त में हंड्रेड के लिए एक छोटी विंडो रखी है; साउथ अफ़्रीका भी अपनी लीग के लिए ऐसा ही कर रहा है; पाकिस्तान सुपर लीग का समय बदलता है लेकिन हर साल इसके लिए एक विंडो होती है; और कैरेबियन प्रीमियर लीग अगस्त-सितंबर में होती है।
वनडे मैचों के लिए बुरी ख़बर?
टी20 क्रांति तभी शुरू हुई जब भारत ने 2007 विश्व टी20 में अपनी जीत के बाद खुले हाथों से सबसे छोटे प्रारूप को अपनाया। भारत 2023-27 एफ़टीपी चक्र में केवल 42 वनडे मैच खेल रहा है, जो 12 पूर्ण सदस्यीय टीमों में दूसरा सबसे कम है, और वे तीन वनडे मैचों से अधिक वाली कोई श्रृंखला नहीं खेल रहा है।
बिग थ्री के बीच ज़्यादा मैच
भारत, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया भी नए एफ़टीपी में मौजूदा एफ़टीपी की तुलना में एक दूसरे के साथ ज़्यादा मैच खेलेंगे। 2019 और 2023 के उनके बीच 65 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेले जाने थे - 27 टेस्ट, 21 वनडे और 17 टी20। अगले चार साल के चक्र में वे एक दूसरे के ख़िलाफ़ कुल 78 मैच खेलेंगे, जिसमें 30 टेस्ट, 20 वनडे और 28 टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैच शामिल हैं।
अफ़ग़ानिस्तान की टेस्ट क्रांति
2018 में भारत में अपने टेस्ट डेब्यू के बाद से अफ़ग़ानिस्तान ने अब तक कुल छह टेस्ट मैच खेले हैं। अगले चक्र में उन्हें काफ़ी टेस्ट मैच खेलने हैं। हालांकि यह देखना बाक़ी है कि इन 21 मैचों में से कितने मैच खेले जाएंगे।