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इंग्लैंड के ख़िलाफ़ धारदार गेंदबाज़ी करने के बाद बुमराह ने बताई अपनी रणनीति

पहले स्पेल में महंगे साबित होने के बाद बुमराह ने छह विकेट झटकते हुए ग़जब की वापसी की

जसप्रीत बुमराह ने दूसरे टेस्ट में इंग्लैंड की पहली पारी के दौरान छह विकेट लेकर इंग्लैंड की टीम को काफ़ी मुश्किल में डाल दिया है। दूसरे दिन का खेल ख़त्म होने के बाद बुमराह ने कहा, "लंच के बाद जब मुकेश ने गेंदबाज़ी करनी शुरू की तो मुझे यह संदेश आया कि गेंद रिवर्स स्विंग हो रही है और गेंद तब तक सख़्त ही थी। इसलिए मुझे गेंदबाज़ी करनी पड़ सकती है।"
जब गेंद नई थी तो उसमें ज़्यादा हरकत देखने को नहीं मिल रही थी। बुमराह के पहले स्पेल के दौरान उनके ख़िलाफ़ काफ़ी रन बनाए गए। उन्होंने पहले पांच ओवर में कुल 25 रन ख़र्च किए थे। हालांकि उसके बाद उन्होंने कमाल की वापसी की। उन्होंने उस दौरान कुल 10.5 ओवर की गेंदबाज़ी करते हुए सिर्फ़ 20 रन देकर छह विकेट लिए।
बुमराह इस बात से काफ़ी ख़ुश थे कि उन्हें इस तरह की सफलता मिल रही है। हालांकि वह इससे अतिउत्साहित नहीं हो रहे हैं।
उन्होंने कहा, "जब आपकी टीम में तीन स्पिनर होते हैं तो ज़्यादातर काम वही करते हैं लेकिन इसके साथ आपको यह भी समझना होता है कि आपको भी मैच में प्रभाव डालने का प्रयास करना होगा। आज का दिन मेरे लिए काफ़ी अच्छा था कि मुझे छह विकेट मिले लेकिन ऐसा हर दिन नहीं होने वाला है। हालांकि जहां तक संभव होगा मैं लगातार टीम की मदद करने का प्रयास करूंगा। मैं यह सोचने की कोशिश करता हूं कि विपक्षी टीम को कैसे मुश्किल में डाला जाए। मैं लगातार इस तरह के प्रश्नों का हल ढूंढने का प्रयास करता रहता हूं।"
बुमराह ने अपने स्पेल के दौरान ज़्यादातर मुख्य बल्लेबाज़ों का ही विकेट लिया, जिसके कारण इंग्लैंड की टीम को और भी ज़्यादा बैकफ़ुट पर जाना पड़ा। उन्होंने नंबर तीन से लेकर नंबर छह तक के बल्लेबाज़ों को पवेलियन का रास्ता दिखाया। इसके बाद उन्होंने नंबर नौ और दस के बल्लेबाज़ को भी आउट किया।
उन्होंने ब्रॉडकास्टर से कहा, "जो रूट का विकेट लेकर मुझे सबसे अधिक ख़ुशी हुई। हम समझते हैं कि इस टेस्ट मैच में यह एक महत्वपूर्ण विकेट है। वह एक विश्व स्तरीय बल्लेबाज़ हैं और हम जानते हैं कि इस विकेट पर उनका विकेट लेना वास्तव में महत्वपूर्ण था क्योंकि विकेट में गेंदबाज़ों के लिए ज़्यादा मदद नहीं थी। यह एक धीमा विकेट है। जिस वक़्त हमें वह विकेट मिली, वह एक बहुत ही महत्वपूर्ण चरण था।"
रूट के ख़िलाफ़ बुमराह का रिकॉर्ड शानदार है: उन्होंने 20 पारियों में 245 रन देकर आठ बार आउट किया है।
एक समय पर भारत के द्वारा बनाया गया 396 का स्कोर कहीं से भी पर्याप्त नहीं दिख रहा था लेकिन बुमराह ने जिस तरह से भारतीय टीम की वापसी कराई, उससे भारत का पलड़ा भारी हो गया। उन्होंने कहा, ''कल शाम को हमें लगा कि हमने दो-तीन विकेट ज़्यादा खो दिए। हालांकि यशस्वी ने शानदार पारी खेली और हमें खेल में बनाए रखा। विकेट में गेंदबाज़ों के लिए कुछ ख़ास नहीं था। कुछ एक गेंदें अचानक से टर्न कर सकती हैं या फिर स्विंग कर सकती है। नई गेंद के साथ भी कुछ ख़ास नहीं हो रहा था। ऐसा लगा कि आप नई गेंद के बजाय पुरानी गेंद से गेंदबाज़ी करना पसंद करेंगे।"
बुमराह के शुरुआती स्पेल में बल्लेबाज़ों ने बुमराह के ख़िलाफ़ कुछ कड़े प्रहार किए लेकिन इससे उन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। उन्होंने कहा, "आपको इस बात से सचेत रहना होगा कि आप क्या करना चाहते हैं क्योंकि अगर गेंद ज़्यादा कुछ नहीं कर रही है तो आप टीम को नियंत्रण देना चाहते हैं। मैं बस उस पर ध्यान केंद्रित कर रहा था। ज़ाहिर तौर पर कुछ अच्छी गेंदें भी चौके के लिए गईं, लेकिन ऐसा होता रहता है। अगर मैं ख़ुद का समर्थन करता हूं और अगर मैं कुछ अच्छी गेंदें फेंकता हूं, तो आपको लगता है कि आप हमेशा गेम में बने हुए हैं।"
बुमराह ने घरेलू पिचों की तुलना में (6 मैच) विदेशी धरती पर(28) अधिक टेस्ट खेले हैं। हालांकि इसके बावजूद वह बढ़िया प्रदर्शन करने में सफल रहे क्योंकि वह हमेशा प्रयास करते हैं कि मैच को आसान प्रश्नों में विभाजित करके, उसके जवाब ढूंढने का प्रयास करते हैं।
"मैंने अपनी यात्रा साउथ अफ़्रीका में शुरू की थी। मुझे इसका अनुभव है कि घरेलू पिचों पर क्या करना चाहिए। यह सही है कि मैंने यहां कम टेस्ट मैच खेले हैं। इसलिए जब मैं प्रथम श्रेणी क्रिकेट में वापस जाता हूं तो इस बात को समझने का प्रयास करता हूं कि मुझे यहां किस तरह की गेंदबाज़ी करनी चाहिए। इसके अलावा खेल पर नज़र रखना भी ज़रूरी है।"

अलगप्पन मुथु ESPNcricinfo के सब एडटर हैं