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बुमराह ने दी जीत की ज्योत को चिंगारी

भारत की लॉर्ड्स पर शानदार जीत के पीछे बुमराह का हाथ

ऑफ़ स्टंप के काफ़ी बाहर एक छोटी लंबाई की गेंद पर जॉस बटलर जमकर बरसे, लेकिन गेंद ने बाहरी किनारा लेते हुए पहले स्लिप पर खड़े कप्तान विराट कोहली तक का सफ़र तय किया। कोहली की आंखों में एक बड़े विकेट का स्वाद दिखने लगा पर गेंद उनके रिवर्स कप किए हाथ से छिटक गई। फ़्लडलाइट की रोशनी में नहाए लॉर्ड्स के मैदान में कहीं से निकली राहत की सांस तो और कहीं से तालियों की गूंज।
जसप्रीत बुमराह, वह गेंदबाज़ जिससे विकेट लेने का मौक़ा छूटा, ख़ुशी के मारे कोहली की ओर दौड़ने लगे थे। अब उन्होंने गुस्से से अपने दाएं पैर को उठाया और मैदान पर दे मारा। ओवर की समाप्ति पर कोहली ने बुमराह से माफ़ी मांगते हुए बताया कि गेंद इतनी तेज़ी से उनके पास आई कि उन्हें देखने का समय नहीं मिला। बुमराह ने माफ़ी को स्वीकारा पर कहीं न कहीं उनकी निराशा साफ़ दिखाई दी।
बुमराह उस वक़्त कहर बरपा रहे थे बटलर केवल दो रन पर खेल रहे थे और भारत एक अविश्वसनीय जीत से मात्र पांच विकेट दूर था। मैच के आखरी सत्र की शुरुआत बुमराह ने सीरीज़ के श्रेष्ठ बल्लेबाज़ जो रुट के विकेट से की थी।
रूट इंग्लैंड के स्तंभ के रुप में उभर आए हैं और उनके स्कोर रहे हैं 64, 109 और पहली पारी में 180 नाबाद। सोमवार को वह बल्लेबाज़ी तब करने आए जब लॉर्ड्स में पहली बार इंग्लैंड के दोनों ओपनर बिना खाता खोले आउट हो चुके थे। ट्रेंट ब्रिज में बुमराह ने चौथे दिन के खेल में रूट के बल्ले का बाहरी किनारा लेकर भारत को मज़बूत स्थिति में ला खड़ा किया था। लॉर्ड्स के पहली पारी में तो रूट का इलाज कोई भी गेंदबाज़ नहीं ढूंढ पाया।
पांच टेस्ट सीरीज़ का मज़ा यही है कि हर बल्लेबाज़ और गेंदबाज़ को नई तरक़ीबें सोचने का भरपूर मौक़ा मिलता है। इससे खिलाड़ियों के बीच के मुक़ाबले टेस्ट क्रिकेट के नाटक को एक नए शिखर तक पहुंचा देती हैं।
रुट एक बार फिर भारतीय गेंदबाज़ों को क़ाबू करते हुए रन बटोर रहे थे लेकिन दूसरे छोर से दबाव के चलते विकेट भी गिरे जा रहे थे। इसका सिलसिला भी बुमराह ने पहली ओवर में रोरी बर्न्स को छकाकर शुरू किया था। लगातार दबाव में आए बर्न्स ने बल्ले का मूंह जल्दी बंद करते हुए मिड ऑफ़ में आसान कैच दे दिया।
बुमराह लगातार रूट के ऑफ़ स्टंप पर गेंद डाल रहे थे और उन्हें खेलने पर मजबूर कर रहे थे। जिस गेंद पर उनका विकेट गिरा उस गेंद के लिए बुमराह स्टंप के काफ़ी दूर से आए और रूट को फिर से सुरक्षात्मक शॉट खेलने पर विवश किया। गेंद थोड़ी सी बाहर निकली और बल्ले का किनारा चूमती हुई जा बैठी कोहली के हाथों में। जहां कोहली ख़ुशी के मारे जश्न मनाने लगे वहीं रूट सिर झुकाकर मैदान से चल दिए। बुमराह को देख कर ऐसा ही लगा जैसे उनके जाल में रूट को तो फंसना ही था।
दरअसल बुमराह ने तो दिन के शुरुआत से ही मेज़बान को परेशान कर रखा था। ऋषभ पंत के जल्दी आउट होने से इंग्लैंड की उम्मीदें जाग उठीं थीं पर कहानी में ट्विस्ट तब आया जब बुमराह और मोहम्मद शमी ने नौवें विकेट के लिए नाबाद 89 रन जोड़े।
जब बुमराह को दोबारा बोलिंग मिली तो 16 ओवर शेष थे, सात विकेट गिर चुके थे लेकिन बटलर और ऑली रॉबिन्सन की जोड़ी भारत का डटकर मुक़ाबला कर रहे थे। बुमराह ने सीधे बटलर पर निशाना साधा। पहले उनको ऑफ़ स्टंप पर डिफ़ेंड करने पर मजबूर किया, फिर एक बाउंसर डाला और फिर दो बार बाहरी किनारा लगवाया। एक गेंद केएल राहुल तक पहुंचते हुए ज़मीन पर गिरी तो दूसरी स्लिप और गली के बीच से निकल गया। फिर आया ड्रिंक्स और खेल का आख़िरी निर्णायक घंटा।
पांच और ओवर गुज़रने के बाद बुमराह रॉबिन्सन के लिए राउंड द विकेट आए और आते ही दो बाउंसर मारकर उन्हें पीछे धकेला। दूसरे बाउंसर को नो बॉल करार दिया गया और बुमराह फिर से गेंद डालने अपने रन अप तक पहुंच। अब वो क्या करने वाले थे?
बुमराह आए और हमेशा की तरह उनके हाथों के गति से यही लगा कि गेंद तेज़ ही होगी, पर उन्होंने उंगलियों और कलाईयों के सहारे गेंद से गति निकाल ली थी। रॉबिन्सन लाइन खेलने गए मगर धीमे ऑफ़ कटर को पढ़ नहीं पाए। गेंद जाकर पीछे के पैर पर टकराई लेकिन अंपायर रिचर्ड इलिंगवर्थ को शायद लगा गेंद अंदरूनी किनारा लेती हुई गई थी। कोहली ने तुरंत रिव्यू ले लिया और रीप्ले ने बुमराह के गेंद की पुष्टि की। बुमराह मुस्कुराते हुए ताली बजाने लगे। टीवी पर माइकल होल्डिंग जैसे दिग्गज ने गेंदबाज़ की सराहना की।
जब मोहम्मद सिराज ने आख़िर के विकेट गिराकर मैच ख़त्म किया तो स्क्वायर लेग पर खड़े बुमराह ख़ुशी से उछल पड़े। यह सीरीज़ बुमराह के लिए काफ़ी भावुक रही है। ट्रेंट ब्रिज के बाद उन्होंने एक ट्वीट में लिखा कि "मुझे अब भी आपकी ज़रुरत नहीं"। क्या यह उन आलोचकों के लिए था जिन्होंने विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फ़ाइनल में बुमराह के प्रदर्शन पर नाराज़गी जताई थी?
लॉर्ड्स में भी बुमराह पहली पारी में विकेट लेने में असफल रहे। पारी की समाप्ति में उन्होंने एक 10-बॉल ओवर के दौरान जेम्स एंडरसन पर बाउंसर की जो बौछार की थी उससे दोनों टीमों के बीच तनाव बढ़ गया था।
इस तनाव के बीच पांचवे दिन के शुरुआत में बल्लेबाज़ बुमराह को भी काफ़ी कठिनाईयों का सामना करना पड़ा। उस कठिनाई को मैच जिताने वाली साझेदारी में बदला बुमराह और शमी ने और बुमराह की गेंदबाज़ी के चलते भारत लगभग जीत का स्वाद चख ही चुका था। यह एक टीम प्रदर्शन कहलाया जाएगा, लेकिन जीत की ज्योत को चिंगारी देने का काम जसप्रीत बुमराह का ही था।

नागराज गोलापुड़ी ESPNcricinfo में न्यूज एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सीनियर सहायक एडिटर और स्थानीय भाषा लीड देबायन सेन (@debayansen) ने किया है।