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रोहित शर्मा: विश्व कप का दबाव ना बने इसलिए हम चीज़ों को सरल रख रहे हैं

सेमीफ़ाइनल से पहले भारतीय कप्तान ने कहा कि टीम का माहौल परिणाम पर निर्भर नहीं

Rohit Sharma gets ready for a training session on the eve of India's semi-final, India vs New Zealand, World Cup 2023, 1st semi-final, November 14, 2023

रोहित ने टीम के माहौल के बारे में खुलकर बात की  •  Getty Images

बुधवार को जब भारतीय टीम वानखेड़े स्‍टेडियम में कदम रखेगी तो उन पर विश्‍व कप सेमीफ़ाइनल का दबाव होगा। मैदान पर कदम रखने के बाद यह दबाव अपरिहार्य है, लेकिन जब टीम मैदान से दूर होती है, तो टीम प्रबंधन ने इसे कम करने के लिए हर संभव प्रयास किया है।
सेमीफ़ाइनल से पहले रोहित शर्मा ने खुलकर बताया कि दबाव से निजात पाने के लिए टीम प्रबंधन ने क्‍या किया है।
रोहित ने कहा, "पिछले साल ऑस्‍ट्रेलिया में हमने टी20 विश्‍व कप में इसी तरह से शुरुआत की थी। हम 10 से 15 दिन पहले ऑस्‍ट्रेलिया पहुंचे।हमने पर्थ में सात या आठ दिनों का छोटा कैंप किया। पर्थ के पास एक आईलैंड है, हम वहां पर गए। हम क्रिकेट से दूर चले गए। जब भी हमें मौक़ा मिलता है तो हमारा यही प्रयास होता है। इससे टीम का माहौल सही रहता है। यह केवल पिछले दो सालों से नहीं हो रहा है। यह पहले भी हुआ है। लेकिन अब मुझे नहीं पता कि अगर यह अधिक दिखने लगा है।"
यह इस विश्‍व कप में भी जारी है जहां टीम ऑफ़ फ़ील्‍ड एक्टिव‍िटी करती है, लेकिन इसकी और गहराई बताने से उन्‍होंने इनकार कर दिया।
उन्‍होंने कहा, "हमारा यही प्रयास रहता है कि टीम का माहौल परिणामों पर आ‍धारित नहीं हो। हमने वह माहौल बनाया जिसकी टीम को ज़रूरत है और यह एक या दो लड़कों से नहीं हो सकता है। यह जरूरी है कि सारे लड़के साथ आएं, सहायक स्‍टाफ़ भी। तो जब हम धर्मशाला में थे, हमारे पास वहां पर पांच या छह दिन का ब्रेक था। हम दो दिन धर्मशाला में रहे। हमने बहुत सारी एक्टिविटी वहां पर की। हमने वहां पर फ़ैशन शो किया, लेकिन किसी को इसके बारे में नहीं पता। यह अच्‍छा है कि किसी को इसके बारे में नहीं पता।"
उन्होंने आगे कहा, "तो यही प्रयास, टीम का माहौल है जिसके बारे में हम हमेशा बात करते हैं। यही वह माहौल है जहां पर हम शांत रह सकते हैं और सभी लड़कों को यह बहुत पसंद आ रहा है। आप जानते हैं जब आप मैदान पर होते हैं, वहां पर दबाव होता है, प्रदर्शन का दबाव होता है, मैच जीतने का दबाव होता है। यह बदल नहीं सकता, क्‍योंकि एक बार जब आप मैदान पर जाते हो तो यह व्‍यक्तिगत है कि वह कैसे इसको आगे लेकर जाना चाहता है।लेकिन उससे पहले हमने वह सब किया है जिसमें टीम का माहौल शांत हो। टीम का माहौल बहुत अच्‍छा है, हम शांत हैं, तो हां यह अच्‍छी चीज़ है।"
व्‍यक्तिगत स्‍तर पर रोहित ने कहा कि उनके परिवार का साथ होने से वह जब भी मौक़ा मिलता है, क्रिकेट से ध्‍यान हटा लेते हैं।
रोहित ने कहा, "मेरे साथ मेरा परिवार है, तो मेरा दिमाग़ बदलता रहता है, जो अच्‍छी बात है। जब मैं अपने होटल के कमरे में जाता हूं तो हमेशा क्रिकेट से अलग रहता हूं। हम कई और बातों पर बात करते हैं। यह अच्‍छी चीज़ है। आप क्रिकेट के बारे में बहुत सोचते हैं, हां लेकिन नहीं सोचने का भी आपके पास मौक़ा रहता है। क्‍योंकि अगर आप पूरे दिन सोचोगे तो क्‍या होगा? तो दूसरी चीज़ों के बारे में भी सोचना जरूरी है।"
रोहित ने बताया कि सभी को अपना काम पता है और वे सुरक्षित महसूस करते हैं और टीम प्रबंधन को खिलाड़‍ियों की काबिलियत पर विश्‍वास है।
"कप्‍तान के तौर पर मुझे विश्‍वास है, यदि आपने फ़ैसला कर लिया है कि कैसे टीम के तौर पर खेलना चाहते हो, तो सभी चीज़ साफ़ होना जरूरी है। और यदि कोई खिलाड़ी मैदान पर जाकर वैसा खेलता है जैसा आप चाहते हो तो आपको उस खिलाड़ी का समर्थन करना होता है और यही हमने किया है।"
"हमने कई खिलाड़‍ियों का बचाव किया है क्‍योंकि हमने उन्‍हें अलग रोल दिए और यदि वे अपने काम में सफल होते है तो अच्‍छा है और अगर नहीं भी होते तो हर मैच में काम सफल भी नहीं होता। हमने खिलाड़‍ियों का समर्थन किया और कहा कि हम तुम्‍हारे साथ हैं। इसी पर मैं विश्‍वास करता हूं और चाहता हूं कि जितना हो सके अपनी ओर से करूं। इस पर राहुल द्रविड़ भाई को भी श्रेय देना होगा जिन्‍होंने खिलाड़ी का तब समर्थन किया जब वह अपने प्‍लान पर नहीं गया।"
"तो हां, शुरुआत से हमने यही किया है और हम भविष्‍य में भी ऐसा करते रहेंगे। लेकिन हां, यह बहुत जरूरी है। हमने हर खिलाड़ी को मैदान पर उतरने और काम को अंज़ाम देने की आज़ादी दी है। तो हां ये दो चीजें- रोल के बारे में स्पष्टता और खिलाड़ी को दी गई आज़ादी हमारे लिए सबसे अहम है।"